पर्यावरण को ताक पर रख राजधानी के आसपास के जंगल को खत्म किया जा रहा है। नियमों की अनदेखी कर सरकार ने 15 साल में केरवा से कलियासोत डैम के बीच 112 हेक्टेयर अर्थात 276 एकड़ के जंगल को उजाड़ दिया। अब वहां पर पक्के निर्माण हो चुके हैं या फार्म हाउस बन गए हैं। यहां के तीन गांवों में सबसे ज्यादा
निर्माण शैक्षणिक संस्थानों के हैं। इसके बाद फार्म हाउस, रिसॉर्ट और निजी मकानों के निर्माण हुए हैं। यह खुलासा एनजीटी के निर्देश पर केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (एमओईएफ) के सर्वे की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार 15 साल में केरवा से कलियासोत डैम के बीच 112 हेक्टेयर अर्थात 276 एकड़ के जंगल को उजाड़ दिया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2003 में घने जंगल के बीच बसे मेंडोरा, मेंडोरी और चंदनपुरा गांवों में केवल 45.99 हेक्टेयर जमीन पर नॉन फॉरेस्ट एक्टिविटी चल रही थी। जबकि वर्ष 2018 में 158.05 हेक्टेयर क्षेत्र में फेल गई। इस प्रकार 15 साल में 112.06 हेक्टेयर अर्थात 276 एकड़ जमीन पर जंगल उजाड़ दिया गया। अब यहां पर गैर वन गतिविधियां जिसमें पक्के निर्माण, फार्म हाउस, रिसॉर्ट, खेती आदि चल रही है। रिपोर्ट में 15 साल पहले और अभी के फोटो भी पेश किए गए हैं।
सरकार को खबर ही नहीं
इस रिसोर्ट को बनाने के लिए एनजीटी के निर्देश के बावजूद निर्माण करने वालों और राजस्व विभाग की तरफ से रिकॉर्ड नहीं मिला। रीजनल ऑफिसर के पास कोई फील्ड स्टाफ नहीं था। इसलिए रीजनल ऑफिसर ने फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की वनों के सर्वे की नई तकनीक डिसीजन सपोर्ट सिस्टम की मदर से यह सर्वे किया है।