हरदा विस्फोट कांड, जांच रिपोर्ट तैयार अफसरों पर गिरेगी गाज

कई तरह की चौकाने वाली जानकारियां आ रही हैं सामने

भोपाल/मंगल भारत। हरदा विस्फोट कांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस कांड के आरोपियों का रसूख ऐसा था के उन्हें उपकृत करने के लिए नियमों व कानून को पूरी तरह से ताक पर रख दिया गया था।
इस मामले में अब कई अफसरों पर गाज गिरना तय है। दरअसल इस मामले की जांच कर रहे प्रमुख सचिव गृह ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसे जल्द ही सीएम मोहन यादव को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद संबंधित दोषी अफसरों पर कार्रवाई होना तय है। जांच में एक बेहद अहम खुलासा यह हुआ है कि जो खसरा नंबर ही नहीं है, उस खसरा पर आतिशबाजी निर्माण का लाइसेंस जारी कर दिया गया। इसके लिए बकायादा पटवारी से लेकर एडीएम स्तर तक के अफसरों ने अनुशंसा तक कर दी। जिला प्रशासन द्वारा जो रिपोर्ट राज्य शासन को भेजी गई है उसमें कहा गया है कि हरदा के ग्राम बैरागढ़ में जिस खसरा नंबर पर आतिशबाजी निर्माण की राजेश पिता नंदलाल अग्रवाल निवासी पुरानी सब्जी मंडी हरदा को आतिशबाजी का लाइसेंस जारी किया गया है, वह सरकारी रिकॉर्ड में मौजूद ही नहीं है। हरदा मे हुए भीषण ब्लास्ट में तेरह बेगुनाहों की जान चली गई और एक सैकड़ा से अधिक लोग घायल हुए थे, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार अफसरों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई होते नहीं दिखी है। माना जा रहा है कि सरकार इस मामले में करीब एक दर्जन अफसरों पर कार्रवाई कर सकती है, जिसमें कई आईएएस अफसर भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की थी कि जांच के बाद जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बीच खबर है कि प्रमुख सचिव गृह संजय दुबे ने प्रशासन की रिपोर्ट के अलावा अपने स्तर पर की गई जांच के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसे जल्द ही सीएम को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद ही कार्रवाई का फैसला किया जाएगा। गौरतलब है कि छह फरवरी को हरदा में मगरदा रोड स्थित बैरागढ़ रेहटा में स्थित पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई, आग लगने से हुए विस्फोट के कारण कुल तेरह लोगों की अकाल मौत हो गई और सौ से अधिक लोग घायल हुए थे। हादसा इतना भयानक था कि चालीस किलोमीटर दूर तक विस्फोट की आवाज सुनाई दे रही थी। घटना के बाद सिविल लाइन थाना पुलिस ने भादवि की धारा 304, 308, 34 आईपीसी के तहत प्रकरण दर्ज कर फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल व रफीक खान को गिरफ्तार कर लिया था। घटना के दूसरे दिन मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव हरदा पहुंचे। घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ितों से भी मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री ने साफ कहा था कि ऐसी कार्रवाई करेंगे कि दोषियों को याद रहेगा। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में भी घोषणा की थी कि कितना भी बड़ा अधिकारी हो बचेगा नहीं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरदा के तत्कालीन कलेक्टर ऋषि गर्ग और एसपी संजीव कंचन को हटा दिया था। आदित्य सिंह को हरदा का कलेक्टर तथा अभिनव चौकसे को एसपी बनाया गया था।
इस तरह सच आया सामने
राज्य सरकार के निर्देश पर प्रमुख सचिव गृह संजय दुबे की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सदस्यों के दौरे तथा जिला प्रशासन से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर पाया कि 5 अगस्त 2010 को फैक्ट्री का लाइसेंस कलेक्टर के अनुमोदन के बाद एडीएम द्वारा जारी किया गया था। यह लाइसेंस राजेश पिता नंदलाल निवासी पुरानी सब्जी मंडी हरदा को लाइसेंस जारी दिया गया, जो 31 मार्च 2011 तक वैध था। इसमे अहम बात यह है कि आवेदन में जिस खसरे का उल्लेख किया गया था, उसकी जगह दूसरे खसरा नंबर पर लाइसेंस जारी कर दिया गया है, जो मौजूद ही नहीं है। इसके अलावा एक ही जगह पर फैक्ट्री के दो लाइसेंस जारी कर दिए गए। 5 जुलाई 2015 को फैक्ट्री के भीतर हुए विस्फोट में दो लोगों राकेश पिता आत्माराम तथा शेख इकबाल पिता शेख इमाम की मृत्यु हो गई थी। कलेक्टर हरदा के निर्देश पर तत्कालीन कलेक्टर ने एक लाइसेंस निरस्त कर दिया था। कलेक्टर के निर्णय के विरूद्ध आवेदक ने कमिश्नर होशंगाबाद के न्यायालय में अपील प्रस्तुत की। अपीलीय न्यायालय द्वारा 8 अक्टूबर 2015 को आदेश जारी कर कलेक्टर के आदेश को स्थगित कर दिया, जिससे लाइसेंस बहाल हो गया। वर्ष 2021 में फैक्ट्री में फिर विस्फोट हुआ, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। उस समय तत्कालीन कलेक्टर ने एक लायसेंस निरस्त कर कार्यवाही की इतिश्री कर ली थी।
कागजों में ही सबकुछ
इस मामले में किस हद तक लापरवाही बरती जा रही थी, इससे समझा जा सकता है, कि महज 15 किलो विस्फोटक रखने का लाइसेंस होने के बाद विस्फोट के बाद एक लाख बीस हजार विस्फोटक बरामद किया गया है। यही नहीं पूरे गांव में जगह -जगह विस्फोटक बरामद हुआ है। इस मामले में पुलिस से लेकर समूचे प्रशासन द्वारा अग्रवाल बंधुओं की इस गैर कानूनी काम में जमकर मदद की जा रही थी, अन्यथा क्या वजह है की पहले भी दो बार हादसों के बाद उसका काला कारोबार खुलेआम धड़ल्ले से चल रहा था।