MP Election 2018: सत्यव्रत बोले- बड़े नेता मनमानी नहीं करते तो अच्छे बहुमत से आती कांग्रेस.
छतरपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी चुनावी भागमभाग के बाद शुक्रवार को छतरपुर स्थित अपने फार्म हाउस पर पहुंचे। मंगल भारत पत्रिका प्रतिनिधि से चर्चा के दौरान उन्होंने विभिन्न् विषयों पर बेबाक राय रखी। पूर्व सांसद ने कहा कि मैंने कांग्रेस के बड़े नेताओं को बार-बार कहा कि कई जगहों पर उम्मीदवारों को रिपीट मत करो। अगर रिपीट होंगे तो समीकरण बिगड़ सकते हैं। कांग्रेस के पक्ष में बहुत अच्छा माहौल है, इसे मत बिगाड़ो। लेकिन वे नहीं माने। बल्कि गांठ बांधकर बैठ गए। अपने चहेतों को ही चुनावी मैदान में उतार दिया। उनकी ये मनमानी पार्टी के लिए कई जगहों पर नुकसानदायक साबित होगी।
चुनावी आहट शुरू होने से लेकर टिकट वितरण तक कांग्रेस में बस यही चलता रहा कि, मेरा गधा तेरे घोड़े से अच्छा है।
प्र- बुंदेलखंड में इस बार कांग्रेस की कितनी सीटें आ सकती हैं ?
चुनाव से पहले तक बुंदेलखंड में भाजपा सरकार के विरोध में हवा थी और कांग्रेस के लिए अच्छा माहौल। मैंने कई बार बड़े नेताओं से कहा कि जनता के बीच जिनका विरोध दिख रहा है, उन्हें रिपीट मत करिए, लेकिन वे नहीं माने। पहले जिले की छह सीटें कांग्रेस के खाते में आने की संभावना थी। अब आधी सीटों पर नुकसान झेलना पड़ सकता है।
प्र- आपने अपने बेटे को चुनाव लड़ाने के लिए सपा को ही क्यों चुना ?
टिकट वितरण को लेकर जब बगावत सामने आई तब कई बड़ी पार्टियों के नेताओं ने बेटे को टिकट दिलाने की बात कही। भाजपा के शीर्षस्थ नेता बोले आप भाजपा में आ जाइए, लेकिन मैंने स्पष्ट मना कर दिया। अभी कांग्रेस में लाठी चलाकर आया हूं, अब भाजपा में लाठी चलानी पड़ गई तो। भाजपा लोगों को राम मंदिर के नाम पर लड़वाएगी तो ये हमें पसंद नहीं आएगा। सपा की ओर से टिकट मिला उसे स्वीकार कर लिया।
प्र- जहां आपने पूरी दम लगा दी उस राजनगर सीट पर क्या होने वाला है ?
1984 में बतौर विधायक पार्टी ने मेरा टिकट काटा उसका मुझे इतना दुख नहीं था। जितना राजनगर सीट पर एक टिकट मांगने के बाद भी नहीं दिए जाने से हुआ। तब मैंने भी बगावत का रास्ता अपनाना बेहतर समझा।
प्र- प्रदेश में इस बार किसकी सरकार बन रही है ?
इस बार कांग्रेस की सरकार बनेगी। यदि कई जगहों पर कांग्रेसी उम्मीदवारों को रिपीट नहीं किया जाता तो कांग्रेस को अच्छा बहुमत मिलता
प्र- आपकी आगामी राजनीतिक रणनीति क्या है ?
मैं तो कई साल पहले ही घोषणा कर चुका हूं कि मैं 65 साल का होने के बाद राजनीति से रिटायर हो जाऊंगा। अप्रैल 2018 में मैं 65 साल का हो गया। अब मुझे पद या किसी जिम्मेदारी की कोई अभिलाषा नहीं है। कुछ दिन पहले पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं ने जिम्मेदारी देनी चाही, लेकिन मैंने इनकार कर दिया।