भोपl। आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को देखते
हुए मध्यप्रदेश में सियासी हलचल बेहद तेज हो गई है। एक तरफ जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा नवंबर में मध्यप्रदेश में निकलने वाली है तजो वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह भी इसी माह प्रदेश के प्रवास पर आने वाले हैं।
इसके अलावा जनवरी में केंद्र सरकार प्रदेश में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन और राज्य सरकार इनवेस्टर मीट के जरिए भी पार्टी के पद्वा में चुनावी माहौल तैयारी करने जा रही है। अपने जन्मदिन के मौके पर मध्यप्रदेश से देश को चीतों की सौगात देने आए पीएम मोदी अब 24 दिन बाद 11 अक्तूबर को उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण करने एक दिनी प्रवास पर आने वाले हैं।
वे उज्जैन में इस दौरान नवनिर्मित महाकाल लोक के पहले चरण का लोकार्पण कर एक सभा को संबोधित करेंगे। पीएम के इस कार्यक्रम के बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन और केन-बेतवा लिंक परियोजना के भूमि पूजन कार्यक्रम में भी पीएम को मध्यप्रदेश में बुलाने की तैयारी की जा रही है। जबकि दूसरी तरफ सवा माह के अंतराल के बाद ही गृहमंत्री शाह का मध्यप्रदेश दौरा भी तय हो गया है। इसके पहले 21 अगस्त को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राजधानी भोपाल पहुंचकर चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में भाग लिया था। इस दौरान उन्होंने सत्ता और संगठन के दिग्गज नेताओं से प्रदेश को लेकर फीडबैक लिया था। इस बीच 16 अक्टूबर को एक बार फिर ग्वालियर आ रहे हैं। वे यहां कई कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके अलावा प्रदेश के संगठन के नेताओं से चर्चा भी करेंगे।
भाजपा हाईकमान का फोकस प्रदेश पर
चुनाव को देखते हुए भाजपा हाईकमान का पूरा फोकस चुनावी राज्यों में खासतौर पर मप्र पर है। इसके चलते संगठन के केंद्रीय पदाधिकारियों ने भी अपने प्रवास तेज कर दिए हैं। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश की रतलाम, उज्जैन और भोपाल की यात्राएं अभी चल रही हैं। जबकि इसके पहले क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल प्रदेश आदिवासी क्षेत्र झाबुआ, आलीराजपुर, खरगोन और बड़वानी क्षेत्र की एक यात्रा पूरी कर चुके हैं। जबकि प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव आए दिन हर संभाग के दौरे कर रहे हैं। इस दौरान वे कई सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के कार्यकतार्ओं की बैठक भी ले रहे हैं।
राहुल की यात्रा भी इसी अंचल में
अब तक तय तारीख के मुताबिक राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बुरहानपुर से मप्र में 24-25 नवंबर को प्रवेश करेगी। राहुल गांधी की इस यात्रा में मप्र से 5 उप यात्राएं जुड़ेंगी। खंड़वा, इंदौर, उज्जैन, आगर मालवा में ये सभी उपयात्राएं भारत जोड़ो यात्रा में जुड़ेंगी। यह सभी इलाके इसी अंचल के तहत आते हैं। खास बात यह है कि अलग-अलग अंचलों से निकलने वाली उप छात्राओं को भी मुख्य यात्रा में जोड़ने का स्थान इसी अंचल के अलग-अलग जिलों में तय किया गया है।
इसलिए है यह अंचल खास
मालवा निमाढ़ अंचल में जिस पार्टी को जीत मिली है प्रदेश में उसी पार्टी की सरकार अब तक बनी रही है। अगर बीते विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो इस अंचल की 64 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के खते में 35 गई थीं , जिसकी वजह से कांग्रेस डेढ़ दशक बाद प्रदेश की सत्ता में वापसी कर सकी थी। इस चुनाव में भाजपा को महज 26 और निर्दलियों को 3 सीटों पर जीत मिली थी। इस चुनाव में भाजपा को 2013 की तुलना में 28 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था। 2013 में भाजपा ने इस अंचल में 54 तो कांग्रेस ने 9 और एक सीट पर निर्दलीय ने जीत हासिल की थी। इस हिसाब से देखा जाए तो कांग्रेस को बीते चुनाव में 26 सीटों का फायदा हुआ था। गौरतलब है कि प्रदेश का यह वो अंचल है जहां पर बीते कुछ सालों में जयस नामक आदिवासी संगठन का प्रभाव तेजी से बढ़ा है। इस अंचल की आदिवासी बाहुल सीटों पर इस संगठन की मजबूत पकड़ मानी जा रही है। यही नहीं इस संगठन द्वारा अभी से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरने की घोषणा भी की जा चुकी है। इसकी वजह से दोनों ही दलों के सामने नया संकट खड़ा हुआ है। शायद यही वजह है कि दोनों ही दलों का इस अंचल पर फोकस बना हुआ है।