मप्र में 9 साल बाद होंगे कर्मचारियों के प्रमोशन

मंगल भारत। मनीष द्विवेदी। मप्र के सरकारी कर्मचारियों के
प्रमोशन में बनी बाधा को हटाने का रास्ता सरकार ने निकाल लिया है। जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। इससे मप्र के चार लाख से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों को प्रमोशन मिलेगा। 9 साल बाद कर्मचारियों के होने वाले प्रमोशन के लिए सरकार ने फॉर्मूला बना लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उच्चस्तरीय बैठक में जिस प्रस्तावित फॉर्मूले पर सैद्धांतिक सहमति दी है, उसके अनुसार प्रमोशन के बाद 2.03 लाख पद खाली होंगे। जिन पर नई भर्तियां होंगी। ये पद दो साल में भरे जाएंगे। इसकी तैयारी प्रमोशन प्रक्रिया के समानांतर चलेगी। सरकार के नए नियमों के अनुसार अब जिस वर्ग के तहत कर्मचारियों की भर्ती हुई थी, उसी के अनुसार उसकी पदोन्नति होगी। बता दें कि मप्र में अप्रैल 2016 यानी पिछले 9 साल से अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रमोशन अटके हुए हैं। इस दौरान 1 लाख से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। अब सरकार ने इसका फॉर्मूला तय कर लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने भी सभी विभागों को कहा है कि कैबिनेट से प्रमोशन के नियमों को मंजूरी मिलने के बाद विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक कर आदेश जारी करें।
फार्मूला में अभी भी कुछ पेंच फंसा
डॉ. मोहन यादव की सरकार ने पदोन्नति के लिए जो फार्मूला तैयार किया है, उस पर अभी भी कुछ पेंच फंसा हुआ है। इस मामले पर कर्मचारी संगठन, अजाक्स और सपाक्स के पदाधिकारियों की राय अलग ही है। इसी कारण पदोन्नति का यह पेंच फंस रहा है। सरकार के प्रस्ताव के अनुसार जिस श्रेणी में कर्मचारी की नियुक्ति हुई है, उसी श्रेणी में उसकी पदोन्नति होगी। जितने पद रिक्त होंगे, उतने ही पद उसी वर्ग में पदोन्नति से भरे जाएंगे। चाहे पद खाली ही रह जाएं। यदि किसी विभाग में कार्यालय अधीक्षक के 50 पद खाली हैं तो एसटी 20 प्रतिशत और एसपी को 16 प्रतिशत पदों पर पदोन्नति दी जाएगी। शेष 32-33 पदों को सामान्य वर्ग को प्रमोशन देकर भरा जाएगा। इसके लिए बेशक पद खाली ही रह जाएं। पदोन्नति के बाद खाली होने वाले पद जिस फॉर्मूले के तहत भरे जाएंगे उसके अनुसार ऐसे कैडर जिनमें खाली पदों की संख्या 1 से 50 तक यहां दो चरणों में भर्ती होगी। पहले साल 50 फीसदी पद भरे जाएंगे। बाकी 50 फीसदी पद अगले साल भरे जाएंगे। ऐसे कैडर जिनमें खाली पदों की संख्या 51 से 200 तक, इनमें तीन चरणों में भर्ती होगी। यदि पद 33 फीसदी से कम हैं तो एक बार में भरे जाएंगे। यदि 33 फीसदी या उससे ज्यादा है, पर 66 फीसदी से कम हैं तो तीन साल में भर्ती होगी। पहले साल 8 फीसदी दूसरे साल 46 फीसदी और तीसरे साल में 46 फीसदी पद भरे जाएंगे। यदि खाली पदों की संख्या 66 फीसदी या उससे ज्यादा है तो पहले साल 8 फीसदी, दूसरे साल 31 फीसदी, तीसरे साल में 31 फीसदी और चौथे साल 30 फीसदी भर्ती होगी। ऐसे कैडर जिनमें खाली पदों की संख्या 200 से ज्यादा है, तो भर्ती का फॉर्मूले अलग रहेगा। इसके तहत यदि खाली पद 25 फीसदी से कम हैं तो एक बार में रिक्त पदों की पूर्ति होगी। यदि 25 फीसदी या उससे अधिक हैं लेकिन 50 फीसदी से कम हैं तो पहले साल 8 फीसदी, दूसरे साल 46 फीसदी और तीसरे साल 46 फीसदी पद भरे जाएंगे।
सभी पदोन्नति सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन होंगे
सूत्रों के अनुसार सरकार ने जो पदोन्नति का ड्राफ्ट तैयार किया है, उसे यह प्रावधान किया गया है जो भी प्रमोशन होगा, वह सुप्रीम कोर्ट के अधीन ही होंगे। वहीं जिस प्रकार कोर्ट का आदेश होगा, वह ही अंतिम होगा। सरकार उसे पूरी तरह से लागू करने के लिए बाध्य होगी। इस समय हाईकोर्ट में एक हजार से अधिक याचिकाएं पदोन्नति को लेकर लंबित हैं। यदि सभी पदों पर प्रमोशन कर दी जाएंगी, उसके बाद भी दो लाख से अधिक पद खाली रह जाएंगे। सरकार ने सभी विभागों से अपने यहां खाली पदों की जानकारी मांगी हैं। सभी विभागों में यदि सभी पद प्रमोशन से भर दिए जाएंगे, तो भी दो लाख से अधिक पद खाली रहेंगे। सरकार का प्रयास है कि अगले दो साल में यह सभी पद भर लिए जाएं। इस समय यदि उच्च पद खाली हैं तो उनका प्रभार प्रमोशन के इंतजार में बैठे अधिकारियों को दिया गया है। जब इनकी प्रमोशन हो जाएगी तो पद खाली हो जाएंगे। इस समय सरकार के बजट का 27 प्रतिशत अभी तक कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन पर खर्च हो रहा है। नई भर्ती के बाद यह बजट बढ़ जाएगा। इस बजट में व्यय इसी वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।
अगले दो वर्ष में दो लाख होंगी भर्तियां
सरकार ने अभी निर्णय लिया है कि अगले वित्तवर्ष यानी 2026-27 में एक लाख तथा 2027-28 में एक लाख पदों पर भर्तियां की जाएंगी। इस वित्तवर्ष में केवल प्रमोशन ही दिए जाएंगे। प्रदेश के वित्त विभाग ने सभी विभागों को इसी तरह से तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं। दो साल में यह भर्तियां कर्मचारी चयन मंडल तथा मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से करवाई जाएंगी। सरकार ने दो चरणों में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। पहले साल में 50 प्रतिशत तथा दूसरे साल में भी बाकी बचे 50 प्रतिशत पद भरे जाएंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रमोशन के बाद रिक्त होने वाले पदों की जानकारी सभी विभागों से मांगी है। इसके मुताबिक चार लाख से अधिक कर्मचारियों को प्रमोशन दिए जाने के बाद सभी कैडर के दो लाख पद खाली होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि अभी पदोन्नति के लिए पात्र अधिकारियों-कर्मचारियों को उच्च पदों का प्रभार दिया गया है। इन्हें विधिवत पदोन्नति मिलने से पद रिक्त घोषित होंगे और फिर भर्ती प्रक्रिया होगी। ये चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। दरअसल, वर्तमान में सरकार का स्थापना व्यय (वेतन-भत्ते और पेंशन) कुल बजट का 27 फीसदी है। वह नई भर्ती के बाद बढ़ जाएगा। स्थापना व्यय वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक होने का अनुमान है।