सरकार कराएगी पुजारियों की ट्रेनिंग, एक्सपर्ट सिखाएंगे अनुष्ठान, पूजा विधि और पंचांग देखना

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के 22 हजार सरकारी( माफ़ी विभाग) मंदिरों के पुजारियों को 11 साल बाद सरकार एक बार फिर अनुष्ठान, पूजा विधि, कर्मकांड और पंचांग देखना सिखाने जा रही है क्योंकि कई पुजारी ऐसे हैं जिन्हें ये सब करना नहीं आता जिसके चलते तीज त्योहारों पर मंदिरों में विशेष पूजा नहीं हो पाती । इसलिए सरकार की मदद से देशभर के पूजा पाठ एक्सपर्ट पुजारियों को ट्रेनिंग देंगे। । पुजारियों को ट्रेनिंग देने का फैसला मप्र तीर्थ स्थान एवं मेल प्राधिकरण ने लिया है।

मध्यप्रदेश के माफ़ी मंदिरों में इस समय मात्र 1500 पुजारी तैनात हैं , ज्यादातर मंदिर पुजारी विहीन है । जिन मदिरों के पास जमीन है उनके पुजारियों को 500 से 700 रुपये नेमनुक(मानदेय) मिलता है और जिन मंदिरों के पास जमीन नहीं है उन्हें 1000 रुपये मिलता है। बड़ी बात ये है कि ये मानदेय साल में एकबार इकठ्ठा मिलता है। बात ग्वालियर जिले की करें तो यहाँ माफ़ी विभाग के 800 मंदिर हैं लेकिन सभी पर पुजारी नहीं हैं। पुजारियों की सबसे ज्यादा संख्या 288 ग्वालियर तहसील में है।

ग्वालियर, उज्जैन, मैहर और ओरछा सहित 7 जगह होगी ट्रेनिंग

पुजारियों को दो दिन 7 अलग अलग स्थानों पर ट्रेनिंग दी जाएगी। ये ट्रेनिंग 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच प्रदेश में 7 अलग अलग जगह होगी इनमें ग्वालियर, उज्जैन, मैहर और ओरछा भी शामिल हैं । ग्वालियर में ग्वालियर के अलावा भिंड, मुरैना और दतिया के पुजारी शामिल होंगे।

संस्कृत के विद्वान देंगे ट्रेनिंग

प्राधिकरण ने ट्रेनिंग के लिए देशभर के संस्कृत महा विद्यालयों के विद्वानों को बुलाने का फैसला किया है। ये विद्वान पूजा विधि, कर्मकांड,अनुष्ठान और पंचांग देखना सिखायेंगे।

2007 में हो चुकी है ट्रेनिंग

प्रदेश में पुजारियों को दूसरी बार इस तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। 2007 में ग्वालियर के अचलेश्वर मंदिर में शहरी क्षेत्र के पुजारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। मप्र तीर्थ स्थान एवं मेल प्राधिकरण के उप निदेशक रूपेश उपाध्याय का कहना है कि 2007 में हुई ट्रेनिंग के सकारात्मक परिणाम आये थे इसलिए एक बार फिर अलग 7 अलग अलग स्थानों पर ट्रेनिंग का प्रोग्राम बनाया है।पुजारियों को ट्रेनिंग में आने जाने का खर्च और रहने की सुविधा प्राधिकरण उठाएगा।