मप्र के 3 नए जिलों में नहीं होगी मतगणना

29 लोकसभा सीटों की मतगणना 52 जिलों में होगी.

भोपाल/मंगल भारत। मप्र की 29 लोकसभा सीटों के लिए मतगणनी की तैयारी शुरू हो गई है। मतगणना प्रदेश के 52 जिला मुख्यालयों पर होगी। जबकि 3 नए जिलों में इस बार मतगणना नहीं की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग 3 नए जिलों की व्यवस्थाओं से संतुष्ट नहीं है। सीईओ अनुपम राजन का कहना है कि प्रदेश में 3 नवगठित जिलों में अभी पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं है। स्टाफ की भी कमी है। यही वजह है कि इन जिलों में काउंटिंग नहीं कराई जाएगी। इन जिलों के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रो की काउंटिंग उस लोकसभा क्षेत्र से संबंधित अन्य जिला मुख्यालय पर कराई जाएगी। उधर, सोमवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग राजीव कुमार ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग से समीक्षा बैठक की। जिसमें मुख्य निर्वाचन मध्य प्रदेश पदाधिकारी अनुपम राजन सहित प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी, 29 लोकसभा संसदीय क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारी शामिल हुए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि मतगणना से जुड़ी सभी तैयारियां व जरूरी व्यवस्थाओं का समुचित प्रबंधन कर लें। मतगणना स्थल की सुरक्षा, मतगणना परिसर में प्रवेश, गर्मी को देखते हुए एंबुलेंस, दवाईयां, फायर ब्रिगेड, मतगणना सूचनाओं का चक्रवार आदान-प्रदान, स्ट्रांग रूम से मतगणना केंद्र तक ईवीएम को लाने, ले-जाने, पोस्टल बैलेट की गणना आदि सभी व्यवस्थाएं अपनी निगरानी में कराएं। सभी मतगणना कर्मियों और माइक्रो ऑब्जर्वर्स को अच्छी तरह से प्रशिक्षण दें, ताकि मतों की गणना में त्रुटि की कोई गुंजाइश न रहे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने प्रदेश के सभी जिलों में 4 जून को होने वाली मतगणना को लेकर की जा रही तैयारियों के बारे में भारत निर्वाचन आयोग को अवगत कराया। गौरतलब है कि पिछले साल मप्र में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 3 नए जिलों के गठन की घोषणा की थी। उनकी घोषणाओं पर अमल करते हुए शासन ने 3 नए जिलों के गठन संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। इस तरह प्रदेश में जिलों की संख्या 52 से बढक़र 55 हो गई, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग इन 3 नए जिलों की प्रशासनिक व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है। यही वजह है कि 4 जून को लोकसभा चुनाव की काउंटिंग 52 जिला मुख्यालयों पर होगी। विधानसभा चुनाव से पहले अस्तित्व में आए 3 जिलों में लोकसभा चुनाव की काउंटिंग नहीं होगी।
3 जिलों में न व्यवस्थित कार्यालय, न स्टाफ
दरअसल, राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव से पूर्व तीन नए जिले-मऊगंज, मैहर और पांढुर्णा के गठन के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था। सरकार ने रीवा जिले को तोडक़र मऊगंज जिला, सतना जिले को तोडक़र मैहर और छिंदवाड़ा जिले को तोडकऱ पांढुर्णा जिला बनाया था। आनन- फानन में इन तीनों जिलों में कलेक्टर, एसपी समेत अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों की पदस्थापना की गई थी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि नए जिलों का गठन तो कर दिया गया, लेकिन अभी यहां न तो व्यवस्थित सरकारी कार्यालय हैं और न ही पर्याप्त स्टाफ है। चुनाव आयोग ने तीनों नए जिलों में प्रशासनिक व्यवस्था के संबंध में फीडबैक लिया, तो सामने आया कि ये अभी सिर्फ नाम के जिले हैं। यहां ईवीएम सुरक्षित रखने और काउंटिंग कराने के लिए व्यवस्थाओं की कमी है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने इन तीनों जिलों में काउंटिंग नहीं कराने का निर्णय लिया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के मुताबिक मैहर जिले में दो विधानसभा क्षेत्र- मैहर और अमरवाड़ा आते हैं। इन दोनों विस क्षेत्रों की काउंटिंग सतना में होगी। मऊगंज जिले में दो विधानसभा क्षेत्र- मऊगंज व देवतालाब आते हैं। इन दोनों विस क्षेत्रों की काउंटिंग रीवा में होगी। ऐसे ही पांढुर्णा जिले में दो विधानसभा क्षेत्र-पांढुर्णा व सौंसर आते हैं। दोनों विस क्षेत्रों की काउंटिंग छिंदवाड़ा में होगी। वहीं मप्र में लोकसभा की 29 सीटों की काउंटिंग 4 जून को होगी। काउंटिंग सुबह 8 बजे से शुरू होगी। सबसे पहले बैलेट पेपर की गिनती होगी। इसके बाद ईवीएम के वोट गिने जाएंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने काउंटिंग की तैयारियां तेज कर दी है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन मंगलवार को सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (कलेक्टरों) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए काउंटिंग की तैयारियों के संबंध में चर्चा करेंगे। वे उन्हें काउंटिंग के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों से अवगत कराएंगे। गौरतलब है कि प्रदेश की 29 लोकसभा सीटो पर चार चरणों में मतदान हुआ था। इस चुनाव में 29 सीटों पर औसत 66.28 प्रतिशत वोटिंग हुई। यह 2019 के चुनाव से 4.88 प्रतिशत कम है। पिछले चुनाव में 71.16 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।