विभाग की गलती का खामियाजा भुगत रहे हैं स्कूली बच्चे

30 जिलों के बच्चों का समाप्त नहीं हो रहा यूनिफॉर्म के पैसे का इंतजार.

भोपाल/मंगल भारत। मप्र बाकई अजब है और गजब है, यह वाक्य पूरी तरह से प्रदेश की अफसरशाही पर सटीक बैठता है। बीते पूरे सत्र में जब स्कूली बच्चों को यूनिफॉर्म नहीं दे पाए तो आनन-फानन में इसका पैसा बच्चों के अभिभावकों के खातों में डालने का तय कर लिया गया। सत्र के अंत में पैसा डाला तो ऐसी लापरवाही कर दी गई कि वह पैसा न अभिभावकों के खातों में गया और न ही अब विभाग के खाते में वापस आ पा रहा है। दरअसल, पैसा गलत खातोंं में डलवा दिया गया है। अब यह पैसा वापस नहीं आने से सरकारी खजाने को चपत लगना तय हो गई है। इसके बाद भी विभाग और सरकार इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई करती नजर नहीं आ रही है। दरअसल, शिक्षा सत्र 2023-24 में पहली से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों के बच्चों की यूनिफॉर्म का सत्र समाप्ती के बाद भी इंतजार है कि समाप्त नहीं हो रहा है। हद तो उन 30 जिलों में हुई, जहां पर यूनिफॉर्म नहीं दे पाने की वजह से बच्चों के बैंक खातों में सीधे पैसा डालने का निर्णय किया गया था। उन जिलों में पैसा बैंक खातों में ट्रांसफर भी कर दिया, लेकिन अब पता चला कि सारे खाते ही गलत थे। अब वापस राशि वसूल करके सही खातों में भेजने की मशक्कत की नौबत आ गई। वहीं 22 जिलों में ऐसे हाल है कि पांच महीने से गणवेश बांटने का काम ही कागजों पर ही चल रहा है। इस बीच शिक्षा सत्र खत्म हो गया। ग्रीष्मावकाश के बाद अब नया सत्र शुरू हो गया, लेकिन अब भी यूनिफॉर्म बांटने के दावे-वादे हो रहे हैं। इससे यूनिफॉर्म वितरण में घोटाले जैसे हालत बन गए हैं, क्योंकि इस दौरान अनेक स्टूडेंट पासआउट होकर स्कूल छोड़ चुके हैं, अब उन्हें कौन तलाशेगा और कौन उन्हें यूनिफॉर्म या राशि देगा। सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है कि जब जरुरत थी तब दी नहीं और अब जरूरत नहीं है तो देने की कवायद की जा रही है। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने इस बार राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को यूनिफॉर्म वितरण का काम दिया था। शिक्षा सत्र 2023-24 की यूनिफॉर्म जुलाई-अगस्त 2023 से ही वितरित होना शुरू होना था, लेकिन नहीं हुआ। फरवरी 2024 तक 22 जिलों में ही वितरण शुरू हो सका। महिलाओं के आजीविका समूहों से काम में देरी बजट, यूनिफॉर्म बनने और वितरण सहित अनेक मोर्चा पर लापरवाही के कारण हुई।
नहीं दे रहे हैं जानकारी
प्रदेश के 22 जिलों में इसी साल फरवरी में यूनिफॉर्म बांटने का काम शुरू कर दिया गया था, लेकिन वह अब तक पूरा ही नहीं हो पा रहा है। यही नहीं मौजूदा समय में क्या स्थिति है, इसकी भी जानकारी विभाग को नहीं दे रहे हैं। नतीजतन विभाग को ऐसे जिलों को बार-बार नसीहत देनी पड़ रही है।
इन जिलों में गलत खातों में डाली राशि
जिन जिलों में गलत खातों में राशि डाली गई है, उसमें राजधानी भोपाल सहित, आगर मालवा, अशोकनगर, बालाघाट, बुरहानपुर, दमोह, दतिया, धार, डिंडौरी, गुना, ग्वालियर, हरदा, इंदौर, जबलपुर, झाबुआ, कटनी, खरगोन, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, निवाड़ी, राजगढ़,
सीहोर, शाजापुर, टीकमगढ़, उज्जैन, उमरिया एवं विदिशा शामिल हैं।
20 लाख खातों में भेजी राशि
प्रदेश के 30 जिलों में शिक्षा सत्र 2023-24 के तहत फरवरी 2024 तक गणवेश बांटना ही शुरू नहीं हुआ। जब शिक्षा विभाग को यह पता चला तो तय किया गया कि अब इन तीस जिलों में यूनिफॉर्म बांटने में समय लगेगा, इसलिए सीधे पैसा ही दे दिया जाए। इसके बाद 600 रुपए प्रति स्टूडेंट के हिसाब से बीस लाख से ज्यादा बच्चों के खातों में पैसा ट्रांसफर कर दिया गया। अब जून 2024 के अंत में फिर शिक्षा विभाग को पता चला कि जिन बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया वो ही गलत थे। पैसा त्रुटिपूर्ण खातों में चला गया। अब आदेश दिए गए हैं कि पैसा सही खातों में भेजा जाए। इसके लिए वापस तीस जिलों में मशक्कत शुरू हो गई है। बैंक खातों का सत्यापन किया जाने लगा है।

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