भोपाल : प्रदेश सहित देशभर में 20 जुलाई से लगातार चल रही ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल का असर शुक्रवार को दिखा। शहर के चौक व जुमेराती में किराना की थोक दुकानों पर तेल, दाल व चावल की आवक 50 प्रतिशत तक कम हो गई है।
थोक व्यापारी फुटकर विक्रेताओं को सामान उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। फिलहाल स्टॉक होने से अभी इसका सीधा असर आम लोगों पर तो नहीं पड़ा है, लेकिन आगामी दिनों में दाल-चावल व तेल की कमी होने से दिक्कत बढ़ सकती है। किराना व्यापारियों का कहना है कि यदि जल्द ही हड़ताल समाप्त नहीं हुई तो किराना सामग्री महंगी होना तय है।
वहीं, हड़ताल का सब्जी व फलों की आवक पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। दरअसल, कुछ ट्रांसपोर्टर्स में आपसी फूट होने के कारण बाहर की मंडी से सब्जी व फल आ रहे हैं। लेकिन इसी तरह हड़ताल चलती रही तो सब्जी व फलों की आवक भी गिर सकती है, जिससे शहरवासियों पर महंगाई की मार पड़ सकती है।
विदिशा में ट्रकों की हड़ताल के चलते आम, केला आदि फलों के दाम करीब डेढ़ गुणा तक बढ़ गए हैं। यहां हड़ताल में करीब 850 ट्रक शामिल हैं। वहीं अनाज व्यापारियों का तीन लाख क्िवटल माल मंडियों में अटका हुआ है।
सीहोर में ट्रकों की हड़ताल में 800 से अधिक ट्रक शामिल हैं। जिले में सब्जी, फल सहित इंदौर तरफ से किराने की आवक प्रभावित हो रही है। इस कारण फलों और सब्जियों के दाम 5 से 10 स्र्पए तक बढ़ गए हैं। वहीं शकर सहित किराने की सामग्रियों के दामों में भी 3 से 5 स्र्पए तक इजाफा हुआ है।
गुना में हड़ताल में 1000 से अधिक ट्रक शामिल हैं। यहां फलों और सब्जियों के दामों में 5 से 10 स्र्पए प्रति किलो तक इजाफा देखा गया है। अनाज मंडियों में अनाज व्यापारियों का माल अटका हुआ है। सागर में 7000 से अधिक ट्रक हड़ताल में शामिल हैं। यहां भी फल, सब्जी की आपूर्ति प्रभावित होने से उनके दाम बढ़ने लगे हैं। ट्रक मालिकों ने शहर के आसपास के फोरलेन मार्गों पर दबिश देते हुए ट्रकों को खड़ा करा दिया।
अधिकांश ट्रकों के न चलने से बाजार बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं। जिले में ट्रक मालिकों की हड़ताल से थोक बाजार से लेकर फुटकर बाजार भी तेज हो गए हैं। रेत-गिट्टी, कपड़ा, हार्डवेयर, अनाज मंडी और सब्जी मंडी के व्यापारी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। जिससे जरूरत के सामानों पर महंगाई की मार का असर दिखाई देने लगा है।
ट्रक ऑपरेटर्स की हड़ताल के बाद अब अनाज व्यापारियों ने भी प्रदेशव्यापी आव्हान पर हड़ताल शुरू कर दी है। अनाज व्यापारियों का कहना है कि ट्रक ऑपरेटर्स की हड़ताल के कारण वे मंडियों से अपने माल को बाहर नहीं भेज पा रहे हैं। जिससे उनके पास माल रखने के लिए जगह नहीं है।
इसके अलावा उनकी कुछ अन्य मांगें भी लंबित हैं। इस कारण अनाज व्यापारियों के प्रदेश संगठन के आव्हान पर उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। इस हड़ताल के कारण राजधानी के आसपास के जिलों की मंडियों में पहले दिन से ही सन्नाटा पसरा रहा।
विदिशा, गुना, राजगढ़, होशंगाबाद, बैतूल, सीहोर, छिंदवाड़ा आदि जिलों में अनाज मंडियां बंद रहीं। सभी जिलों में अनाज व्यापारियों के संगठनों द्वारा पहले से हड़ताल की सूचना दिए जाने के कारण ज्यादा किसान भी नहीं आए। गुना में कुछ किसान जानकारी के अभाव में आए थे, जिन्हें समझाइश देकर लौटा दिया गया। इधर, किसान चिंतित हैं कि मौसम खुला होने के बाद भी वे अपनी उपज नहीं बेच पा रहे। खासकर मूंग उत्पादक किसानों में यह चिंता अधिक देखी जा रही है।