भाजपाईयों ने लजवाया

पहले चंदे का लक्ष्य पूरा नहीं, अब इसकी तैयारी…

मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। बीते साल के आधे अधूरे लक्ष्य के बीच पूर्व की ही तरह इस बार भी प्रदेश भाजपा संगठन का पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर बीते रोज से भाजपा का समर्पण निधि अभियान विधिवत रुप से शुरू हो गया। बीते साल प्रदेश संगठन द्वारा जिलों के लिए लक्ष्य तय किया गया था , जिसके तहत एक अरब रुपए का अर्थ संग्रह किया जाना था, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी महज 55 करोड़ रुपए का ही संग्रह हो सका। इसकी वजह है नेताओं द्वारा इस मामले में पूरी तरह से रुचि नहीं लेना। जिसकी वजह से इस बार संगठन को बदनामी से बचाने के लिए पार्टी के नेताओं ने टारगेट सिस्टम को ही खत्म कर दिया है। यही वजह है कि अब इस बार जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने खर्च के हिसाब से कार्यकर्ताओं और समान विचारधारा वाले लोगों से समर्पण निधि लें। गौरतलब है कि भाजपा अपने संस्थापकों से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के रूप में मनाती है। पार्टी में समर्पण निधि एकत्र करने की परिकल्पना पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे द्वारा शुरू की गई थी। उनका मानना था कि पार्टी संगठन के अपने खर्चे कार्यकर्ताओं से मिलने वाली समर्पण राशि से चलने चाहिए। इससे शुचिता रहेगी। आज भाजपा के केन्द्र से लेकर राज्य, जिला और मंडल के संगठनात्मक खर्चे पार्टी कार्यकर्ताओं और समान विचारधारा वाले लोगों से मिलने वाली राशि से ही संचालित होते हैं। समर्पण निधि में हर इकाई का एक हिस्सा तय रहता है। भाजपा हर साल समर्पण निधि अभियान शुरू करने से पहले संगठन के शीर्ष नेताओं की बैठक करती है और उसमें ही लक्ष्य तय कर जिलों को टारगेट दिए जाते थे। अपेक्षा यह की जाती है कि समर्पण दिवस के दिन ही ज्यादा से ज्यादा राशि एकत्र की जाए। इसके बाद जिलों में राशि एकत्रीकरण का अभियान चलाया जाता था। बीते साल प्रदेश संगठन ने ठाकरे जन्मशताब्दी वर्ष में अपने लक्ष्य को तीन गुना कर दिया था। जिसकी वजह से यह आंकड़ा एक अरब रुपए का हो गया था। जबकि इसके पूर्व के वर्ष 2021 में यह लक्ष्य महज 30 करोड़ रूपए तय किया गया था। लक्ष्य वृद्वि के पीछे भाजपा नेातओं का कहना था कि जब केरल जैसा राज्य जहां भाजपा की सरकार नहीं है और संगठन भी प्रदेश जैसा प्रभावी नहीं है। वहां से समर्पण निधि के रूप में 35 करोड़ की राशि मिल सकती है , तो मध्यप्रदेश में क्यों नहीं। सूत्रों की माने तो सौ करोड़ का टारगेट के बदले इस बार महज 55 करोड़ रूपए ही समर्पण निधि के रूप में जमा हो पाए हैं। इसमें सबसे अधिक राशि इंदौर जिले से करीब दस करोड़ के आसपास आई है।
कमेटी गठित…
भाजपा का समर्पण निधि अभियान पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि से शुरू हो चुका है ,इसके लिए 25 सदस्य कमेटी का भी गठन किया गया है, जिसमें प्रमुख नेताओं को स्थान दिया गया है। इस बार भी संगठन ने मंत्रियों, सांसदों को धन संग्रह की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। राज्य सरकार के मंत्री इस अभियान के लिए जिलों के प्रभारी भी बनाए गए हैं। खास बात यह है कि जल्द ही प्रदेश में होने वाली दो दिवसीय बैठक में से एक दिन का समय तो पूरी तरह समर्पण निधि के लिए होगा, जिसमें अब तक राशि संग्रह पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इस बैठक में पार्टी के तमाम बड़े नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री और सांसद भी मौजूद रहेंगे। खास बात यह है कि समर्पण निधि अभियान में केंद्रीय मंत्रियों, राज्य सरकार के मंत्रियों, सांसदों का रिपोर्ट कार्ड भी होगा और इस बात का भी आंकलन किया जाएगा कि कौन नेता संगठन के साथ कदमताल कर रहा है। समर्पण निधि के संग्रह का जो हिसाब किताब सामने आएगा, वह इस बात को जाहिर कर देगा कि किस नेता ने अब तक इस अभियान में दिलचस्पी ली है।
इस तरह का रहता है हिस्सा …
समर्पण निधि में जिलों से एकत्र राशि का 25 फीसदी हिस्सा केन्द्र को, इतना ही प्रदेश संगठन को और 50 प्रतिशत जिलों को दिया जाता है। पहले जो जिला जितनी अधिक राशि समर्पण निधि से एकत्र करता था, उसे उतनी ज्यादा राशि मिलती थी। समर्पण निधि में शुचिता और पारदर्शिता बनाए रखने को लेकर केन्द्रीय संगठन ने तय किया है कि केवल दो हजार तक की राशि ही नगद के रूप में स्वीकार की जाएगी। इससे अधिक राशि कोई कार्यकर्ता अगर देता है तो यह राशि पार्टी के खाते में ऑनलाइन चेक या फिर डीडी के माध्यम से दे सकता है।
चालाया जाएगा विशेष अभियान
समर्पण निधि कार्यक्रम के लिए पार्टी ने सभी जिले के कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं। इसके लिए भोपाल सहित इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर, रतलाम, रीवा में विशेष अभियान चलाने का भी तय किया गया है। इस अभिायन को खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा खुद अभियान को देखेंगे, जिसमें छोटे से लेकर सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल होंगे। बीजेपी की समर्पण राशि की प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है। पार्टी ने 5 से 1000 रुपए तक की सहयोग राशि निर्धारित की है।
नए कार्यालय के लिए भी ली जाएगी मदद
पंडित दीनदयाल परिसर स्थित भाजपा के तीस साल पुराने कार्यालय को तोडक़र अब नया हाईटेकभवन का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए लोगों से मदद लेने की तैयारी की जा रही है। पार्टी ने तय किया है कि यह सहयोग भी पूर्ण पारदर्शी प्रक्रिया से लिया जाएगा।