शिक्षकों की भर्ती में लोक शिक्षण ने किया जीएडी के नियम को दरकिनार

शासकीय सेवकों को नहीं दिए 5 फीसदी अतिरिक्त अंक का लाभ

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। शिक्षकों की भर्ती में लोक शिक्षण संस्थान की भर्राशाही, लापरवाही और मनमानी अब सामने आने लगी है। लोक शिक्षण संस्थान ने किस तरह नियमों को ताक पर रखकर काम किया है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की उसकी मनमानी के कारण पात्र अभ्यार्थी भी अपात्र हो गए हैं। गरीब सवर्णों का हक मारने के बाद अब लोक शिक्षण ने शिक्षकों की भर्ती में जीएडी के नियमों को दरकिनार कर अभ्यर्थियों को पांच फीसदी अंक नहीं दिए है। जानकारी के अनुसार परेशान अभ्यर्थियों ने आयुक्त लोक शिक्षण अभय वर्मा के पास अपना अभ्यावेदन दिया, लेकिन उस पर अभी तक कोई विचार नहीं किया गया।
दरअसल सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शासकीय सेवकों को राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में 5 फीसदी प्राप्तांक में अतिरिक्त अंक दिए जाने का निर्णय लिया गया है। जिसके संबंध में सामान प्रशासन विभाग मध्य प्रदेश के आदेश क्रमांक सी 3- 9/2019/1/3 भोपाल दिनांक 22/02/2022 के तहत आदेश जारी किया गया। तत्संबंध में विभाग द्वारा स्पष्टीकरण आदेश क्रमांक सी 3-9/2019/1/3 भोपाल दिनांक 14/12/2022 को जारी किया गया तथा कई शासकीय सेवक उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक दूसरी काउंसलिंग प्रक्रिया में लाभ दिए जाने के उद्देश्य से आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत किया। बावजूद इसके आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा अभ्यावेदनों पर विचार किए बिना चयन सूची जारी कर दी गई एवं शासकीय सेवकों को सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के बाद भी प्राप्तांक में से 5 फीसदी अतिरिक्त लाभ दिए जाने से वंचित किया गया है।
भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने में असमंजस
अभ्यर्थियों का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग की ऐसी मनमानी से भर्ती प्रक्रिया ठीक तरीके से पूर्ण होने में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। स्कूल शिक्षा विभाग की वर्ष 2018 में पास अभ्यर्थियों की भर्ती के लिए काउंसलिंग का पहला चरण आयोजित किया गया था। इसमें ईडब्ल्यूएस के करीब 14 सौ पद थे। पहली काउंसलिंग में पासिंग मार्क्स ज्यादा होने से ईडब्ल्यूएस के 1039 पद नहीं भर पाए। बाद में ईडब्ल्यूएस के पासिंग अंक घटा दिए गए। पहली काउंसलिंग के बाद शेष बचे ईडब्ल्यूएस के 1039 पदों को द्वितीय काउंसलिंग में शामिल किया जाना था। वर्तमान में द्वितीय काउंसलिंग की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन पहली काउंसलिंग से शेष रह गए पदों को शामिल नहीं किया गया था। जबकि स्कूल शिक्षा विभाग के साथ ट्राइबल विभाग की संयुक्त काउंसलिंग चल रही है। ट्राइबल विभाग ने पहली काउंसलिंग में शेष रह गए ईडब्ल्यूएस के पदों को द्वितीय काउंसलिंग में शामिल किया है। ईडब्ल्यूएस के 1039 पदों को द्वितीय काउंसलिंग में शामिल करने के लिए अभ्यर्थी स्कूल शिक्षा के अधिकारियों से मिले।
अभ्यर्थियों की गुहार पर भी कोई हल नहीं
अधिकारियों ने माना कि ईडब्ल्यूएस के 1039 पदों को द्वितीय काउंसलिंग में शामिल किया जाना चाहिए। लेकिन अधिकारियों ने अभ्यर्थियों से साफ कह दिया है कि इस संबंध में मंत्री स्तर पर ही निर्णय होगा। अभ्यर्थियों ने मंत्री स्तर पर भी गुहार लगाई, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। अब मामले में कर्मचारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था। जिसमें द्वितीय काउंसलिंग में। ईडब्ल्यूएस के 1039 पदों को शामिल करने का अनुरोध किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत वर्ग दो के शिक्षकों ने वर्ग एक पद के लिए परीक्षा दी थी। इन शासकीय सेवकों को वर्ग एक में जीएडी के नियमों के अनुसार पांच फीसदी अतिरिक्त अंक दिए जाना थे, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।