इंसेंटिव देने के मामले में मप्र देश में पहले स्थान पर

सरकार ने चुकाया औद्योगिक इकाईयों का बकाया.

भोपाल/मंगल भारत। मप्र उद्योग क्षेत्र को प्रोत्साहन देने वाला ऐसा राज्य है, जहां औद्योगिक इकाइयों को राशि के भुगतान का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। ऐसा कोई भी भुगतान लंबित नहीं है, जो औद्योगिक इकाइयों को देना था। ऐसा कार्य करने वाला मप्र पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के पहले मंत्रियों को सरकार व शासन शासन की प्राथमिकताओं और गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मप्र ऐसा एकमात्र राज्य है, जहां वृहद और लघु सूक्ष्म, मध्यम उद्योगों के समस्त देयकों का भुगतान पूर्ण हो चुका है।
राज्य शासन औद्योगीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। वृहद औद्योगिक इकाइयों को वर्ष 2024-25 में कुल 3100 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया। औद्योगिक विभाग के अंतर्गत वृहद औद्योगिक इकाइयों को आज 702 करोड़ रुपए के इन्सेन्टिव का भुगतान करने का कार्य किया गया। एमएसएमई विभाग के अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों को 1075 करोड़ रुपए के लंबित इन्सेन्टिव का भुगतान किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में एमएसएमई इकाइयों को कुल 2162 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इसी तरह आज राज्य सरकार डीबीटी के माध्यम से एमएसएमई और वृहद इकाइयों के लिए 1777 करोड़ रुपए की देय इन्सेन्टिव राशि का भुगतान कर रही है। इससे 2500 से अधिक औद्योगिक इकाइयां लाभान्वित होंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि 27 अप्रैल को इंदौर में आईटी कॉन्क्लेव का आयोजन होगा। सूचना प्रौद्योगिकी की दृष्टि से मध्य प्रदेश में इंदौर संभावना से भरा क्षेत्र है। यहां देश-विदेश की लगभग 200 कंपनियों की भागीदारी रहेगी।
खोले जाएंगे हॉस्टल
– औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं के लिए खुलेंगे हॉस्टल: मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने विशेष केंद्रीय सहायता से प्रदेश की औद्योगिक कामकाजी बहनों की रहवास सुविधा के लिए 284 करोड़ रुपए की राशि 5120 महिलाओं के लिए हॉस्टल की सुविधा के लिए स्वीकृत की गई है। ये हॉस्टल पीथमपुर, मंडीदीप, मालनपुर, विक्रम उद्योगपुरी, झाबुआ, सिंगरौली, देवास और नर्मदापुरम में बनेंगे।
– 30 जून तक चलेगा जल गंगा संवर्धन अभियान: मुख्यमंत्री ने जल गंगा संवर्धन अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि 30 मार्च से यह अभियान प्रारंभ किया है जो 30 जून तक चलना है। प्रदेश में 90 दिन से अधिक चलने वाले इस अभियान के निश्चित ही अच्छे परिणाम आएंगे।

– अब तक 8 लाख मेट्रिक टन गेहूं का उपार्जन: मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 2600 रुपए प्रति क्विंटल की जा रही है। प्रदेश में 14.76 लाख किसानों द्वारा पंजीयन करवाया गया है।

– अब तक 8 लाख मेट्रिक टन गेहूं का उपार्जन लगभग एक लाख किसानों से किया जा चुका है।
– सत्र की शुरुआत में ही मिलेगी बच्चों को किताबें: मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल चलें हम अभियान में एक अप्रैल से प्रवेशोत्सव प्रारंभ हुआ है। राज्य में लगभग 85 लाख विद्यार्थियों को सत्र के प्रारंभ में ही पाठ्य पुस्तकें प्रदान करने का निर्णय लिया गया। प्रवेशोत्सव में इसी माह स्कूल की किताबें बांटी जानी है।

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