दुनिया भर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप का अंदाजा
पिछले हफ्ते संगठन ने एक सप्ताह में 95 लाख मामले दर्ज किए थे और कहा था कि यह महामारी की सुनामी है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वायरस का बेहद संक्रामक ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनिया भर में फैल रहा है और यह वायरस के डेल्टा वैरिएंट को बाहर कर रहा है। ओमिक्रॉन वैरिएंट का सबसे पहले पता नवंबर के अंत में दक्षिण अफ्रीका में चला था और संगठन के मुताबिक साझा किए सभी सीक्वेंस में ओमिक्रॉन की हिस्सेदारी करीब 59 फीसदी है। संगठन ने कहा कि ओमिक्रॉन ने मामलों के दोगुने होने का समय कम किया है और इस बात के सबूत हैं कि यह ‘रोग प्रतिरोधक’ क्षमता से बच सकता है। कई अध्ययनों में यह सामने आया है कि यह वायरस के पहले के वैरिएंटों की तुलना में कम घातक है। दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन के मामले तेज़ी से बढ़े थे और मामले तेजी से कम हुए। विशेषज्ञों का मानना है कि लहर गुजर चुकी है। संगठन ने इस हफ्ते कहा कि अफ्रीका में कोविड के मामले बढ़ने के बाद इस सप्ताह पहली बार मामले कम हुए हैं।
ब्रिटेन और अमेरिका के वैज्ञानिकों का कहना है कि शुरुआती संकेतों से लगता है कि ओमिक्रॉन के मामले शीर्ष तक पहुंच चुके हैं लेकिन वे इस बात को लेकर अब भी अनिश्चित हैं कि महामारी का अगला चरण कैसा होगा। संगठन ने कहा कि अमेरिका में इस हफ्ते सबसे ज्यादा 78 फीसदी मामले आए हैं। यूरोप में नए मामले 31 फीसदी बढ़े हैं जबकि मौत होने के मामले में 10 फीसदी की कमी आई है। सबसे ज्यादा मामले दक्षिणपूर्व एशिया से आए हैं जहां 400 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है और इसमें सबसे अधिक मामले भारत, तिमोर लेस्त, थाइलैंड और बांग्लादेश से रिपोर्ट हुए हैं। क्षेत्र में मुत्यु होने के मामले में छह प्रतिशत की कमी आई है।