भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश के शिमला
कहे जाने वाले ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल पचमढ़ी में आलग हफ्ते दो दिनों तक चलने वाले मंत्रियों के चिंतन शिविर में डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एजेंडा तय किया जाएगा। इस एजेंडा को तय करने के लिए बनी समिति द्वारा तमाम विषयों को खंगाला जा रहा है। खास बात यह है कि इन दो दिनों में कैबिनेट की बैठक भी पचमढ़ी में ही आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी लेकर उनकी समीक्षा भी की जाएगी। यह वजह है कि इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह एक्शन मोड में बने हुए हैं। अब नए साल का बजट भी पेश किया जा चुका है। यही वजह है कि बजट मिलने के बाद तेजी से योजनाओं पर काम करने के लिए मुख्यमंत्री उनके क्रियान्वयन का रोडमैप तैयार भी तैयार करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री और मंत्री एक साथ बसे से पचमढ़ी के लिए रवाना होंगे। गौरतलब है कि पहले यह चिंतन बैठक कान्हा में किए जाने का तय किया गया था , लेकिन गर्मी का मौसम आ जाने की वजह से स्थान बदल कर अब पचमढ़ी कर दिया गया है। इस चिंतन शिविर को प्रदेश की भाजपा सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसकी वजह है प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू किया जाना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अलग-अलग मंत्री समूह की सरकारी योजनाओं और कार्यों की समितियां बनाई है। यह समितियां जनता को उन योजनाओं और कार्यों से मिलने वाली सुविधाओं पर स्टेटस रिपोर्ट तैयार करेंगी। रिपोर्ट में समितियां कमियों को दूर करने के उपाय भी सुझाएंगी। ताकि सरकार आने वाले चुनाव से पहले सरकारी योजनाओं को और बेहतर बना सके। इसका उद्देश्य सरकार की छवि को चमकाना है और आगामी चुनाव में काम गिनाकर वोट मांगना है। इस संबंध में मंत्रियों को भेजे संदेश में कहा गया है कि इन दोनों दिनों में पचमढ़ी में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कर लें। दरअसल पचमढ़ी प्रदेश का सबसे ठंडा इलाका माना जाता है। इसकी वजह से गर्मी के मौसम के अनुकूल पचमढ़ी का अब चयन किया गया है। इस मंथन से निकलने वाले अमृत को सरकार द्वारा अमजन को चखाने का काम किया जाएगा। इस दौरान शिवराज सरकार अपनी फ्लैगशिप योजनाओं को और किस तरह से बेहतर बना सकती है इस पर भी विचार विमर्श करेगी। इस बैठक के पहले सरकारी की प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं के लिए मंत्रियों की एक दर्जन समितियों का भी गठन किया जा चुका है। इन समितियों को संबंधित योजनाओं की समीक्षा कर उनके बेहतर क्रियान्वयन के लिए बैठक से एक दिन पहले तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही बैठक में चिंतन मनन किया जाएगा।
फीडबैक के आधार पर सुझावों पर होगी चर्चा
मंत्रियों की समिति प्रदेश सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर विधायकों और हितग्राहियों से फीडबैक लेगी। इसके आधार पर तय होगा कि योजना में किसी तरह के संशोधन की जरूरत है या नहीं। मुख्यमंत्री ने बैठक में सभी मंत्रियों को योजनाओं का प्रचार प्रसार करने के निर्देश भी दिए। जल्द ही हितग्राहियों के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री ने इससे पहले पांच जनवरी 2021 को कोलार गेस्ट हाउस परिसर और 14 जून 2021 को इछावर स्थिति निजी रिसोर्ट में बैठक की थी।
प्राथमिकता वाली योजनाओं पर चर्चा
इस चिंतन बैठक में उन सभी योजनाओं के क्रियान्वयन पर विस्तार से बात होगी, जो सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। अब जिस वर्ग के लिए योजना का संचालन हो रहा है, उसे क्या लाभ मिला और कहीं सुधार की संभावना है, इस पर काम किया जाएगा। समिति के प्रतिवेदन पर विचार करके जो निर्णय लिए जाएंगे, वे नए वित्तीय वर्ष एक अप्रैल 2022 से प्रभावी होंगे। इस चिंतन बैठक के लिए एजेंडा तय करने के लिए भी समिति बनाई गई है। इसमें डॉ. नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह और विश्वास सारंग को रखा गया है। चिंतन बैठक का एजेंडा मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह और विश्वास सारंग की समिति तय कर रही है। सीएम ने कर्मचारियों से संवाद के लिए सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की समिति बनाई है। मंत्री कर्मचारी संगठनों से चर्चा करके उनकी समस्याओं को जानेंगे और चिंतन बैठक में प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।
फ्लैगशिप योजनाओं पर रहेगा जोर
सीएम शिवराज ने अपनी फ्लैगशिप योजनाओं के और बेहतर क्रियान्वयवन के लिए मंत्रियों की एक दर्जन समितियां गठित की हैं। इन समितियों को पचमढ़ी की बैठक से पहले अपनी रिपोर्ट देना है। बैठक में सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इन योजनाओं में सुधार की संभावना होगी, तो इस पर काम किया जाएगा। समिति के प्रतिवेदन पर विचार करके जो निर्णय लिए जाएंगे। वे नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी होंगे। इन योजनाओं में इनमें मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, तीर्थ दर्शन योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, राशन वितरण, गोवर्धन योजना, प्रधानमंत्री शहरी एवं ग्रामीण आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वास्थ्य सेवाओं की योजना शामिल है।