संपत्ति के लिए सौरभ के परिजनों ने खेला दान का खेल

मां को मिले दो प्लॉट, तो पत्नी ने बहन को दान की संपत्ति

भोपाल/मंगल भारत। मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा को लेकर नए -नए खुलासे होते जा रहे है। शर्मा ने आठ साल की नौकरी में परिवहन विभाग में खूब काली कमाई की। जांच में यह खुलासा हुआ है कि उसने अपनी मां और पत्नी के नाम से करोड़ों रुपए की संपत्ति खरीदी, जिसमें कई तरह के गिफ्ट की गई प्रॉपर्टी भी शामिल है। जानकारी के अनुसार सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा को दो प्रॉपर्टी गिफ्ट में मिली थी। 27 जुलाई 2023 को ग्वालियर के नया बाजार की रहने वाली श्यामा खेमरिया ने उमा शर्मा को 0.387 एकड़ भूमि दान में दी थी, जिसकी बाजार कीमत लगभग 14.24 लाख रुपये थी। इसी तरह, 26 जुलाई 2023 को ग्वालियर के विनय नगर में रहने वाली चम्पा खेमरिया ने 1400 स्क्वायर फीट का प्लॉट उमा शर्मा को गिफ्ट किया, जिसकी कीमत 26.54 लाख रुपये बताई जा रही है।यहीं नहीं अब यह बात भी सामने आ रही है कि काली कमाई को सफेद करने के लिए पूरे परिवार ने षड्यंत्र किया। यहीं वजह है कि सौरभ शर्मा की पत्नी ने 2023 में अपने पति के उपनाम शर्मा की जगह अपने पिता सलिल तिवारी के उपनाम तिवारी का उपयोग किया। ताकि किसी को कोई शक ना हो। दिव्या तिवारी के नाम पर कई संपत्तियां भी खरीदी गई थीं, जिनमें से एक 1 अप्रेल 2022 को खरीदी गई 2.6150 हेक्टेयर कृषि भूमि शामिल है, जो उसने अपनी बहन रेखा तिवारी को 11 जुलाई 2023 को दान कर दी। इस संपत्ति का मूल्य करीब 19 लाख रुपये बताया गया है।इसके अलावा, सौरभ ने अपनी पत्नी के नाम पर भोपाल के ई-7 अरेरा कॉलोनी स्थित एक बंगला भी 1.67 करोड़ रुपये में खरीदा। इस बंगले पर ही ईडी की टीम ने छापेमारी की। इसके अलावा सौरभ की मां उमा शर्मा ने गवालियर के कुशराजपुर गांव में 1.505 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। इसके अलावा, 26 जुलाई 2021 को ग्वालियर के विनय नगर सेक्टर 2 में 2400 स्क्वायर फीट का प्लॉट 30 लाख रुपये में खरीदी थी। बता दें, 19 दिसंबर को लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी की थी। जहां से टीम को 7 करोड़ 98 लाख रुपए की चल संपत्ति मिली थी। इसमें नगदी, सोना, चांदी शामिल है। इसके अलावा करोड़ों रुपये की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। वहीं, आईटी की टीम ने भोपाल के पास ही एक कार को जब्त किया था। उसमें 52 किलो सोना और करीब 10 करोड़ रुपये नगद बरामद हुए। यह माल एक आरटीओ लिखी कार से बरामद किया गया। सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग में सात साल नौकरी करने के बाद वीआरएस ले लिया था। वह ठेकेदारी का काम करने लगा था। अब एजेंसियां भ्रष्टाचार के साथ ही काले धन को सफेद करने की कोशिश करने के एंगल से भी पूरे मामले की जांच कर रही है।
ग्वालियर से तीन बैग दस्तावेज जब्त
ग्वालियर में ईडी ने सौरभ शर्मा के पुराने घर और उसके साथी चेतन शर्मा के घर पर छापा मारने के दौरान 3 बैग दस्तावेज जब्त किए गए हैं और 2 लोगों से पूछताछ की है। इस मामले में सौरभ और चेतन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया तो कई और राजदार बेनकाब हुए। सौरभ का साथ देने वालों में उसकी मां, पत्नी, साला, दोस्त चेतन गौर और शरद जायसवाल के साथ जीजा रोहित तिवारी का भी नाम सामने आया। जांच एजेंसी को पता चला कि सौरभ ने भोपाल समेत कई शहरों में जीजा के साथ साझेदारी में कई प्रॉपर्टी खरीदी। भोपाल में जिस बंगले में सौरभ रह रहा था, वह जीजा के नाम से खरीदा था। 27 दिसंबर को जब ईडी ने नए सिरे से सौरभ के भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के ठिकानों पर छापा मारा तो प्रॉपर्टी से जुड़े कई और सबूत मिले। ईडी को सौरभ के मकान से हरे रंग की एक डायरी मिली है। ईडी के सूत्रों के मुताबिक 66 पन्ने की ये डायरी सौरभ की है, जिसमें उसके हाथ से लिखे हुए नोट्स हैं। हालांकि, सूत्रों ने ये नहीं बताया कि डायरी में क्या और किसके बारे में लिखा गया है।
दिव्या ने गरबा के लिए खरीदा था 14 लाख का लहंगा
एजेंसियों को अब सौरभ के घर से अहमदाबाद से खरीदे गए 14 लाख रुपए के लहंगा के कागज मिले है। जानकारी के अनुसार यह लहंगा सौरभ की पत्नी दिव्या शर्मा उर्फ दिव्या तिवारी ने अहमदाबाद से खरीदा था। अब एजेंसियां इस मामले में दिव्या से पूछताछ करेगी। उधर, सौरभ और उसके ठिकानों पर एजेसियों को कई अहम दस्तावेज मिले है। सौरभ शर्मा और उससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर ईडी ने कार्रवाई की है। इस दौरान ईडी नकाब में एक युवक और युवती को साथ ले गई थी। बताया जा रहा है कि नकाब में चेतन सिंह गौर है। इसकी निशानदेही पर ही अब ईडी कार्रवाई कर रही है। हालांकि अभी आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है। एजेंसी को छापेमार कार्रवाई में कई दस्तावेज मिले है। वहीं, एजेंसियों को सौरभ और उससे जुड़े लोगों के बैंक लॉकर और खातों की जानकारी मिली है, जिसे सील किया गया है।