चुनावी साल में पार्टी अलाकमान द्वारा पीसीसी प्रमुख के पद से अचानक हटाए जाने से नाराज चल रहे अरुण यादव को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की बस यात्रा का जिम्मा देकर उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया है। वे पार्टी में पिछड़े वर्ग के बड़े नेता माने जाते हैं। उनका अपने जाति के मतदाताओं पर भी अच्छी खासी पकड़ है। यही वजह है कि पार्टी द्वारा उनकी नाराजगी को दरकिनार कर उन्हें इस पूरी यात्रा की कमान प्रदेश में सौंपी गई है। गौरतलब है कि राहुल गांधी अगले माह से मध्यप्रदेश में बस यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। चुनावी वर्ष होने के कारण राहुल गांधी का फोकस मध्यप्रदेश पर अधिक है। श्री गांधी अपने चुनावी दौरे की शुरुआत भी अरुण यादव के चुनाव क्षेत्र ओंकारेश्वर से करने जा रहे हैं। राहुल यात्रा के दौरान विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में आमजन से मुलाकात कर सभा को भी संबोधित करेंगे। अरुण को यात्रा की पूरी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी दी गई है। वे राहुल के साथ पूरे समय मौजूद रहेंगे, जबकि अन्य नेता अलग-अलग जगह उनके साथ जुड़ेंगे। प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए गए यादव ने अपने आपको मालवा-निमाड़ तक सीमित कर लिया था। यह उनका प्रभाव क्षेत्र भी है। राहुल ने हाल ही में गठित कांग्रेस वर्किंग कमेटी में प्रदेश से दो नेताओं को शामिल किया है। इसमें अरुण यादव भी शामिल है।
चरणबद्ध तरीके से होगी यात्रा
राहुल मध्यप्रदेश की यात्रा चरणबद्ध तरीके से करेंगे। यात्रा तीन चरणों में होगी। पहले चरण में वे दो दर्जन विधानसभा सीटें कवर करेंगे। इसमें मध्यप्रदेश के नीमच, खण्डवा, धार क्षेत्र प्रमुख हैं। दूसरे चरण और तीसरे चरण में अन्य क्षेत्रों का दौरा होगा। मध्यप्रदेश के नेताओं से भी राहुल ने कहा है कि वे भी चुनावी दौरे शुरू कर दें। राहुल के दौरे के पहले नेताओं ने भी अपने कार्यक्रमों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। कमलनाथ एक अगस्त से चुनावी सभाओं की शुरुआत कर चुके हैं।