सागर : मध्य प्रदेश के सागर में रहली अपर सत्र न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है| नाबालिग से रेप के मामले में कोर्ट ने दोषी को सजा ए मौत यानी फांसी की सजा सुनाई है| ख़ास बात यह है कि घटना के डेढ़ माह में ही आरोपी को उसके किये की सजा दे दी गई, मामले की ट्रायल मात्र 46 दिन में पूरी हो गई और एडीजे सुधांशु सक्सेना सत्र न्यायालय रहली द्वारा आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई|
दरअसल, मामला सागर जिले के रहली थाना क्षेत्र के ग्राम खमरिया का है, जहां 21 मई 2018 को एक 8 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ आरोपी भग्गी उर्फ भगीरथ उर्फ नारायण पटेल निवासी खमरिया द्वारा बलात्कार किया गया था। बच्ची को नमकीन का लालच देकर आरोपी एक धार्मिक स्थल में ले गया था, जहां बच्ची से दुष्कर्म किया| बच्ची के शोर मचाने पर गांव के लोग इकट्ठे हो गए थे, जिसके बाद आरोपी फरार हो गया था| मामले की शिकायत पर रहली थाना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया था। साथ ही चालान कोर्ट में पेश किया था ।
सागर एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल द्वारा दर्ज शिकायत पर तत्काल करते हुए आरोपी के खिलाफ धारा 376a, 376b, 366 भादवि तथा 3,4,5 पाक्सो एक्ट का अपराध क्र 250/18 कायम करवाकर प्रकरण को चिन्हित सनसनीखेज श्रेणी में लिया गया। शीग्र विवेचना के लिए टीम गठित की गई। टीम ने मामले की विवेचना 72 घंटे में पूरी कर 24 मई को चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया। मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजन अधिकारी पी. एल. रावत रहली द्वारा की गई। 21 मई को हुई वारदात के बाद 46 दिनों में ही यह फैसला आ गया है। इस फैसले के बाद पीडि़ता के परिजनों ने राहत की सांस ली है। वहीं मामले के जानकारों ने भी न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है| एडीजे सुधांशु सक्सेना ने आरोपी भग्गी उर्फ भगीरथ उर्फ नारायण पटेल को फांसी की सजा से दंडित किया है। संभवतः प्रदेश का यह पहला मामला जिसमें किसी नाबालिग के साथ बलात्कार की घटना पर दोषी को लगभग डेढ माह में ही फांसी की सजा सुनाई गई हो|