चुनावी साल में जातियों की गोलबंदी

आज भोपाल में किरार और ब्राह्मण समाज ने भरी हुंकार

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही भाजपा और कांग्रेस के साथ ही अन्य राजनीतिक पार्टियां जातिगत समीकरणों को साधने में जुटी हुई हैं। वहीं मौके की नजाकत को देखते हुए जातियों ने भी गोलबंदी कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में आज राजधानी भोपाल में अखिल भारतीय किरार, धाकड़, नागर, मालव समाज और ब्राह्मण समाज का सम्मेलन आयोजित किया गया है। दोनों समाज के लाखों लोग राजधानी पहुंचे हैं और हुंकार भर रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले करणी सेना के बैनर तले राजपूत अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं। इनके अलावा आदिवासी और दलित भी अपना दम दिखा चुके हैं। भोपाल के अलावा विभिन्न समाजों और जातियों के लोग प्रदेशभर में सम्मेलन कर राजनीतिक पार्टियों पर दबाव बनाने की कोशिश निरंतर कर रहे हैं।
प्रदेश में चुनावी साल में विभिन्न समाजों के संगठन अपनी एकजुटता दिखा रहे हैं। अलग-अलग समाजों की तरफ से राजधानी में भव्य आयोजनों के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है। कई कार्यक्रमों में समाजों की तरफ से मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद सीएम शिवराज सिंह चौहान के समक्ष मांगों की सूची रखी गई, इनमें से कई मांगें तत्काल पूरी कर दी गई। इसी कड़ी में शहर में आज दो बड़े सामाजिक कार्यक्रम हो रहे हैं। भेल दशहरा मैदान पर अखिल भारतीय किरार, धाकड़, नागर, मालव सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें मप्र के साथ ही अन्य राज्यों के लोग शामिल होंगे। वहीं, भेल के जंबूरी मैदान पर ब्राह्मण महाकुंभ (हुंकार) आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रदेश भर से समाज के लोग शामिल होंगे। दोनों समाज के लोगों ने आयोजन को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है।
जंबूरी मैदान में ब्राह्मण महाकुंभ
उधर जंबूरी मैदान में ब्राह्मण समाज शक्ति प्रदर्शन कर रहा है। ब्राह्मण महाकुंभ द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य श्री स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज के मुख्य आतिथ्य में हो रहा है। वहीं प्रदेशभर से ब्राह्मण समाज के लोग इसमें शामिल हुए हैं। ब्राह्मण समाज मप्र के अध्यक्ष गौरीशंकर शर्मा (काका) एवं मुख्य प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि प्रदेश के सभी ब्राह्मण समाज संगठन मिलकर महाकुंभ (हुंकार) का आयोजन किया है। जिसमें सभी राजनीतिक दलों के ब्राह्मण प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। यह आयोजन न तो भाजपा के विरोध में है और न ही कांग्रेस के समर्थन में। यह गैर राजनीतिक कार्यक्रम है, जिसमें समाज अपनी एकता का परिचय दे रहा है। वहीं इस आयोजन के पीछे 11 सूत्रीय में से सबसे बड़ी मांग ब्राह्मण आयोग के गठन की है। जिन मांगों को लेकर महाकुंभ हो रहा है, उनमें प्रदेश में ब्राह्मण आयोग का संवैधानिक गठन हो। यह घोषणा तक ही सीमित न रहे। तुरंत गठन किया जाए। इसमें किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को अध्यक्ष न बनाए जाए। सामाजिक काम करने वालों को ही अध्यक्ष बनाया जाए। एट्रोसिटी एक्ट के तहत बिना जांच के प्रथम सूचना रिपोर्ट नहीं लिखी जाए और न ही गिरफ्तारी की जाए। कोर्ट में जमानत के समय फरियादी की उपस्थिति की अनिवार्यता की जाए। इस एक्ट को समाप्त किया जाए। ब्राह्मण वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए जिला और तहसील स्तर पर छात्रावास की व्यवस्था हो। इस भवन का नाम परशुराम भगवान के नाम पर रखा जाए। ओबीसी की तरह 8 लाख रुपए से कम आय वाले निर्धन ब्राह्मणों को आयुष्मान योजना का लाभ मिले। ब्राह्मण वर्ग के 8 लाख रुपए से कम आय वाले परिवार के युवाओं को नि:शुल्क सरकारी आवेदन किए जाने की पात्रता हो। भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर ऐच्छिक अवकाश की जगह शासकीय अवकाश घोषित किया जाए। वर्ष 1980 से आज तक मंदिरों का सर्वे नहीं हुआ है। तुरंत सर्वे कराकर सभी सार्वजनिक मंदिरों के पुजारियों को मानदेय दिया जाए। देश के सभी मंदिरों के जीर्णोंद्धार, गुरुकुल और गोशाला संचालन के लिए शासकीय अनुदान प्रदान किया जाए। सनातन धर्म के कथावाचक, साधु-संतों एवं ब्राह्मण समाज के किसी भी व्यक्ति पर सोशल मीडिया में अशब्द बोलने एवं अपमानित किए जाने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो। क्रांतिकारी पं. चंद्रशेखर आजाद, मंगल पांडे आदि के परिजनों को सम्मान दिया जाए एवं आर्थिक मदद भी की जाए। ब्राह्मण समाज के लिए 5 एकड़ भूमि आवंटित की जाए।
किरार-धाकड़ समाज का सम्मेलन
भेल दशहरा मैदान में आज किरार धाकड़ समाज का सम्मलेन हो रहा है। भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा द्वारा युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। साथ ही प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है। सम्मेलन में मप्र के अलावा छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों के समाज के लोगों शामिल हुए हैं। कार्यक्रम में अखिल भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा की अध्यक्ष साधना सिंह चौहान के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत समाज के अन्य लोग शामिल हुए हैं। आयोजकों का दावा है की आयोजन में करीब एक लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए हैं।
करणी सेना दिखा चुकी है दम
जातिगत आरक्षण खत्म कर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने समेत 21 सूत्रीय मांगों को लेकर करणी सेना इसी साल जनवरी में अपना दम दिखा चुकी है। करणी सेना ने जंबूरी मैदान पर हुंकार भरी थी। इस दौरान युवा हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर पहुंचे। यहां पर दो लाख से ज्यादा लोग एकत्रित हो गए थे। इसमें प्रदेश के कई जिलों के साथ ही राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों के लोग शामिल हुए थे। जंबुरी मैदान में लाखों लोगों के एकत्रित होने से भोपाल में कई रास्तों पर जाम जैसी स्थिति निर्मित हो गई थी।
दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग का शक्ति प्रदर्शन
वहीं फरवरी में राजधानी के भेल दशहरा मैदान पर दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के संगठनों का बड़ा शक्ति प्रदर्शन हुआ। ये प्रदर्शन जातिगत जनगणना कराने, प्रदेश सरकार से प्रमोशन में आरक्षण का कानून बनवाने, आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने जैसी 15 से ज्यादा मांगों को लेकर था। इसमें आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा, चुनाव तक ऐसी कम से कम 5 यात्राएं होंगी। यह यात्रा का पहला चरण है। हर यात्रा के बाद दोगुने सैलाब के साथ आएंगे।