शिवराज सरकार के लगभग एक दर्जन मंत्रियों को इस बार चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। कई मंत्री ऐसे भी रहे, जो पहले राउंड से पिछड़ते रहे और अंत में पराजित हो गए। ऐसे मंत्रियों में ओमप्रकाश धुर्वे, लालसिंह आर्य, दीपक जोशी, अर्चना चिटनीस, जयभान सिंह पवैया, ललिता यादव, अंतरसिंह आर्य, रुस्तम सिंह, शरद जैन उमाशंकर गुप्ता, बालकृष्ण पाटीदार, के नाम मुख्य हैं।
कुछ मंत्री जैसे जयंत मलैया, नारायण् कुशवाह की भी पराजय हो चुकी है लेकिन परिणामों को रोक लिया गया। इसके अलावा भाजपा के कई दिग्गज नेता भी चुनावी वैतरणी पार नहीं कर पाए। इनमें सांसद अनूप मिश्रा, पूर्व मंत्री रंजना बघेल, पांच बार की विधायक रहीं निर्मला भूरिया, चौधरी राकेश सिंह, चौधरी चंद्रभान सिंह, प्रेमनारायण ठाकुर, सुदर्शन गुप्ता, केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत के पुत्र जीतेन्द्र गेहलोत के नाम मुख्य हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में भाजपा का प्रदर्शन बेहतरीन रहा। वहां की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा ने विजय का डंका बजाया है। जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के छिंदवाड़ा में आठ में से सात पर कांग्रेस सफल रही। एक पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने परचम लहराया।भोपाल में जहां पिछली बार कांग्रेस की मात्र एक सीट थी, वहां कांग्रेस को एक सीट का फायदा हुआ है।
कांग्रेस के दिग्गजों को भी देखना पड़ा हार का मुंह
एक तरफ कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के कई ऐसे चहेरे हैं जो सरकार या विधानसभा में नहीं दिखेंगे। इनमें सबसे बड़ा नाम नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह का है।
सिंह 1990 से लगातार विधायक हैं। विंध्य में पार्टी के मजबूत स्तंभ सिंह परंपरागत चुरहट विधानसभा सीट से भाजपा के शरदेंदु तिवारी के हाथों परास्त हो चुके हैं । कांग्रेस की सरकार में अजय सिंह को महत्वपूर्ण स्थान पर देखा जा रहा था। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी भी चुनाव हार गए हैं। उन्हें शिवराज सरकार में मंत्री रहे सुरेन्द्र पटवा ने बड़ी शिकस्त दी है। विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह भी चुनाव हार गए हैं।
सिंह अमरपाटन से मैदान में थे, जहां उन्हें भाजपा के रामखिलावन पटेल ने पराजित किया। एक अन्य दिग्गज नेता मुकेश नायक भी इस बार चुनाव हार गए हैं। नायक को भाजपा में हाल ही में शामिल हुए प्रहलाद लोधी ने पवई सीट से परास्त किया है।
इसके अलावा कार्यवाहक अध्यक्ष सुरेन्द्र चौधरी, रामनिवास रावत, पूर्व मंत्री नरेन्द्र नाहटा, सुभाष सोजतिया,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, विधायक सुंदरलाल तिवारी भी चुनाव नहीं जीत पाए। हाल ही में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए शिवराज सरकार के पूर्व मंत्री सरताज सिंह बतौर कांग्रेस उम्मीदवार होशंगाबाद से चुनाव हार गए हैं।