भोपाल/मंगल भारत। एक दशक पहले लिए गए निर्णय पर
सरकार अब तक अमल नहीं कर सकी है, जिसकी वजह से प्रदेश के शिक्षा विभाग को बगैर एरिया एजुकेशन अफसरों के ही काम चलाना पड़ रहा है। इसकी वजह से अब लोक शिक्षण संचालनालय का काम प्रौढ़ शिक्षा के अफसरों के भरोसे है। इसकी वजह है पूर्व में लोक शिक्षण संचालनालय में भी राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों की पदस्थापना की जाती थी, जो अपर संचालक से लेकर संचालक तक के पदों पर काम किया करते थे, लेकिन सरकार ने करीब 12 साल पहले निर्णय लेकर लोक शिक्षण संचालनालय से उनका दखल पूरी तरह से समाप्त कर दिया था। इसके साथ ही तय किया था कि राप्रसे के अफसरों की जगह राज्य शिक्षा सेवा संवर्ग के तहत एरिया एजुकेशन ऑफिसर (एओ) के पदों पर भर्तियां की जाएगी। लेकिन इस बीच तीन बार सरकारें बदल चुकी हैं, लेकिन भर्ती की प्रक्रिया तक शुरु नहीं हो सकी है। उस समय दावा किया गया था कि यह कदम स्कूल शिक्षा विभाग को मजबूती प्रदान करने की मंशा से उठाया जा रहा है। कैडर में सबसे पहले निचले पद पर यानी एरिया एजुकेशन ऑफिसर (एईओ) के पदों पर भर्तियां होनी थी, लेकिन इस पद को छोडक़र विभाग के अधिकारियों ने लगभग सभी उच्च पदों पर कब्जा कर लिया। सरकार ने एरिया एजुकेशन ऑफिसर के 2973 पदों पर भर्ती के लिए 8 सितंबर 2013 को भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, रीवा सहित अन्य जिलों में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराई गई थी। परीक्षा में प्रदेश भर से करीब 23 हजार शिक्षक शामिल हुए थे, लेकिन परीक्षा विभाग द्वारा एईओ की परीक्षा लेकर बनाए नियम में इतनी विसंगति थी कि मामला सुलझने के बजाय उलझता ही चला गया। बाद में विभाग ने पूरे मामले को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसी बीच विभाग के अफसरों ने एईओ को छोड़ सभी पदों को पदोन्नति से भर दिए।फिलहाल विभाग में जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयकों की पोस्टिंग मनमाने तरीके से अलग-अलग हो रही है। विभाग दो भागों यानी राज्य शिक्षा केंद्र और लोक शिक्षण संचालनालय में बंटा हुआ है। इनका बजट भी अलग-अलग होता है। एईओ सिस्टम लागू करने से डीईओ व डीपीसी कार्यालय एक हो जाएंगे और कमान उप संचालक के पास होगी। इस कारण विभाग के आला अफसर बजट व राशि वितरण में मनमानी नहीं कर पाएंगे।
बीईओ के बड़े अधिकार
राज्य शिक्षा सेवा के गठन में बीईओ को पावरफुल बनाया गया है। अभी तक बीईओ को विभिन्न स्कूलों के संचालक व सरकारी स्कूलों का स्टॉफ ज्यादा महत्व नहीं देता। इस कारण किसी भी ब्लॉक का बीईओ अभी सीधे कार्रवाई करने में हिचकता है। शिक्षा सेवा के गठन में ब्लाक एजुकेशन ऑफिसर (बीईओ) के पद को उन्नत कर एरिया एजुकेशन ऑफिसर (एईओ) नाम दिया गया है। यह पईओ संबंधित ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई सहित सभी गतिविधियों पर नजर रखेंगे।