मप्र में पंचायत चुनाव से पहले ही…बढ़ गया खजाने पर 50 करोड़ का भार

कई पंचायतों को देने होंगे पांच से पन्द्रह लाख तक का इनाम

भोपाल/मंगल भारत मनीष द्विवेदी। प्रदेश में पंचायतों के चुनाव होते ही प्रदेश सरकार के खजाने पर एक साथ करीब पचास करोड़ का भार पड़ना तय है। यह भार उन पंचायतों को बतौर इनाम के रुप में दी जाने वाली राशि की वजह से पड़ना है, जिसमें सरंपचों व पूरी पंचायतों के निर्विरोध चुने जाने पर इनाम के तौर पर राशि देने का ऐलान किया गया था। दरअसल प्रदेश में अभी तक निर्विरोध चुने जाने वाले सरपंचों की संख्या 570 तक पहुंच चुकी है, जबकि यह संख्या अभी और बढ़ना तय मानी जा रही है। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायत चुनाव के पहले घोषणा की थी कि जिन पंचायतों में सरपंच निर्विरोध चुना जाएगा उसे 5 लाख रुपए की राशि और ऐसी पंचायतें जिसमें सरपंच से लेकर पंच सभी महिलाएं होंगी उन्हें 12 लाख रुपए और यदि इन्हें निर्विरोध चुना गया तो 15 लाख की राशि दी जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक निर्विरोध चुने जाने वाले सरपंचों की संख्या 570 तक पहुंच गई। यही नहीं इस बार युवाओं में सरपंच बनने का उत्साह ज्यादा देखा जा रहा है। यह संख्या ढाई सौ के करीब है। इसके अनुसार सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति वर्ग से करीब 254 सरपंच निर्विरोध बने ,जबकि अनुसूचित जाति वर्ग से 124 हैं। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग की संख्या 61 और अनारक्षित वर्ग से 55 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए। इनमें 494 में महिला सरपंचों की संख्या बढ़कर 326 हो गई ,जबकि पुरुष वर्ग से 168 ही निर्विरोध चुने गए। इन ग्राम पंचायतों को अलग-अलग स्कीम में विकास कार्य के लिए अतिरिक्त राशि दी जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव तीन चरण में हो रहे हैं। पहले चरण में 25 जून को, दूसरे चरण 1 जुलाई को और तीसरे चरण में 8 जुलाई को मतदान होगा।
रिजल्ट बेस्ट पंचायत को मिलेगा 50 लाख का इनाम
विकास कार्यों में बेहतर काम करने वाली पंचायतों के लिए 4 अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं, जिन्हें 50 लाख रुपए से 15 लाख रुपए तक का पुरस्कार दिया जाएगा। इसमें श्रेणी महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक उन्नयन की दिशा में बेहतर काम करने वाली और कुपोषण मुक्त पंचायत करने के अलावा सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने से जुड़ी है।
इसी तरह जल जीवन मिशन के अधिकतम उपयोग, स्वच्छ ग्राम पंचायत, आर्थिक निर्भर पंचायत जैसे मुद्दे अहम रहेंगे। इसमें पहले पुरस्कार के रूप में 50 लाख रुपए, दूसरे पुरस्कार के रूप में 25 लाख रुपए और तीसरे पुरस्कार के रूप में 15 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा।
21 साल में ही बन गए सरपंच
निर्विरोध निर्वाचित हुए सरपंचों में तीन दर्जन से अधिक की उम्र 21 वर्ष है। जबकि 21 से 30 वर्ष आयु समूह में यह संख्या 100 से ज्यादा हो गई है। इसी तरह 30 से 50 वर्ष आयु की संख्या भी सौ के पार है। इस बार उम्रदराज सरपंचों की संख्या कम देखी जा रही है।
चार लाख पदों के लिए होंगे चुनाव
पहले चरण में 115 जनपद पंचायतों, 8,702 ग्राम पंचायत के लिए चुनाव होंगे। दूसरे चरण में 106 जनपद पंचायत और 7661 ग्राम पंचायत और तीसरे चरण में सिर्फ 92 जनपद पंचायत और 6649 ग्राम पंचायत के लिए चुनाव होंगे। प्रदेश की ऐसी 91 ग्राम पंचायत जिनका कार्यकाल नवंबर 2022 में पूरा हो रहा है। उनके पंच, सरपंच का का चुनाव अलग होगा। लेकिन इन पंचायत क्षेत्रों से संबंधित पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार ही होगा। तीनों चरणों के लिए नामांकन फार्म 30 मई से 6 जून तक भरे गए हैं, जबकि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 10 जून थी।
यह है सरकार की योजना
पंचायत चुनावों के दौरान ग्रामीण इलाकों में होने वाले विवाद को देखते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने अपील की थी कि समाज में सामाजिक समरसता के लिए पंचायतों में कोशिश करें कि पंच सरपंच के निर्विरोध चुना जाए। इसके बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने ग्राम पंचायत पुरस्कार योजना के आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें निर्विरोध निर्वाचन पर लाखों के इनाम दिए जाएंगे। ऐसी ग्राम पंचायत जिसके सरपंच निर्विरोध निर्वाचित हुए तो 5 लाख का ईनाम, सरपंच पद हेतु वर्तमान और पिछला निर्वाचन लगातार निर्विरोध हुआ तो 7 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। ऐसी ग्राम पंचायत जिसके सरपंच और सभी पंच निर्विरोध चुने गए तो 7 लाख रुपए का इनाम मिलेगा। ऐसी ग्राम पंचायत जिसके सरपंच और सभी पंच महिला निर्वाचित हुई तो 12 लाख का इनाम दिया जाएगा।यदि सरपंच और पंच के सभी पद पर महिलाओं को निर्विरोध चुना गया तो 15 लाख का इनाम दिया जाएगा।