भांजियों के बाद अब भांजों पर बरसेगी शिव कृपा

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में इसी वर्ष होने


वाले विधानसभा चुनाव से पहले सरकार सभी को खुश करने की रणनीति पर चल रही है। यही वजह है कि हर वर्ग को साधने के लिए सरकार द्वारा कुछ न कुछ कदम उठाए जा रहे हैं। इसकी वजह से ही प्रदेश में नई-नई योजनाओं पर काम किया जा रहा है और हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ कदम सरकार द्वारा लगातार उठाए जा रहे हैं। फिर मामला पेसा एक्ट का हो या फिर लाड़ली बहना योजना का। यह योजना बेहद लोकप्रिय हो रही है, जिसे चुनावी दृष्टि से गेमचेंजर के रुप में देखा जा रहा है।
इस योजना के माध्यम से सरकार ने आधी आबादी को साधने का काम किया है। इसके बाद अब सरकार भाईयों को साधने के लिए कदम उठाने जा रही है। प्रदेश के ऐसे युवा जो कि हुनरमंद हैं और कुछ करने की चाहत रखते हैं, उन्हें अपने हुनर को निखारने के लिए सरकार अपने खर्चे पर ट्रेनिंग दिलाएगी और उन्हें हर माह प्रोत्साहन राशि भी देगी। यह राशि युवाओं को उनकी योग्यता के हिसाब से 8 से 10 हजार रुपए प्रतिमाह तक रहेगी। इससे युवाओं को न केवल काम सीखने का मौका मिलेगा , बल्कि उनकी आय होना भी शुरु हो जाएगी। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरुप तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने मुख्यमंत्री कौशल कमाई योजना के प्रारूप को अंतिम रूप प्रदान कर दिया है। इस पर कैबिनेट की औपचारिक मुहर लगते ही इसे अगले माह से शुरु करने की तैयारी है। बताया जा रहा है कि सरकार की इस योजना को शुरु करने के लिए भोपाल में बड़ा कार्यक्रम किया जाएगा।
इस तरह का किया जा रहा है प्रावधान
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रारूप में किए गए प्रावधानों के मुताबिक स्किल डेवलपमेंट के लिए किसी प्रतिष्ठित संस्थान में काम करने पर उनकी पहले की योग्यता के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा। इसके लिए चार श्रेणी बनाई गई हैं। इनमें 8वीं से लेकर 12वीं तक शिक्षित को प्रतिमाह 8000 रुपए, आईटीआई करने वाले युवाओं को प्रतिमाह 8500 रुपए, डिप्लोमाधारी युवाओं को प्रतिमाह 9000 और डिग्रीधारी युवाओं को प्रतिमाह 10 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा।
15 फीसदी को किया जाएगा भुगतान
ट्रेनिंग लेने वाले कामगारों के नाम पर प्रतिष्ठान सरकारी योजना का दुरुपयोग न करें , इसके लिए भी इसमें कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए तय किया गया है कि योजना के तहत प्रतिष्ठान में जितने कर्मचारी होंगे, उनमें से महज 15 फीसदी को ही योजना के तहत मानदेय का भुगतान किया जाएगा। योजना के तहत युवा कौशल भी सीखेंगे और साथ में कमाई भी करेंगे। उन्हें स्किल डेवलपमेंट के लिए किसी की बेगारी नहीं करना पड़ेगी। इसके साथ ही उन ही संस्थानों का चयन स्किल सीखाने के लिए किया जाएगा जो रजिस्टर्ड हों और उनका अच्छा रिकॉर्ड भी रहा हो।
इन क्षेत्रों में भी मिलेगी राशि
दरअसल सरकार इस योजना में औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने के लिए स्किल डेवलप करने की मंशा से युवाओं को मौका देना ही चाहती है, साथ ही युवाओं की मंशा को ध्यान में रखकर इसमें टेलरिंग और केटरिंग जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। इतना ही नही लॉ फर्म वाले प्रतिष्ठित वकील जिनके यहां कई जूनियर वकील काम करते है। ऐसे जूनियर वकीलों को भी वकालत के हुनर को निखारने के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना के माध्यम से सरकारी सेवा में जितने कर्मचारी – अधिकारी नहीं है, उससे अधिक को इस योजना के माध्यम से हुनरमंद बनने का मौका दिया जा सकता है। इसकी वजह है उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना। माना जा रहा है कि योजना के तहत सरकार प्रदेश के से कम 10 लाख युवाओं को कौशल विकास में दक्ष कर उन्हें इस राशि का भुगतान किया जाएगा। ऐसे युवाओं को राशि 6 से अधिकतम 12 माह की अवधि के लिए दी जाएगी।