सिंधिया के इस शिप जैसे महल में दो दिन रहेंगे मोदी, जानें क्या है खास मकसद

मंगल भारत ग्वालियर. शिकार खेलने और आराम करने के लिए जीवाजी राव सिंधिया ने एक फ्रांसीसी स्टाइल का पैलेस एक झील के किनारे बनाया। यह पैलेस ठीक उसी तरह का है, जैसे एक क्रूज शिप समुद्र में चल रहा हो। अब इसमें बीएसएफ अकादमी का मुख्यालय है, जहां अब कमांडोज तैयार किए जाते हैं। इसी पैलेस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऑल इंडिया पुलिस डीजी कॉन्फ्रेंस के दौरान दो दिन रुकेंगे।

तीन दिन तक चलने वाली ऑल इंडिया पुलिस डीडी कॉन्फ्रेंस की मेजबानी का मौका टेकनपुर की BSF अकादमी को मिला है। यह कॉन्फ्रेंस शनिवार से शुरू हो गई। रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल होंगे।

-पीएम मोदी दो दिन इसी अकादमी में रुकेंगे। उनके रुकने की व्यवस्था क्रूज जैसे पैलेस में की गई है। यह पैलेस सिंधिया राजवंश ने बनाया था और अब बीएसएफ के पास है।

कांग्रेस लीडर ज्योतिरादित्य सिंधिया के दादा जीवाजी राव सिंधिया ने इस महल को बनवाया था। अब ये महल बीएसएफ की प्रॉपर्टी है। पीएम मोदी इसी में दो दिन रुकेंगे। Jan 07, 2018, 06:33 PM

-टेकनपुर स्थित इस पैलेस का नाम सुरक्षा भवन है और इसका एक हिस्सा लेक की ओर है। इसी ओर फाइव स्टार होटल जैसी सुविधा वाले सुइट हैं, जिसमें VVIP रुकते हैं।

-पीएम मोदी रविवार की सुबह इस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने आ रहे हैं। वे दो दिन तक टेकनपुर अकादमी में ही रहेंगे। उनके लिए इस क्रूज पैलेस में खास इंतजाम किए गए हैं।

यह है क्रूज पैलेस का इतिहास

-पांच दशक पहले टेकनपुर में BSF अकादमी स्थापित की गई। एक झील के किनारे स्थित इस क्रूज भवन को राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने BSF को सौंप दिया।
– सिंधिया राजपरिवार ने 1965 में BSF को मात्र 6.41 लाख रुपए में पैलेस के साथ यह पूरी जमीन दे दी थी। इसमें झील के साथ करीब 3000 एकड़ जमीन है और इसमें 643 एकड़ जमीन में एक झील बनी हुई है। झील में हरसी डैम से पानी आता है।

स्पेनिश आर्किटेक्ट ने बनाया था यह पैलेस
– टेकनपुर के इस पैलेस को स्पेनिश आर्किटेक्ट टीए रीटिच ने बनाया था। स्वतंत्रता के पहले जीवाजी राव सिंधिया ने फ्रांस में तैरता हुआ पैलेस देखा था। उसी समय यह विचार आया कि ऐसा पैलेस उन्हें बनाना चाहिए।
-यह पैलेस 12500 वर्ग फीट में बना है और चार मंजिला भवन में 45 कमरे हैं। इसका निर्माण पुणे के विलास पैलेस जैसा है ।

BSFने बनाया ट्रेनिंग मुख्यालय
– अब इसमें BSF अकादमी का मुख्यालय है। इसे सुरक्षा भवन का नाम दिया गया है। BSF की इस अकादमी में अफसरों के अलावा कमांडोज तैयार किए जाते हैं। BSF के हर कमांडो को टेकनपुर आकर अपना कोर्स पूरा करना होता है।