केन्द्र सरकार के खिलाफ एक बार फिर दलित लामबंद हो गए हैं। वे फिर से भारत बंद करने जा रहे हैं। यह बंद उनके द्वारा नौ अगस्त को बुलाया गया है। इस ऐलान के बाद से सरकार हैरान परेशान है। बीते बंद से सबक लेते हुए भाजपा अभी से सक्रिय हो गई है। इस बंद को असफल करने के लिए अब भाजपा संगठन व सरकार मिलकर अपने दलित सांसदों को मैदान में उतारने जा रही है। इनके द्वारा दलित संगठन के कर्ताधर्ताओं को हर हाल में समझाकर बंद करने से रोकने का प्रयास किया जाएगा। दरअसल, दो अप्रैल को दलितों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर तनाव और हिंसा हुई थी। इसे देखते हुए इस बार केंद्रीय संगठन से निर्देश मिलने के बाद भाजपा अनुसूचित जाति वर्ग के सांसद, मंत्री और विधायकों की ड्यूटी उन इलाकों में लगाने जा रही है, जहां भारत बंद का असर व्यापक रुप से हो सकता है। इस बंद को लेकर प्रदेश सरकार और इंटेलीजेंस विभाग भी सक्रिय है। गौरतलब है कि भारत बंद की अगुवाई अखिल भारतीय अंबेडकर महासभा, अंबेडकर चेतना मिशन और उससे जुड़े लगभग 22 दलित संगठन कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस बंद का समर्थन केंद्र सरकार में उसकी सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) भी कर रही है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में सक्रिय अंबेडकर चेतना मिशन भारत बंद को लेकर भिंड और मुरैना में तेजी से सक्रिय है। उसने बीतेे दिनों इटावा में बैठक की थी, जिसमें भिंड-मुरैना के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे।
मुख्यमंत्री कर चुके हैं अफसरों से चर्चा
सरकार पिछली बार बिगड़े हालात को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था में कोई कसर छोडऩा नहीं चाहती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में अधिकारियों से चर्चा भी की है। वहीं, सोमवार को कैबिनेट बैठक के बाद सीएम ने अनौपचारिक बैठक में कहा कि आदिवासी बाहुल्य जिलों में नौ अगस्त को अवकाश होगा। इस दिन आदिवासी कल्याण कार्यक्रम होंगे।
सार्वजनिक अवकाश के लिए दे रहे आवेदन
अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ के सभी सदस्य नौ अगस्त को अवकाश के लिए आवेदन अपने यहां जिला प्रशासन को दे रहे हैं। हालांकि, संघ के अध्यक्ष आईएएस जेएन कंसोटिया का कहना है कि बंद को अजाक्स का समर्थन नहीं है। उनके सदस्य नौ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के लिए अवकाश ले रहे हैं। सरकार को इस दिन अनुसूचित जनजाति वर्ग के सभी कर्मचारियों को अवकाश देना चाहिए।
इनको दिया जिम्मा
भाजपा अपने एससी वर्ग के बड़े नेताओं को जिम्मा देने जा रही है कि वे उन क्षेत्रों का दौरा करें, जहां बंद का असर रह सकता है। दलित वर्ग को बंद न करने के लिए राजी करें। इनमें मंत्री लालसिंह आर्य, गौरीशंकर शेजवार और सूर्यप्रकाश मीणा शामिल हैं तो सांसदों में थावरचंद गेहलोत, वीरेंद्र कुमार, डॉ. भागीरथ प्रसाद, मनोहर उंटवाल और चिंतामणि मालवीय के नाम हैं।
इनका कहना है
हम आरपीआई के माध्यम से भारत बंद में शामिल होंगे, यदि आरपीआई बंद का समर्थन नहीं करेगी तो मध्यप्रदेश में दलित आदिवासी वंचित फोरम बंद कराएगा। हमारा विरोध दो अप्रैल को बेगुनाह दलितों पर झूठे केस दर्ज करने को लेकर है।
– मोहनलाल पाटिल, राष्ट्रीय महामंत्री, आरपीआई