नई दिल्ली हाल ही में हुए एक सर्वे का रिजल्ट आया है जिसमें इंजिनियरों के लिए राहत भरी बात है। सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि जब नौकरी की योग्यता की बात आती है तो एमबीए के मुकाबले इंजिनियर ज्यादा उपयुक्त होते हैं।
सर्वे कब और कैसे किया गया?
15 जुलाई से 30 अक्टूबर, 2018 तक एक सर्वे किया गया था। इस सर्वे रिपोर्ट का नाम इंडिया स्किल रिपोर्ट 2019 है जिसे ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन, यूएनडीपी और असोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के सहयोग से पीपुल स्ट्रॉन्ग, वीबॉक्स और सीआईआई ने तैयार किया है। सर्वे में 29 राज्यों और 7 केंद्रशासित प्रदेशों के 3 लाख से ज्यादा छात्र शामिल हुए थे। इसके माध्यम से छात्रों की इंग्लिश भाषा पर पकड़, क्रिटिकल थिंकिंग स्किल, न्यूमेरिकल ऐप्टिट्यूड, डोमेन नॉलेज आदि का टेस्ट लिया गया। इसमें मुख्य रूप से इस बात को परखा गया कि रोजगार के लिए आवश्यक योग्यताओं के पैमाने पर कौन-कितना खरा उतरता है।
परिणाम क्या रहा?
इस सर्वे से दो बड़ी बातें सामने आईं। पहली कि राज्य की बात की जाए तो आंध्र प्रदेश के कैंडिडेट्स रोजगार संबंधित योग्यताओं को पूरा करने के मामले में टॉप पर हैं जिसके बाद पश्चिम बंगाल और दिल्ली का नंबर है। कोर्स के हिसाब से बात करें तो रोजगार संबंधित शर्तों को पूरा करने में इंजिनियर सबसे आगे दिखे। सर्वे में यह सामने आया कि एमबीए की रोजगार योग्यता में पिछले साल के मुकाबले 3 फीसदी की गिरावट आई है।
राज्य और शहरों का हाल
राजस्थान और हरियाणा ने इस साल उच्च रोजगार योग्यता के मामले में टॉप 10 में जगह बनाई है। मध्य प्रदेश, गुजरात और पंजाब इस मोर्चे पर पीछे रह गया है और टॉप 10 की लिस्ट से बाहर हो गया है। शहरों की बात करें तो लिस्ट में टॉप पर बेंगलुरु है जिसके बाद चेन्नै, गुंटुर, लखनऊ, मुंबई, नई दिल्ली, नाशिक, पुणे और विशाखापट्टनम का नंबर है।
महानगरों में ही सीमित नहीं प्रतिभा
करीब 2 साल के अंतराल के बाद गुंटुर और विशाखापट्टनम टॉप 10 शहरों की सूची में शामिल हो गए हैं। इस लिस्ट में ठाणे और नाशिक ने भी पहली बार एंट्री की है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, ‘इन 2 और 3 टियर के शहरों का लिस्ट में आना इस बात को दिखाता है कि अब रोजगार योग्य प्रतिभा सिर्फ महानगरों में ही सीमित नहीं है।’
महिलाओं की रोजगार योग्यता पिछले साल के मुकाबले इस साल बढ़ी है। पिछले साल 38 फीसदी से इस साल बढ़कर 46 फीसदी हो गई है। वहीं पुरुषों की रोजगार योग्यता पिछले साल के 47 फीसदी के मुकाबले इस साल 48 फीसदी हो गई है।
कितनी सैलरी चाहते हैं कैंडिडेट्स?
सर्वे से सामने आया है कि 70 फीसदी फ्रेशर्स अपनी पहली सैलरी के तौर पर 2 लाख रुपये सालाना या उससे ज्यादा की उम्मीद करते हैं। वहीं 47 फीसदी कैंडिडेट्स 2.6 लाख या उससे ज्यादा सालाना पैकेज की उम्मीद करते हैं।
हायरिंग का मूड
हायरिंग के मोर्चे पर राहत की बात है। पिछले साल के मुकाबले इस साल नौ बड़े सेक्टर में 15 फीसदी बढ़त की उम्मीद है। सर्वे में सामने आया है कि 64 फीसदी एंप्लॉयर हायरिंग को लेकर पॉजिटिव हैं। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस स्किल वाले कैंडिडेट्स की मांग रहेगी। जिन फील्ड में ज्यादा हायरिंग होगी उनमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, डिजाइन ऐनालिटिक्स, रिसर्च और डिवेलपमेंट शामिल हैं। करीब 23 फीसदी एंप्लॉयर्स डिजाइन की जॉब के लिए हायरिंग करने की योजना बना रहे हैं।
सर्वे के मुताबिक, ज्यादातर हायरिंग लैटरल पोजिशन के लिए होगी लेकिन 15 से 20 फीसदी हायरिंग फ्रेशर्स के लिए होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘मौजूदा जॉब्स में से करीब 40 से 50 फीसदी जिसका लागत ज्यादा पड़ती है, वह ऑटोमेटिड हो जाएगी। जिन सेक्टर में ऑटोमेशन को बढ़ावा मिलेगा उनमें अहम सेक्टर आईटी, फाइनैंशल सर्विसेज, मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसपोर्टेंशन, पैकेजिंग और शिपिंग हैं।