नई दिल्ली : जहां एक तरफ भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने भारतीय बैंकों की नींदे उड़ा दी है वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार के मंत्री माल्या को ‘स्मार्ट’ बता रहे हैं। दरअसल केन्द्रीय मंत्री जुएल ओराम ने अनुसूचित जाति और जनजातियों को सफल उद्यमी बनने और बैंक से ऋण लेने के लिए विजय माल्या की तरह पहले स्मार्ट बनने की सलाह दी।
जनजातीय कल्याण मंत्री ने यहां राष्ट्रीय जनजातीय उद्यमी कॉन्क्लेव 2018 में कहा कि सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आदिवासी उद्यमियों को प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को शिक्षा, नौकरियों और राजनीति में आरक्षण मिला हुआ है लेकिन नुकसान यह है कि ज्ञान और प्रतिभा के संदर्भ में उनके साथ अन्यों के बराबर व्यवहार नहीं किया जाता है। ओराम ने कहा कि हमें उद्यमी बनना चाहिए, बुद्धिमान बनना चाहिए, स्मार्ट बनना चाहिए, जानकारी हासिल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिनके पास जानकारी है, वे सत्ता को नियंत्रित करते हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने विजय माल्या का उदाहरण देते हुए कहा कि आप लोग उसकी आलोचना करते हैं। लेकिन वह बुद्धिमान है। उसने कुछ बुद्धिमान लोगों को नौकरी पर रखा। माल्या ने यहां और वहां बैंककर्मियों, राजनेताओं, सरकार के साथ इधर उधर किया। ओराम ने पूछा कि आपको किसने स्मार्ट होने से रोका है? आदिवासियों से व्यवस्था को प्रभावित नहीं करने के लिए किसने पूछा? किसने आपको बैंककर्मियों को प्रभावित करने से रोका।
ओराम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा है कि एससी और एसटी लम्बे समय तक रोजगार पाने वाले नहीं रहने चाहिए बल्कि वे रोजगार देने वाले होने चाहिए। हमें उनकी इच्छा को पूरा करना चाहिए। एक मंत्री के रूप में इसके लिए मैं प्रतिबद्ध हूं।