नेताओं के साथ आज मंथन करेंगे सीएम.
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर मचे बवाल के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज अन्य पिछड़ा वर्ग के नेताओं साथ मंत्रणा करेंगे। सूत्रों का कहना है कि सरकार के निर्देश पर प्रदेशभर में ओबीसी मतदाताओं की गिनती पूरी कर ली गई है। ओबीसी आरक्षण के पक्ष में सरकार 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में मतदाताओं की संख्या प्रस्तुत कर सकती है। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बैठक बुलाई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट में चल रहे प्रकरण से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा।
गौरतलब है कि ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण का मामला कोर्ट में फंसा हुआ है। इसके कारण ही पंचायत चुनाव टालने पड़े हैं। सरकार की कोशिश है कि ओबीसी को हर हाल में 27 फीसदी आरक्षण मिले। इसके लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।
कांग्रेस ने नौकरियों में 27 % आरक्षण देने का किया नाटक
उधर, भाजपा के पिछड़ा वर्ग मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृष्णा गौर का कहना है कि कांग्रेस कभी भी ओबीसी की हितैषी नहीं रही है। पार्टी ने हमेशा इस वर्ग को धोखा देने का काम किया है। राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए लोकसभा चुनाव के पूर्व सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण देने का नाटक किया था। पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक भी कांग्रेस की ही याचिका की वजह से लगी है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि पिछड़ा वर्ग आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक तौर पर सशक्त हो। यही वजह है कि इस वर्ग के उत्थान के लिए सत्ता में रहते हुए कोई काम नहीं किया। कभी पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति को मुख्यमंत्री नहीं बनाया। जबकि, भाजपा ने इस वर्ग से तीन मुख्यमंत्री दिए हैं। नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण के लिए कमलनाथ सरकार में षड्यंत्र पूर्वक ऐसा विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया, जिसमें ओबीसी आबादी 27 प्रतिशत बताई गई। जबकि, प्रदेश में 51 प्रतिशत ओबीसी आबादी है। इसकी वजह से हाईकोर्ट ने आरक्षण देने पर रोक लगा दी। इसे हटवाने के लिए न्यायालय में कोई पहल नहीं की।
बैठक से पहले सीएम का अभिनंदन
आज की बैठक से पहले भाजपा का पिछड़ा वर्ग मोर्चा मुख्यमंत्री का अभिनंदन करेगा। मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाह ने बताया कि पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री लगातार प्रयास कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन करने के साथ आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को बरकरार रखने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की है और इसके पक्ष में आंकड़े प्रस्तुत करने के लिए पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की जानकारी जुटाई गई है। इस आंकड़े का उपयोग आयोग पिछड़ा वर्ग के कल्याण की योजना बनाने के लिए करेगा। इसके साथ ही पंचायतों में पिछड़ा वर्ग का अनारक्षित पदों पर कितना प्रतिनिधित्व पिछले दो चुनावों में रहा है, यह जानकारी भी एकत्र करवाई गई है। इससे यह पता लगेगा कि आरक्षण मिलेगा तो क्या लाभ होगा। मुख्यमंत्री द्वारा पिछड़ा वर्ग के हित में किए गए कामों को लेकर उनका अभिनंदन किया जाएगा। बैठक में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रामखेलावन पटेल, राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन, सदस्य प्रदीप पेटल और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।
ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण मिलने के बाद ही चुनाव
वहीं नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि मप्र में 50 से 60 फीसदी आबादी ओबीसी वर्ग की है और ओबीसी को आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ओबीसी विरोधी है। कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल करके विरोध किया, लेकिन हम चाहते हैं कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलने के बाद ही चुनाव हों।उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण के कोटे को बरकरार रखकर इन वर्गों के लिए भारतीय जनता पार्टी की सोच और नीति पर मुहर लगाई है। केंद्र सरकार ने नीट के आल इंडिया कोटे में ओबीसी को 27 प्रतिशत व सामान्य गरीब वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है।