भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष
कमलनाथ ने आज शाम लंबे समय बाद प्रदेश के सभी प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई है। यह बैठक डिनर करने के बहाने से बुलाई गई है। खास बात यह है कि इसमें प्रदेश कांग्रेस के सभी प्रमुख नेताओं के साथ ही सभी पूर्व मंत्रियों को भी बुलाया गया है। इसे आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। इसकी वजह है इस बैठक में उन नेताओं को भी बुलाया गया है जो इन दिनों कमलनाथ से नाराज चल रहे हैं और उन्हें उनका पार्टी में विरोधी माना जाता है। माना जा रहा है कि इस दौरान भोजन की टेबिल पर गिले शिकवे दूर करने का भी काम किया जाएगा। दरअसल इन दिनों पार्टी के कई नेताओं ने नाथ के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
पार्टी सूत्रों की माने तो इस दौरान पार्टी की गतिविधियों से लेकर चुनाव की तैयारियों से जुड़े कई मामलों पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा कमलनाथ द्वारा पूर्व मंत्रियों के साथ शिवराज सरकार की नाकामियों पर भी चर्चा की जाएगी जिसके तहत पूर्व मंत्री से उनके पास रह चुके विभागों में किए जाने वाले फर्जीवाड़ों और उनकी कमियों की जानकारी देने को भी कहा जाएगा, जिससे उन मामलों को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरा जा सके। इसके साथ ही कमलनाथ पूर्व मंत्रियों को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी से पूरी ताकत के साथ प्रदेश में सक्रिय होने के लिए भी कहेंगे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद दो साल में पहली बार कमलनाथ ने दिग्गज नेताओं व पूर्व मंत्रियों को एक साथ भोजन पर बुलाया है। इनमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी जैसे नेतओं पर सभी निगाहें लगी हुई है।
कर सकते हैं एक पद छोड़ने की घोषणा
माना जा रहा है कि कमलनाथ द्वारा नेता प्रतिपक्ष छोड़ने की भी घोषणा की जा सकती है। उनके द्वारा यह पद छोड़े जाने के लंबे समय से कयास लगाए जा रहे हैं। पार्टी के कई नेता भी उनसे एक पद छोड़े जाने की मांग करते आ रहे हैं। कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने के संकेत तीन दिन पहले भी दे चुके हैं। पार्टी जल्द ही नए नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि विधायक डॉ. गोविंद सिंह का नेता प्रतिपक्ष बनना तय है।
राज्यसभा सीट पर भी हो सकती है चर्चा
दो माह बाद रिक्त हो रही प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों में से एक सीट कांग्रेस के खाते में जाना तय है। इस सीट को लेकर अभी से पार्टी नेताओं में खींचतान शुरू हो गई है। राज्यसभा के लिए अरुण यादव भी दावेदार बने हुए हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यादव बुधनी से सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ खड़े हुए थे। इसके बदले पार्टी हाईकमान ने उन्हें राज्यसभा भेजने का वादा किया था। अब उस वादे को निभाने की घड़ी आ गई है। इससे पहले अरुण यादव पार्टी को लेकर मुखर रहे हैं। पिछले दिनों दिल्ली में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। गौरतलब है कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का कार्यकाल जून में पूरा हो रहा है।
एक साथ पूजा कर चौंकाया नाथ व अरुण ने
कमलनाथ और अरुण यादव लंबे अरसे बाद एक साथ यात्रा कर पूजा करने सलकनपुर पहुंवे। दोनों नेताओं को एक साथ देखकर सभी चौंक गए। दोनों नेताओं ने सीहोर जिले के सलकनपुर पहुंचकर मां विजयासन की एक साथ पूजा-अर्चना की। इस तरह साथ आकर दोनों ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनके बीच कोई दूरी नहीं है और मप्र कांग्रेस में सब ठीक चल रहा है। अरुण यादव पार्टी की पिछली बैठकों में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन रविवार को हुए घटनाक्रम के बाद संभावना है कि वे सोमवार को होने वाली बैठक में शामिल हो सकते हैं।
मप्र कांग्रेस में एकता के प्रयास: कमलनाथ की इस भोजन वाली बैठक को एकता के प्रयासों के रुप में देखा जा रहा है। दरअसल आगर कांग्रेस को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करना है तो कांग्रेस नेताओं को एकजुट होकर मोर्चा सम्हालना होगा। यह बात कमलनाथ अच्छी तरह से जानते हैं। बीते आम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता एक जुट होकर चुनाव में उतरे थे , जिसके परिणाम पार्टी के अनुकूल आए थे और कांग्रेस डेढ़ दशक बाद सत्ता में वापसी करने में भी सफल रही थी। यह बातअलग है कि तब विधानसभा चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रुठों को मनाने के लिए यात्रा निकाली थी और इस फ्रंट पर पूरी तरह से मोर्चा सम्हाला था।