भोपाल/मंगल भारत। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
द्वारा दो दिन पहले की गई कलेक्टर -कमिश्नर कांफ्रेंस लगभग आधा दर्जन जिलों के कलेक्टर व एसपी के लिए मुसीबत साबित होने वाली है। इसकी वजह है उनके कामकाज से मुख्यमंत्री द्वारा नाराज होना। इस नाराजगी की वजह से माना जा रहा है कि अब उनका तबादला होना तय है। इसके संकेत मिलना भी शुरू हो गए हैं। इस फेरबदल में उन जिलों के कलेक्टरों की छुट्टी होना तय मानी जा रही है जिनका कामकाज अच्छा नहीं पाया गया है।
इसी तरह से जिन जिलों की कानून व्यवस्था ठीक नहीं पायी गई है, उन जिलों के पुलिस कप्तानों का बदलना भी तय माना जा रहा है। बताया जाता है कि ऐसे पुलिस कप्तानों की संख्या भी आधा दर्जन के करीब है। दरअसल सरकारी की प्राथमिकता वाली पीएम आवास योजना और जल नल योजना में कई जिले फिसड्डी बने हुए हैं। इसी तरह से आदिवासी बाहुल्य इलाकों में कुछ कलेक्टरों के काम से भी सरकार खुश नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कांफ्रेंस में कहा कि झाबुआ में भ्रष्टाचार की बहुत शिकायतें हैं। इसकी वजह से ही कलेक्टर सोमेश मिश्रा को बदला जा सकता है। इसी तरह अलीराजपुर और डिंडोरी में बदलाव की संभावना बनी हुई है। इस बदलाव में वे कलेक्टर भी बदले जा सकते हैं जो अब तक भू-माफिया के खिलाफ अभियान में कमजोर साबित हो रहे हैं। उधर, सीधी, रीवा, खरगोन, रायसेन और बड़वानी के एसपी लॉ एंड आर्डर की समीक्षा में कमजोर साबित हुए हैं। इनमें से रायसेन व खरगौन में तो दो वर्गों के बीच धार्मिक आयोजन के दौरान हिंसक झड़पें तक हो चुकी हैं।
बैन हटाने की तैयारी
प्रदेश में तबादलों पर लगा बैन मई में हट सकता है। बीते साल एक जून को तबादलों से बैन हटा था। इसके बाद से मुख्यमंत्री कार्यालय में समन्वय से ही तबादले हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के विदेश यात्रा से लौटने के बाद बैन हटाने की घोषणा हो सकती है।