देश के लिए शहादत देने वालों में प्रदेश के सिपाही भी पीछे नहीं रहते हैं। यही वजह है कि अब तक शहीद होने वाले सैनिकों की संख्या करीब छह सैकड़ा के आस-पास पहुंच गई है। इस मामले में प्रदेश का गौरव भिंड जिला बना हुआ है। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक अब तक विभिन्न सुरक्षा बलों में तैनाती के दौरान 578 सैनिकों ने अपनी शाहदत दी है जिसमें सर्वाधिक शहादत भिंड जिले के निवासियों ने दी है। इस जिले में शहीद परिवारों की संख्या 119 है। इन शहीदों में सेना, सशस्त्र बल व पुलिस बल के जवान शामिल हैं। इसी तरह से शहदात के मामले में दूसरे नंबर पर मुरैना 81 व तीसरे नंबर पर रीवा 75 शहीद परिवारों के साथ है। खास बात यह है कि प्रदेश के नौ जिलों में एक भी शहीद परिवार नहीं है। इसी तरह से प्रदेश के 17 जिले ऐसे हैं जहां एक या दो शहीदों के परिवार हैं। अब राज्य सरकार स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पूर्व शहीद परिवारों को सम्मानित करने जा रही है। शहीद परिवारों को सम्मान देने के लिए राज्य सरकार ने इसे शौर्य दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन भव्य व गरिमामय तरीके से शहीद परिवारों को सम्मानित किया जाएगा। इस तरह के आयोजन जिला स्तर पर भी किए जाएंगे। इसके लिए गृह विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों, कलेक्टर व एसपी को पत्र भेजकर यह कार्यक्रम गरिमामय तरीके से आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। कार्यक्रम में शहीद परिवारों को सम्मानित कर उन्हें प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाएगा। इसके लिए जिलों को प्रति शहीद परिवार के हिसाब से राशि का भी आवंटन किया गया है। ताकि शहीद परिवारों के सम्मान में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं हो।
स्कूलों में भी होगा आयोजन
सभी जिलों के उन स्कूलों में शहीद सैनिकों का चित्र रखकर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी जाएगी जिन स्कूलों में शहीद की शिक्षा दीक्षा हुई। उनसे शहीदों की शौर्य गाथा का पठन करने को भी कहा गया है। 14 अगस्त को मनाए जाने वाले शौर्य दिवस के दौरान कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से कलेक्टर, एसपी, डीएफओ के अलावा जिला प्रशासन व वन सेवा के अफसर मौजूद रहेंगे इसके साथ ही सांसद, विधायक, जिपं के अध्यक्ष, महापौर, जिपं अध्यक्ष को भी ससम्मान बुलाने के निर्देश दिए गए हैं।
सर्वाधिक शहादत सेना के जवानों ने दी
मप्र में सबसे अधिक सेना के शहीदों की संख्या 312 है। केंद्रीय सशस्त्र बल के 99 व पुलिस बल के कुल 187 शहीद हुए हैं। भिंड, मुरैना, ग्वालियर, रीवा आदि जिलों को छोड़ बाकी जिले में सेना में काफी कम संख्या में लोग हैं।
किस जिले में कितने शहीद
भिंड में सबसे अधिक सेना के 78, केंद्रीय सशस्त्र बल के 12 व पुलिस के 29 जवान शहीद हुए। दूसरे नंबर पर मुरैना कुल 81 तथा तीसरे नंबर पर रीवा कुल 75 है। भोपाल में ऐसे लोगों की संख्या महज 10 है। इंदौर में 23, सागर में 24 व सतना में कुल 28 शहीद परिवार हैं। ग्वालियर में ऐसे शहीदों की संख्या 40 है। 9 जिले ऐसे हैं जहां के लेाग सेना या अर्धसैनिक बल में है या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिली। शिवपुरी में भी यह संख्या 25 है। यहां से सेना या केंद्रीय सशस्त्र बल में कोई नहीं है। बाकी जिलों में या तो युवा सेना में नहीं हैं या फिर अभी उनकी जाबाजी सामने नहीं आयी हैं।