2 साल के कामकाज का… ब्यौरा तैयार करने में जुटे मंत्री

चिंतन बैठक की तैयारियों को लेकर जारी है कवायद

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। पांच दिन बाद

पचमढ़ी में होने वाली शिव मंत्रिमंडल की चिंतन मनन बैठक को लेकर अब हलचल तेज हो गई है। इस बैठक को लेकर वे मंत्री जरुर हैरान परेशान दिख रहे हैं, जिनकी विभाग में पकड़ बेहद कमजोर हैं और उनके विभाग का कामकाज भी बेहद खराब बना हुआ है। इस बैठक को मंत्रियों के कामकाज से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। दरअसल यह बैठक ऐसे समय हो रही है , जब सूबे में मंत्रिमंडल पुर्नगठन को लेकर चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। होली के त्यौहार और फिर उसके बाद दो दिनों के अवकाश में भी अफसर मंत्रालय में सक्रिय बने रहे हैं।
इसकी वजह है मंत्री अफसरों से लगातार सम्पर्क कर विभाग के कामकाज की जानकारी जुटा रहे हैं।  दरअसल 26 एंव 27 मार्च को दो दिन तक पचमढ़ी में सीएम मंत्रियों के विभागों की समीक्षा करने जा रहे हैं साथ ही मंत्रियों से उनके विभागों की प्राथमिकता वाली योजनाओं पर भी मंथन करने वाले हैं। इस दौरान मंत्रियों से उनके दो साल के कामकाज का हिसाब किताब भी पूछा जाएगा। शिविर में केन्द्र और राज्य सरकार की उनके विभागों से जुड़ी योजनाओं की जमीनी हकीकत और उनमें रह जाने वाली खामियों पर भी विस्तृत बात की जानी है। बताया जा रहा है कि दो दिनी बैठक में हर मंत्री को अपने विभाग का प्रजेन्टेशन देना है, जिसमें उन्हें  यह भी बताना है कि उनके विभाग में क्या नवाचार किए गए और कौन से ऐसे काम थे जिन्हें करने में विभाग अब तक असफल है और उसके क्या कारण हैं। उनके प्रजेन्टेशन के बाद ही परर्फामेन्स का आंकलन किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद सीएम मंत्रियों के विभागों में फेरबदल भी कर सकते हैं। गौरतलब है कि उपचुनाव में ऐदल सिंह कंसाना, इमरती देवी व गिर्राज दंडोतिया के हारने के बाद से महिला बाल विकास विभाग, पीएचई और जनसंपर्क विभाग सीएम ने अपने पास ही रखे हुए हैं। कुछ मंत्री अपने विभागों से संतुष्ट नहीं हैं ,जिसकी वजह से वे नया विभाग चाहते हैं। वहीं जिन मंत्रियों के पास ठीक ठाक विभाग हैं उन्हें इस बात का अंदेशा सता रहा है कि कहीं उनके विभाग को बदल न दिया जाए। मंत्रियों के साथ  होने वाली इस चिंतन बैठक में प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं के संचालन पर प्रजेंटेशन तो किया ही जाएगा , साथ ही सीएम मंत्रियों के विभागवार परफॉरमेंस की जानकारी भी मंत्रियों को देंगे। जिन मंत्रियों ने अच्छा काम किया है, उन्हें मिशन-2023 के लिए नए टास्क भी दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। अप्रैल से कार्ययोजना बनाकर सभी योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। प्रतिमाह योजना का बड़ा कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। हितग्राहियों से सीधा संवाद करने के साथ-साथ योजनाओं की मैदानी स्थिति भी देखी जाएगी। मुख्यमंत्री जिस तरह अलग- अलग जिलों में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होते हैं, वैसे ही मंत्रियों को भी सक्रिय किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में केंद्रीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने, समय पर प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजने, केंद्रीय मंत्री और अधिकारियों से संपर्क करने, विभागीय योजनाओं का प्रतिमाह का भौतिक और वित्तीय लक्ष्य तय करने सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
इन योजनाओं पर रहेगा फोकस
चिंतन बैठक के दौरान 12 अलग-अलग विषयों को लेकर बनाए गए मंत्री समूहों की रिपोर्ट का प्रजेंटेशन पचमढ़ी में होगा। इसको लेकर 25 मार्च तक आॅनलाइन सुझाव भी मांगे गए हैं, जिन्हें मंत्री समूह की रिपोर्ट में तवज्जो दी जाएगी। इस बैठक में जिन विषयों को लेकर मंत्री समूह अपनी रिपोर्ट देने वाले हैं, उसमें मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, कन्या विवाह योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, राशन वितरण व्यवस्था, सीएम राइज स्कूल, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, जल जीवन मिशन, अनुसूचित जनजाति वर्ग की  सुविधाएं, अनुसूचित जाति वर्ग की सुविधाएं, पीएम आवास के लिए रेत के इंतजाम, सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं के लिए इंतजाम और गोवर्धन योजना के लिए किए जाने वाले प्रावधानों से संबंधित मसले शामिल होंगे। हर मंत्री समह में तीन से चार मंत्री शामिल किए गए हैं।
यह है बड़ी वजह
सीएम ने कुछ समय पहले अपने निवास पर मंत्रियों की बैठक लेकर उनसे कहा था कि वे विभाग की आय बढ़ाने के लिए प्लान तैयार करें और उन्हें बताएं कि विभाग में ऐसे कौन से काम किए जाएं जिससे उसकी आय में इजाफा हो सकता है। बताया जाता है कि कुछ मंत्रियों को छोड़ दे तो अब तक अधिकांश मंत्रियों ने ऐसा कोई प्लान ही तैयार ही नहीं किया है। चिंतन बैठक की सूचना के बाद इस पर भी अब काम शुरू किया गया है।
मंत्रिमंडल उपसमितियों पर भी चर्चा
चिंतन बैठक में मंत्रियों के कामकाज और सरकार की योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ मुख्यमंत्री विभिन्न मामलों में गठित की गई मंत्रिमंडल की उपसमितियों के बारे में भी चर्चा कर उनके बारे में भी जानकारी लेंगे। शिविर की तिथि सामने आने के बाद दो उपसमितियों की बैठक पिछले पांच दिनों के भीतर हो चुकी हैं।
राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा
चिंतन बैठक के दौरान सीएम चौहान राजनीतिक मुद्दों पर भी मंत्रियों के साथ डिस्कशन करेंगे। इसमें जिलों में प्रवास के दौरान संगठनात्मक बैठकों के लिए निर्देश देने के साथ संगठन कार्यकर्ताओं के साथ संवाद के टास्क भी दिए जा सकते हैं, क्योंकि पिछले महीनों में हुई बैठकों में सीएम चौहान संगठनात्मक प्रवास और संवाद के लिए वरिष्ठ नेताओं से चर्चा भी कर चुके हैं। साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष द्वारा दो माह पहले ली गई गई बैठक में मंत्रियों के परफॉरमेंस के बारे में भी बैठक में चर्चा होना तय है