ओबीसी आरक्षण का मैंने किया था प्रावधान: नाथ

ओबीसी आरक्षण का मैंने किया था प्रावधान: नाथ.

मप्र हाईकोर्ट ने 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के फैसले पर रोक लगाने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का बयान सामने आया। उन्होंने एक्स प्लेटफार्म पर ट्वीट करके लिखा कि मार्च 2019 में मैंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में प्रदेश के ओबीसी समुदाय को 27 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया था। हाई कोर्ट के फैसले ने मेरी तत्कालीन सरकार के निर्णय को एक बार फिर सही साबित किया है। मप्र हाई कोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें राज्य शासन द्वारा प्रदेश में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण देने के फैसले का विरोध किया गया था। यह कांग्रेस पार्टी की नीतियों की जीत है। अब मध्य प्रदेश सरकार को तत्काल सभी स्तर पर 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण देना सुनिश्चित करना चाहिए।
ओबीसी आरक्षण का मैंने किया था प्रावधान: नाथ
राज्य सरकार ने दिल्ली स्थित मप्र भवन में बतौर आवासीय आयुक्त पदस्थ मप्र कैडर के 1993 बैच के आईएएस अधिकारी अनिरुद्ध मुखर्जी को पदोन्नत करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव बना दिया है। गौरतलब है कि गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा के इसी माह सेवानिवृत होने से एसीएस का एक पद खाली हो रहा है। इसी खाली पद पर मुखर्जी को पदोन्नति दी गई है। अब 1993 बैच में एक मात्र आईएएस अधिकारी दीप्ति गौड़ मुखर्जी ही शेष हैं, जो एसीएस नहीं बन सकी हैं। अगले माह उन्हें भी एसीएस पद पर पदोन्नति मिल सकती है।
ई-केवाईसी प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा: कुशवाहा
सामाजिक न्याय दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों के ई- केवाईसी प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। इसके तहत ऐसे हितग्राही जिनके बायोमेट्रिक प्रक्रिया में फिंगर प्रिंट नहीं आ पा रहे हैं, उनका आइरिस ऑथेंटिकेशन कराया जायगा। चलने में असमर्थ हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन कराकर पेंशन जारी रखी जाएगी। मंत्री कुशवाहा ने निर्देश दिए हैं कि पेंशन हितग्राहियों का ई-केवाईसी का कार्य 15 फरवरी तक शत-प्रतिशत पूरा कर लिया जाए। इसको लेकर विभागीय प्रमुख सचिव सोनाली वायंगणकर ने कलेक्टर्स और विभागीय अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 49 लाख 84 हजार पेंशन हितग्राहियों का समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवाइसी किया जा चुका है। शेष हितग्राहियों के ई-केवाईसी की प्रक्रिया जारी है। जो वृद्धजन, दिव्यांगजन चलन-फिरने में असमर्थ है उनका भौतिक सत्यापन करा कर पेंशन जारी रखी जाएगी।
अवैध शराब बिक्री पर भडक़े पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह

जबलपुर में खुले आम बिकने वाली अवैध शराब को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह उसम समय एसपी पर भडक़ गए, जब लोगों ने उनसे इसकी शिकायत की। उन्होंने एसपी से कहा कि अवैध शराब रहेगी या आपके अधिकारी, आप तय कर लें। अवैध शराब बंद होनी चाहिए। मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं। मैं अब पश्चिम विधानसभा के थाना प्रभारी और एसपी साहब आपके साथ मीटिंग लेना चाहूंगा। क्योंकि अगर ये अवैध शराबबंदी ना कर पाए तो इनको नहीं रखना है। नर्मदा घाट पर अगर ये स्थिति है, तो जिलें में क्या हाल होंगे। पूरा घटनाक्रम बुधवार का है, जब मंत्री राकेश सिंह, महापौर जगत बहादुर अन्नू, नगर निगम अध्यक्ष रिंकू विज, कलेक्टर दीपक सक्सेना, एसपी संपत उपाध्याय, नगर निगम कमिश्नर प्रीति यादव के साथ नर्मदा जंयती की तैयारी का जायजा लेने के लिए गौरी घाट पहुंचे थे। यहां अधिकारियों और मंत्री की बैठक के दौरान ही लोगों ने गौरी घाट थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए। व्यक्ति ने कहा कि कहने को तो ये शराब प्रतिबंधित क्षेत्र है, पर सबसे ज्यादा यहीं पर अवैध शराब बिकती है। इसकी जानकारी पुलिस को भी अच्छे से है। इतना सुनते ही मंत्री राकेश सिंह नाराज हो गए और कलेक्टर, एसपी की मौजूदगी में ही पुलिसकर्मियों की क्लास लगा दी।

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