50 लाख की जगह अब तक बने 10 लाख सदस्य

  • कांग्रेस का सदस्यता अभियान का कल है अंतिम दिन

इंदौर/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस

का सदस्यता अभियान कल  समाप्त हो रहा है, लेकिन अब तक जो जानकारी सामने आ रही है उसमें पार्टी बुरी तरह से पिछड़ती नजर आ रही है। दरअसल इसकी वजह पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब परफार्मेंस को माना जा रहा है। हालत यह है कि बीते रोज तक जो आंकड़े बताए जा रहे हैं उसके मुताबिक अभी यह आंकड़ा महज दस लाख के आंकड़े को ही छू सका है। यह हाल प्रदेश में जब है प्रदेश संगठन से लेकर पीसीसी के मुखिया कमलनाथ तक इस मामले में शुरुआत से ही सख्त रुख अपनाते आ रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस का सदस्यता अभियान एक नवंबर 2021 से शुरू हुआ था। इसके लिए अंतिम तारीख 31 मार्च रखी गई है। अब तक पीसीसी से सदस्यता के लिए जो किताबें जिला कांग्रेस कमेटियां व पदाधिकारी ले गए थे, बहुत कम संख्या में वापस लौटी हैं।  प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने इस बार 50 लाख सदस्य बनाने का टारगेट रखा था, जिसे पाने के लिए दो लाख 55 हजार किताबें वितरित की गई थीं। एक किताब में 25 सदस्य बनाए जा सकते हैं और इस हिसाब से सदस्यता टारगेट से करीब 64 लाख सदस्य बन सकते हैं। उधर तीन दिन पहले तक पीसीसी के पास करीब साढ़े नौ लाख सदस्य बनाए जाने की जानकारी आयी थी। अब दो दिन ही बचे हैं ,ऐसे अब सदस्य बनाने के बाद कमेटियां व पदाधिकारी धीरे-धीरे पीसीसी में जमा करने आ रहे हैं। अब तक की जानकारी के मुताबिक सदस्यता अभियान के मामले में इंदौर, संभाग पहले स्थान पर चल रहा है। इंदौर में सदस्यता अभियान में 70 हजार से ज्यादा सदस्य बन चुके हैं। इसमें 50 हजार डायरी से तो 20 हजार डिजिटल रुप में बनाए गए हैं।
लक्ष्य बढ़ाया फिर भी नहीं पकड़ सका गति
पार्टी ने इस अवधि में 70 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। टारगेट पूरा होगा या नहीं, यह दो दिन बाद सामने आ जाएगा। हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अभियान में 50 लाख नए सदस्य बनाए जाने के आसार हैं। सदस्यता अभियान के समापन के बाद पार्टी के संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कांग्रेस का सदस्यता अभियान 1 नवंबर से शुरू हुआ था। मप्र कांग्रेस कमेटी ने शुरूआत में 31 मार्च तक 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था, जिसे बाद में बढ़ाकर 70 लाख कर दिया गया था। पार्टी ने अपने सभी फ्रंट लाइन  ऑर्गेनाइजेशन, मोर्चा, प्रकोष्ठों और पार्टी पदाधिकारियों को अधिक से अधिक सदस्य बनाने का टारगेट दिया था। मैनुअल के साथ ऑनलाइन सदस्य बनाने का विकल्प भी पार्टी ने रखा है। सदस्यता अभियान के मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रकाश जैन के पास है।
इस तरह की सख्ती
खास बात यह है कि जिन नेता या पदाधिकारियों ने कांग्रेस के सदस्यता अभियान में सदस्य नहीं बनाए हैं,  वे आगामी चुनाव में जिम्मेदारियों की दौड़ से बाहर रहेंगे या कहें कि चुनाव के टिकट की दौड़ में शामिल ही नहीं हो सकेंगे। वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि जिन पदाधिकारियों ने सदस्यता अभियान में सहयोग नहीं किया है, ऐसे पदाधिकारियों को पद मुक्त किया जाएगा।
शर्तें भी बनी मुसीबत
कांग्रेस पार्टी ने सदस्यता अभियान के लिए तैयार आवेदन-पत्र में 10 पॉइंट्स है, जिस पर स्वीकृति देना जरूरी है। इनमें से कुछ बिंदु चर्चा में हैं ,जैसे एक तो ये कि मैं नियमित रूप से खादी धारण करता हूं, मैं शराब और मादक पदार्थों से दूर रहता हूं। इसके साथ कुछ और बाते भी हैं, जैसे मैं सामाजिक भेदभाव और असमानता नहीं करता, बल्कि इन्हें समाज से खत्म करने में विश्वास करता हूं और मैं पार्टी की ओर से दिए जाने वाले काम को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। इस तरह की शर्तें भी इस मामले में मुसीबत बनी हुई हैं।
ऐसे पता चलेगा किसने कितने सदस्य बनाए
कांग्रेस के पदाधिकारियों को सदस्यता डायरी दी गई है। जिसमें सदस्य बनाने वालों की पूरी जानकारी रहेगी। सभी को डायरी के साथ ही सदस्यता शुल्क (5 रुपए) भी जमा करना होगा। इससे पता चलेगा कि किस पदाधिकारी ने कितने सदस्य बनाए। एक अहम बात यह भी है कि सदस्यता अभियान के माध्यम से सदस्य बनाने में जो व्यक्ति सदस्य बनेगा उसका फोटो, आधार कार्ड सहित अन्य जानकारी भी उसमें लिखना और लगाना होगी। इसलिए इसमें कोई भी गलत जानकारी नहीं दे सकेगा।