खाद्य एवं औषधि विभाग की मेहरबानी से चल रहे बिना पंजीयन के खाद्य कारोबारः जय.

खाद्य एवं औषधि विभाग की मेहरबानी से चल रहे बिना पंजीयन के खाद्य कारोबारः जय.

खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन मप्र द्वारा रजिस्ट्रेशन एवं पंजीयन हेतु जारी दिशा निर्देशों के तहत खाद्य करोबारियों को कार्यालय उप संचालक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन सीएमएचओ आफिस के साथ ही ओनलाइन आवेदन करने की भी सुविधा दी गई है। इसके तहत खाद्य कारोबारी एमपी ओनलाइन कियोस्क के माध्यम से आवेदन कर लायसेंस व पंजीयन करवा सकते हैं। लेकिन खाद एवं औषधि विभाग की उदासीनता के चलते खाद्य कार्यवाही कारोबारी बिना पंजीयन के ही धंधा व्यवसाय कर रहे हैं और उसका खामियाजा विक्रेता को भुगतना पड़ रहा है यह आरोप लगाते हुए मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के पूर्व प्रदेश महासचिव जय सिंह राजू ने कहा की जिले में बिना पंजीयन के ही खाद्य पदार्थों से संबंधित सामग्री बेंचने का सिलसिला अनवरत रूप से चल रहा है। लोग खाद्य सामग्री से संबंधित दुकान कम पूंजी में खोलकर बिना पंजीयन के ही मनमानी करना शुरू कर देते हैं। ग्राहकों को एक्सपायरी खाद्य सामग्री भी बेंचने में कोई गुरेज नहीं कर रहे हैं। विडंबना यह है कि जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिना पंजीयन के दुकानें सालों से चल रही है। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग मप्र भोपाल द्वारा खाद्य पदार्थ के वितरण, विक्रय, निर्माण से संबंधित संलग्र संस्थाओं के लायसेंस व पंजीयन की अनिवार्यता का निर्धारण किया गया था। किंतु जिले में बिना पंजियन का कारोबार चल रहा है। विभाग के द्वारा कार्रवाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। राजू ने कहा कि शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार यदि खाद्य कारोबारियों द्वारा अपने कारोबार का लायसेंस अथवा पंजीयन नहीं कराया गया तो छोटे कारोबारियों पर पचास हजार से 2 लाख तक जुर्माना तथा बड़े कारोबारियों पर 50 हजार से 5 लाख रूपए तक जुर्माना और 6 माह तक के कारावास का प्रावधान रखा गया है। शासन के निर्देशानुसार खाद्य एवं औषधि विभाग को ध्यान देने की जरूरत है ताकि अनायास बीमारियों से बचा जा सके।