टीम जीतू में भी दिख सकता है युवा जोश

भोपाल/मंगल। भाजपा की ही तरह कांग्रेस ने भी विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के बाद पीढ़ी परिवर्तन का दांव चला है। इसके तहत ही अब कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश के सभी बड़े पदों की कमान युवाओं के हाथों में सौंप दी है। इसकी वजह से माना जा रहा है कि अब कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी की टीम में भी बड़ा बदलाव नजर आएगा। इसकी वजह से उनकी टीम में भी युवाओं को काम करने का भरपूर मौका मिलेगा। दरअसल प्रदेश संगठन में कई दशकों से वही पुराने बुर्जुग हो चुके चेहरों का ही कब्जा बना हुआ है। यही वजह है कि अब यह तो तय माना जा रहा है कि पुराने चेहरों को प्रदेश कमेटी से विदाई देकर उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। इसी संभावना के चलते ही शायद पार्टी के एक पॉवरफुल पदाधिकारी द्वारा नए प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा के पहले ही अपने पद से त्यागपत्र दिया जा चुका है। उधर, इस बदलाव से उत्साही कार्यकर्ताओं ने कई पदाधिकारियों की नेम प्लेट तक उखड़ डालीं हैं। दरअसल प्रदेश में विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने कमलनाथ के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। वह चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष भी थे। इसके अलावा चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह के ऊपर भी थी, लेकिन दोनों वरिष्ठ नेता पार्टी को जीत दिलाने में असफल रहे। यही नहीं पार्टी के कई दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए। चुनाव परिणाम आने के बाद से ही संगठन में बदलाव तय माना जा रहा था। खास बात यह है कि प्रदेश में नए पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष पद के लिए इन दोनों नेताओं द्वारा अपने-अपने समर्थकों के नामों को भी आगे बढ़ाया गया था, लेकिन पार्टी हाईकमान ने उन नामों को कोई तवज्जो नहीं दी है।
कार्यकारिणी का भी आकार होगा छोटा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 2018 में पीसीसी चीफ बने थे। इसके 6 महीने बाद ही विधानसभा चुनाव थे। लिहाजा नेताओं के साथ ही जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साधने के लिए प्रदेशभर के नेताओं को साधने के लिए बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की गई थी। इसके बाद चुनाव के समय भी टिकट ने मिलने वाले दावेदारों की नाराजगी को दूर करने के लिए भी चुनावी प्रचार के बीच बड़े पैमाने पर पदाधिकारी बनाए गए थे। यानी कमलनाथ ने जंबो प्रदेश कार्यकारिणी बनाई थी, जिसका फायदा पार्टी को चुनाव में नहीं मिल सका। अब राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जीतू पटवारी की कार्यकारिणी कॉम्पैक्ट होगी। रेवड़ी की तरह पदों का वितरण नहीं किया जाएगा और न ही संगठन में कोटा सिस्टम जारी रहेगा।
यह चेहरे पा सकते हैं अहम जिम्मेदारी
माना जा रहा है कि पार्टी की नई कार्यकारिणी का गठन भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जल्द होने की उम्मीद लगाई जा रही है। इसमें विधानसभा चुनाव हारे नामी और युवा नेताओं को संगठन में अहम जिम्मा दिया जा सकता है। ऐसे चेहरों में पूर्व मंत्री तरुण भनोत, सुखदेव पांसे, कमलेश्वर पटेल, कुणाल चौधरी, पूर्व एनएसयूआई अध्यक्ष विपिन वानखेड़े, पूर्व विधायक निलय डागा, नीरज दीक्षित, विनय सक्सेना के नाम शामिल हैं।