मध्यप्रदेश में इस बार कांग्रेस उसी उम्मीदवार को टिकट देगी, जिसके पास नेशनल हेरॉल्ड की सदस्यता होगी. इसके लिए दावेदार को 2 हज़ार रुपए अदा करना होंगे. टिकट के दावेदारों के लिए दस अन्य शर्तों के साथ ये अलग और सबसे महत्वपूर्ण शर्त है.
टिकट के लिए मारामारी इतनी ज़्यादा है कि 230 सीटों के लिए अब तक 3200 दावेदार दावा जता चुके हैं. यानि गुणा-भाग किया जाए तो एक सीट से औसतन 13 दावेदार. ये हाल तो जुलाई में है. टिकट वितरण का समय नज़दीक आते-आते घमासान तेज़ हो जाएगा. और दावेदार तो अभी आना बाक़ी हैं. लेकिन टिकट उसी को मिलेगा जो बाकी सारी शर्तें पूरी करने के साथ नेशनल हेरॉल्ड का सदस्य होगा.
हाईकमान ने उम्मीदवारों की स्क्रूटनी शुरू भी कर दी है. पीसीसी इस बार अगस्त के अंत तक प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने की तैयारी में है, ताकि उम्मीदवारों को पर्याप्त प्रचार का वक्त मिल सके. पहली सूची में वो 70 सीट होंगी जहां से कांग्रेस लगातार पिछले तीन बार से चुनाव हार रही है. टिकट वितरण के लिए पार्टी ने जो फॉर्मूला तैयार किया है उसके मुताबिक दस शर्ते हैं. दस का दम भरने वाले की झोली में ही टिकट जाएगा. लेकिन पहली शर्त यही रहेगी कि जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा.
टिकट के दावेदार को नेशनल हेराल्ड की सदस्यता अनिवार्य रूप से लेना होगी. 2000 रुपए के ड्राफ्ट के साथ सदस्यता लेना अनिवार्य है. नेशनल हेरॉल्ड एक विवादित मामला है. इस पर कोर्ट में केस चल रहा है. बीजेपी नेता सुब्रमण्यिम स्वामी ने सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी कंपनियों और उनसे संबंधित लोगों के ख़िलाफ केस किया था. स्वामी का आरोप है कि गांधी परिवार हेराल्ड की संपत्तियों का अवैध ढंग से उपयोग कर रहा है. इसमें दिल्ली का हेराल्ड हाउस और अन्य संपत्तियां शामिल हैं. केस पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहा है.