FIFA WC : फ्रांस के तगड़े डिफेंस के सामने होगी बेल्जियम के एडन हेजार्ड की चुनौती

सेंट पीटर्सबर्ग : रूस में जारी फीफा वर्ल्डकप 2018 के पहले सेमीफाइनल में क्वार्टरफाइनल में ब्राजील को हराने वाली बेल्जियम का मुकाबला फ्रांस से होगा. एडन हेजार्ड पिछले एक दशक में फ्रांस की अकादमी प्रणाली के सबसे उम्दा खिलाड़ियों में से एक हैं लेकिन वह दिदिएर डेसचैम्प्स की टीम के विश्व कप जीतने के सपने को तोड़ सकते हैं. फुटबाल खेलने वाले माता-पिता की संतान बेल्जियम के ब्रेन-लि-कोम्टे में जन्में हेजार्ड की ख्याति जल्द की पड़ोसी देशों में भी फैलने लगी और 14 साल की उम्र में ही लिली ने उन्हें अपने साथ जोड़ लिया.

हेजार्ड ने दो साल बाद लीग 1 में पेशेवर पदार्पण किया और फ्रांस फुटबाल लीग के सबसे प्रतिभावान खिलाड़ियों में शामिल रहे. उन्होंने दो बार लीग के साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब जीता और 2010 में लिली को लीग 1 और कप का दोहरा खिताब दिलाया. चेल्सी ने 2012 में चार करोड़ 30 लाख डालर खर्च करके उन्हें अपने साथ जोड़ा.

इंग्लैंड में छह सत्र में हेजार्ड ने दो लीग खिताब और काफी वाहवाही लूटी. अब रूस में हेजार्ड को ऐसे खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है जो बेल्जियम की स्वर्णिम पीढ़ी का हिस्सा हैं और पहली बार देश को विश्व कप दिलाने में अहम भूमिका निभा सकता है. विन्सेंट कोंपानी के चोट के बाद वापसी करने के बावजूद रोबर्टो मार्टिनेज ने हेजार्ड को कप्तान बरकरार रखा और क्वार्टर फाइनल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को ब्राजील पर जीत दिलाई.बचपन में हेजार्ड ने फ्रांस के महान खिलाड़ी और विश्व कप 1998 चैंपियन जिनेदिन जिदान से प्रेरणा ली. अब 20 साल के बाद हेजार्ड जिदान की बराबरी करने से दो जीत दूर हैं.

हेजार्ड की राह हालांकि सेमीफाइनल में आसान नहीं होगी क्योंकि फ्रांस के पास भी पाल पोग्बा, काइलन एमबापे और एंटोनी ग्रिजमैन जैसे दिग्गज खिलाड़ी हैं.

फ्रांस और बेल्जियम की टीमों में स्टार स्ट्राइकरों की मौजूदगी के कारण दोनों टीमों के बीच कल यहां होने वाले विश्व कप सेमीफाइनल में दर्शकों को काफी गोल देखने को मिल सकते हैं.  ये यूरोपीय पड़ोसी और प्रतिद्वंद्वी पिछली बार जब विश्व कप में आपस में भिड़े थे तो फ्रांस ने 1986 में तीसरे स्थान के मुकाबले में 4-2 से बेल्जियम को हराया था. दोनों टीमों के बीच तीन साल पहले स्टेड डि फ्रांस में खेले गए प्रदर्शनी मैच में बेल्जियम ने 4-3 से जीत दर्ज की थी. विश्व कप 2002 की पूर्व संध्या पर फ्रांस को जब मैत्री मैच में बेल्जियम के खिलाफ 1-2 से हार झेलनी पड़ी थी तो राष्ट्रीय स्टेडियम में दर्शकों ने मेजबान देश के खिलाड़ियों की हूटिंग की थी.

फ्रांस हालांकि मौजूदा विश्व कप की सबसे युवा टीम की बदौलत 2006 के बाद पहली बार विश्व कप सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रहा है. टीम को यहां तक पहुंचाने में 19 साल के फारवर्ड काइलियान एमबापे की अहम भूमिका रही है जबकि बेंजामिन पेवार्ड और लुकास हर्नांडेज की अनुभवहीन अटैकिंग फुलबैक जोड़ी ने भी शानदार प्रदर्शन किया है.

फ्रांस की 1998 मे विश्व कप जीतने वाली टीम के कप्तान और मौजूदा टीम के कोच दिदिएर डेसचैम्प्स ने दायें छोर से पेवार्ड और बायें छोर से हर्नांडेज को खिलाने का बड़ा फैसला किया था. बाइस साल के इन दोनों खिलाड़ियों को सिर्फ 10-10 अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने का अनुभव है लेकिन मौजूदा विश्व कप में दोनों ने धैर्य और जज्बा दिखाया है. दूसरी तरफ शुरुआत में संदेह जताया जा रहा था कि कोच रोबर्टो मार्टिनेज बेल्जियम की व्यक्तिगत प्रतिभा को सामूहिक ताकत में बदल पाएंगे या नहीं. प्रशंसकों ने अगस्त 2016 में उनके टीम के साथ जुड़ने को अधिक तवज्जो नहीं दी थी क्योंकि इससे कुछ समय पहले इंग्लैंड की प्रीमियर लीग टीम एवर्टन ने उन्हें बर्खास्त किया था.

मार्टिनेज के कार्यकाल की शुरुआत स्पेन के खिलाफ घरेलू मैदान पर 0-2 की हार के साथ हुई लेकिन इसके बाद से बेल्जियम 24 मैचों से अजेय है और इस दौरान उसने 78 गोल किए जबकि सिर्फ एक मैच में टीम गोल नहीं कर पाई. फ्रांस के पूर्व स्ट्राइकर थियेरी हेनरी बेल्जियम के सहायक कोच हैं और टीम मौजूदा विश्व कप के पांच मैचों में 14 गोल के साथ टूर्नामेंट में सर्वाधिक गोल दागने वाली टीम है.