मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। सूबे में इस साल होने वाले
विधानसभा चुनावों से पहले दोनों प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस को नए-नए क्षेत्रीय दलों की नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अब इसी तरह की एक नई चुनौती चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण की नई पार्टी आजाद समाज पार्टी भी देने के लिए मैदान में उतर गई है। इस पार्टी द्वारा सूबे की एक सैकड़ा सीटों पर पूरा फोकस किया जा रहा है। प्रदेश में अपने चुनावी तैयारियों को श्री गणेश भीम आर्मी द्वारा बीते रोज भोपाल में एक बड़ी सभा कर कर दिया गया है। खास बात यह है कि अब तक इस संगठन को प्रदेश में बेहद कम आंका जा रहा था , लेकिन बीते रोज सभा में जिस तरह से भीड़ जुटी उसने भाजपा व कांग्रेस के रणनीतिकारों व राजनैतिक समीक्षकों को हतप्रभ होने को मजबूर कर दिया है। यही नहीं इस सभा में आजाद द्वारा जिस तरह का भाषण दिया गया है उसकी वजह से अभी कांग्रेस व भाजपा की मुश्किलें और बढ़ना तय है। दरअसल इसके पहले आदिवासियों के प्रभावशाली संगठन जयस भी चुनावी ताल ठोकने की घोषणा कर चुकी है। अब आजाद समाज पार्टी के मैदान में उतरने की घोषणा किए जाने से भाजपा व कांग्रेस के सामने आदिवासियों के बाद दलित मतदाताओं को अपने पाले में बनाए रखने की बड़ी चुनौती खड़ी होती दिख रही है। दरअसल जहां जयस का मालवा व निमाड़ के आदिवासी अंचलों में बेहद मजबूत प्रभाव है, तो वहीं चन्द्र शेखर आजाद का ग्वालियर व चंबल अंचल में बड़ा प्रभाव माना जा रहा है। उनका संगठन बीते चार सालों से इस अंचल में लगातार सक्रिय है। मायावती की सक्रियता कम होने से उनका प्रभाव कम हुआ है , जिसकी वजह से बसपा का कोर वोट बैंक अन्य दलों की तरफ जाता दिख रहा था , लेकिन अब वह आजाद समाज पार्टी के साथ खड़ा होता जा रहा है। इस बीच सभा में जिस तरह से चन्द्रशेखर ने हुंकार भरी है उससे उनकी पार्टी की रणनीति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने बहुजन समाज से अगले नौ महीने संघर्ष के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा, एससी-एसटी और ओबीसी 9 महीने मिलकर लड़ते हैं तो सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता। फिर सारी मांगें एक दिन में पूरी कर दी जाएंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि हमारी मांगों पर एक महीने में कार्रवाई नहीं हुई तो और बड़ा जनसैलाब भोपाल में जमा होगा। जनसमूह को देखकर आजाद ने चुटकी ली कि कहीं मंच पर बैठे लोगों को बीजेपी अपनी पार्टी न ज्वाइन करा दे। सभा में ज्यादातर वक्ताओं ने करणी सेना का नाम लिए बिना हाल में हुए उनके आंदोलन पर निशाना साधा। जयस पदाधिकारी डॉ. आनंद राय और अंतिम मुजाल्दा के साथ भाजपा से निष्कासित प्रीतम लोधी सहित विभिन्न समुदायों के नेता भी मंच पर दिखे। मुस्लिम संगठनों के अलावा 2018 शिक्षक भर्ती 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के साथ करने की मांग कर रहे शिक्षक भी मंच पर दिखे।
प्रदेश में 100 सीटों पर तैयारी का दावा
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद रावण ने करणी सेना की आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग पर तंज कसते हुए कहा कि आरक्षण गरीबी उन्मूलन योजना नहीं, पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में ऊंचे स्तर तक प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान है। ऊंची जातियों को हमेशा से बड़े पदों पर प्रतिनिधित्व मिला है। आजाद के मुताबिक जातिगत आरक्षण यह सुनिश्चित करता है कि संस्थानों में एक ही विचार के लोगों का समूह न हो। सरकार को यह आंकड़ा सामने लाना चाहिए कि मप्र में कितने सेक्रेटरी, वाइस चांसलर और हाई कोर्ट जज आरक्षित वर्गों से आते हैं। आजाद ने कहा कि मप्र में 100 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में बूथ स्तर पर काम चल रहा है। एससी, एसटी, माइनॉरिटी और ओबीसी के लोगों को जिम्मेदारी देकर जनता से जोड़ने की कवायद चल रही है।
आरक्षित वर्ग के साथ मुस्लिम मतदाताओं को साधा
खास बात यह है कि आजाद ने दलितों के अलावा मुस्लिम, पिछड़ा वर्ग और आदिवासी वर्ग के मतदाताओं को साधने का भी प्रयास किया है। यही वजह है कि उनके द्वारा मंच से साफ कहा गया है कि अगर आदिवासी वर्ग साथ आता है तो वह उन्हें मुख्यमंत्री का पद देने के लिए तैयार हैं, जबकि अन्य चारों वर्ग के लोगों को उप मुख्यमंत्री का पद दिया जाएगा। उनका कहना है कि यह पहला चरण है। इसी तरह मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव तक पांच यात्राएं होंगी। हर यात्रा के साथ इस तरह से जनसैलाब के साथ हम भोपाल के भेल मैदान में आएंगे।
तीन संगठनों ने किया था आयोजन
इस रैली का आयोजन भीम आर्मी, जयस और ओबीसी आदिवासी महासभा के कुछ संघों ने मिलकर किया था। इसमें बड़ी संख्या में भीम आर्मी से जुड़े युवाओं ने शिरकत की। एक अनुमान के मुताबिक इसमें करीब दो लाख से अधिक की संख्या लोगों ने भाग लिया है। समर्थकों की भीड़ से मैदान छोटा नजर आने लगा था। इस महासभा ने मध्य प्रदेश की कांग्रेस और भाजपा की राजनीति में एक नया भूचाल ला दिया है। अब यह देखना है कि यह भीम आर्मी की महासभा का आंदोलन किस ओर करवट लेता है।