कांग्रेस लीडरशिप को अपराधी बताने पर तुली सरकार.
राज्यसभा सांसद एवं देश के ख्यातिनाम वकील विवेक तन्खा ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह कांग्रेस की लीडरशिप को अपराधी बताना चाहती है, लेकिन देश इसे स्वीकार नहीं करेगा। केंद्र सरकार कानून कायदों को ताक पर रखकर कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को अपराधी बताने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह इसमें सफल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बताए कि नेशनल हेराल्ड मामले में कौन सी मनी लांड्रिंग हुई है। केंद्र में भाजपा की सरकार आते ही नेशनल हेराल्ड मामले में प्रिवेंशन आॅफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस रजिस्टर्ड कर लिया गया। इस केस को 2015 में ही ईडी ने तथ्यहीन होने पर बंद कर दिया था। आज तक कोई एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई है।
प्रज्ञा ने कसा तंज, कहा हम आग भी वहां लगाते हैं जहां मुर्दे भी डरते हैं!
सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर इन दिनों संगठन से बेहद नाराज चल रही हैं। इसकी वजह है उनकी उपेक्षा की जाना। दरअसल वे बेबाक हिन्दुत्व की पैरोकारी करने वाली नेत्री हैं। इसकी वजह से वे कई बार बहुत कड़वा बोल जाती हैं। जिसकी वजह से सुर्खियों में बनी रहती हैं। इन दिनों उनकी नाराजगी की वजह है निकाय चुनाव के लिए गठित भाजपा की संभागीय चयन समिति में जगह न मिलना। दरअसल प्रदेश के चार में से तीन महानगरों में वहां के सांसदो को इस समिति में जगह दी गई है, जबकि भोपाल की समिति से साध्वी को बाहर रखा गया है। इस मामले में उनके द्वारा सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी गई है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उन्हें संगठन का निर्णय शिरोधार्य है, लेकिन हम आग भी वहां लगाते हैं जहां मुर्दे भी डरते हैं! किन्तु – आठ विधान सभा की जनता ने एक लोकसभा सांसद चुना। इस जनता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन अवश्य करूंगी। इस मामले में वे समिति की घोषणा होने के दूसरे ही दिन पार्टी मुख्यालय जाकर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद के सामने अपनी शिकायत भी दर्ज करा चुकी हैं। देखना यह हे कि उनकी नाराजगी क्या गुल खिलाती है।
महाकाल के दर्शन के नाम पर काटी जा रही जेब
घर का जोगी जोगड़ा और आन गांव का सिद्ध यह कहावत इन दिनों मध्यप्रदेश के एक विभाग पर खूब चरितार्थ हो रही है। दरअसल यह हाल ख्यातिनाम ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर का है। इस मंदिर में दर्शनों को आने वाले लोगों की जेब का वजन देखकर सुविधा मिलती है। इसकी वजह से यहां पर आने वाले लोगों में बेहद नाराजगी है। दरअसल इस मंदिर प्रबंधन की कमान जिला प्रशासन के पास है। जिला प्रशासन इस मंदिर को लेकर हर कभी नए-नए प्रयोग करने लगता है, जिससे आम आदमी को राहत मिलने की वजह मुश्किलों का सामना करना पड़ जाता है। प्रदेश में यह हाल तब बने हुए हैं जबकि प्रदेश सरकार एक तरफ राज्य के लोगों को मुफ्त में देशभर के तीर्थ दर्शन करा रही है, लेकिन महाकाल मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए मनमानी फीस वसूली जा रही है। यही नहीं अगर आप रसूखदार है तों फिर आपके लिए नियम व कायदे भी आड़े नहीं आएंगे। यही नहीं बीते दिनों तो तब हद कर दी जब अति उत्साही जिला प्रशासन ने मंदिर की सैकड़ों साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए महाकाल के आंगन में रेड कारपेट बिछाने से लेकर नंदी हाल हॉल में कुर्सियां तक लगा दीं।
किसानों ने बढ़ाई बड़े साहब की परेशानी
सरकार के करीबी माने जाने वाले एक बड़े साहब इन दिनों भारी मुश्किल को महसूस कर रहे हैं। इसकी वजह बन रहा उनका पुरान विभाग, जिसके वे कर्ताधर्ता रह चुके हैं। वे जब पुराने विभाग में थे तो उनकी चर्चा बगैर लक्ष्मी जी के दर्शन किए कोई काम नहीं करने वाले के रुप में होती थी। इसके बाद भी सरकार की पंसद बने रहे। फलस्वरुप मैदानी पदस्थापना में उन्हें एक बड़े संभाग की कमान मिल गई। इस संभागीय मुख्यालय से सरकार के तीन-तीन प्रभावशाली मंत्री आते हैं। लिहाजा जिले के किसानों ने पुराना बदला लेने के लिए उनके पूर्व विभाग में किए गए सौदों की जांच के लिए सूबे के महामहिम का दरवाजा खटखटा दिया है। वहां से सरकार को इस मामले की हकीकत पता लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस निर्देश की भनक लगते ही अफसर अपने हिसाब से सक्रिय ही हुए थे कि शिकायत करने वाले किसानों को इसका पता लग गया। फिर क्या था किसान भी पीछे पड़ गए अब किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो दिल्ली जाम करने वाले नेता की अगुवाई में प्रदेश में घेराव और रोड जाम किया जाएगा। इस चेतावनी के बाद से ही साहब की नींद पूरी तरह से उड़ी हुई है।