दमोह में मलैया, जबलपुर में जैन व ग्वालियर में कुशवाहा के सामने तीन कद्दावर बागियों ने दी जीत की चुनौती

भोपाल। शिवराज सरकार के तीन मंत्रियों के सामने तीन कद्दवार बागी चुनौती बन कर खड़े हो गए हैं। पार्टी ने तीनों बागियों को मनाने में पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन वे चुनाव मैदान से हटने तैयार नहीं हुए। बुधवार को प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने तीनों बागियों से कई दौर की बातचीत की, लेकिन उन्होंने दो टूक कह दिया- पार्टी ने उम्मीदवारों का चयन निष्पक्षता से नहीं किया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि चुनाव जीतने की

सबसे बड़ी चुनौती वित्त मंत्री जयंत मलैया दमोह के सामने है। यहां से पूर्व मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमारिया ने ताल ठोकी है। इसी तरह ग्वालियर दक्षिण से मंत्री नारायण सिंह कुश्वाहा के सामने महापौर समीक्षा गुप्ता चुनाव मैदान में आ गई हैं। गुप्ता ने मंगलवार को अपने निवास पर दरबार लगाकर पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान किया था। इसी तरह जबलपुर मध्य से मंत्री शरद जैन का कांग्रेस के विनय सक्सेना के अलावा अपनी ही पार्टी के बागी धीरज पटेरिया से होगा। चुनाव मैदान में कूदने से पहले पटेरिया ने भोपाल से लेकर दिल्ली तक नेताओं से अपनी मंशा से अवगत कराया था, लेकिन उस समय किसी ने गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब उन्होंने नामांकन दाखिल किया तब उन्हें मनाने की कोशिश की गई।

सुषमा के कहने पर माने डागा बैरसिया में ब्रह्मा बनाम विष्णु

भाजपा हुजूर विधानसभा सीट से बागी जितेंद्र कुमार डागा (मन्नू भैया) को मनाने में कामयाबी रही। डागा ने अंतिम क्षणों में नामांकन वापस लिया। हालांकि पार्टी बैरसिया से बागी उम्मीदवार ब्रह्मानंद रत्नाकर को नहीं मना सके, क्योंकि वे भूमिगत हो गए थे। उन्होंने न तो पार्टी के किसी बड़े नेता का फोन कॉल रिसीव किया और न ही घर पहुंचे सांसद आलोक संजर व जिला पंचायत अध्यक्ष मनमोहन नागर से मिले। अब बैरसिया विधानसभा चुनाव बहुत रोचक हो गया है। भाजपा के विष्णु खत्री, कांग्रेस की जयश्री तथा निर्दलीय ब्रह्मानंद रत्नाकर के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। इधर कांग्रेस पार्टी के बागी उम्मीदवार हुजूर सीट से विष्णु विश्वकर्मा, मोहन मीणा, राजेंद्र मीणा, बैरसिया से किशन लाल मेहर, भोपाल मध्य से नासिर इस्लाम, गोविंदपुरा से पक्ष खांबरा ने अपने-अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए।

डागा ने बड़े बड़े नेताओं के छुटाए पसीने

जितेंद्र डागा को मनाने में भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को पसीना आ गया। मंगलवार रात को जहां केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने डागा से चर्चा की, वहीं बुधवार को हुजूर उम्मीदवार रामेश्वर शर्मा उनके घर गए। इसके बाद भी डागा नहीं माने तो दोपहर डेढ़ बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मिलने बुलाया। सूत्र बताते हैं कि सीएम से आधे घंटे चली चर्चा में डागा की बात केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज से कराई गई, तब कहीं बात बनी। दोपहर 2.55 बजे डागा ने रिटर्निंग आॅफिसर के समक्ष पहुंचकर अपना पर्चा वापस लिया।

दतिया में सपा,बसपा और सपाक्स के प्रत्याशियों ने छोड़ा मैदान

विधानसभा चुनाव के लिए नाम वापसी के अंतिम दिन ग्वालियर-चंबल संभाग में जहां दतिया में सपा, बसपा और सपाक्स प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिए हैं, वहीं भिंड में भाजपा के बागी वर्तमान विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह समाजवादी पार्टी के टिकट में चुनाव मैदान में हैं। दतिया सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मेहरबान सिंह, बसपा प्रत्याशी खेमराजसिंह कुशवाह और सपाक्स प्रत्याशी महेश प्रसाद गुप्ता ने भी नाम वापस ले लिए हैं। बसपा प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि कार्यकर्ता चुनाव प्रचार के लिए पैसे मांग रहे थे। इसी तरह सपाक्स प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि पार्टी ने उन्हें अकेला छोड़ दिया और चुनाव प्रचार सामग्री भी नहीं गई। इसलिए नैतिकता के आधार पर नाम वापस लिया है। दतिया में कांग्रेस दामोदर सिंह यादव को मनाने में सफल हो गई। यादव ने दतिया और सेवढ़ा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था। मुरैना की सुमावली सीट से बसपा का टिकट कटने के बाद समाजवादी पार्टी प्रत्याशी सोबरनसिंह सिकरवार चुनाव मैदान में डटे हैं। शिवपुरी जिले की पोहरी सीट से भाजपा के बागी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरने वाले विवेक पालीवाल ने समाज के दबाव में नाम वापस ले लिया।