और बढ़ गईं मुश्किलें.
प्रदेश में कई सालों के इंतजार के बाद बामुश्किल से शिक्षक बनने का मौका पा सके युवकों की एक आदेश ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रदेश में हाल ही में 22 हजार युवकों को शिक्षक के पद पर नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं। उन्हें पहले आमद देने के लिए एक पखवाड़े का समय दिया गया था, लेकिन अचानक विभाग ने उस आदेश को रद्द करते हुए उन्हें 9 अप्रैल तक ज्वाइन करना अनिवार्य कर दिया है। यह आदेश जारी होने के बाद नियुक्ति पाने वाले युवकों में हडक़ंप मच गया है। दरअसल इसकी बड़ी वजह है राजधानी में 12 अप्रैल को नवनियुक्त शिक्षकों का एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाना। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी नवनियुक्त शिक्षकों से मिलने वाले हैं। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग के नवनियुक्त सभी शिक्षकों बुलाया जा रहा है। पहले 12 अप्रैल के कार्यक्रम के लिए सिर्फ 2 हजार नवनियुक्त शिक्षकों को बुलाना तय किया गया था , लेकिन अचानक से इस कार्यक्रम में सभी शिक्षकों को बुलाना तय कर लिया गया है।
पंचायत के नाम दर्ज हुई उपलब्धि
आदिवासी बाहुल अनूपपुर जिले की बरतराई ग्राम पंचायत ने लाडली बहना योजना के मामले में अपने नाम बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वह प्रदेश की ऐसी पहली ग्राम पंचायत बन चुकी हैं, जहां पर लाडली बहना योजना के तहत 100 प्रतिशत आवेदन पूर्ण कर लिए गए हैं। यह जानकारी संभागीय आयुक्त शहडोल राजीव शर्मा ने ट्वीट के माध्यम से दी है। उनके द्वारा इस मामले में अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ और उनकी टीम को बधाई दी गई है। दरअसल प्रदेश में इस योजना के फार्म 30 अप्रैल तक भरे जाने हैं।
और विधायक तलाश लाए नदी से शव
खरगोन जिले के महेश्वर में नर्मदा की सहस्त्रधारा में नहाते समय एक व्यक्ति डूब गया, गोताखोरों के तमाम प्रयासों के बाद भी जब वह नहीं मिला तो कांग्रेस के धरमपुरी से कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा मौके पर पहुंचे और नदी में कूंद गए। कुछ देर में ही वे शव को बाहर निकाल लाए। उनके इस कदम की चर्चाएं इलाके में बहुत जोरों पर हैं। दरअसल धार जिले के ग्राम बिलोदा खुर्द से चार लोग नर्मदा स्नान के लिए गए थे। सभी सहस्त्रधारा में उतर गए, तभी बिलीयर्द निवासी कमलेश पाटीदार नदी में डूब गए। काफी देर तक तलाश करने के बाद गोताखोरों को भी दनी में उ तारा गया था ,लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी थी। दूसरे दिन सुबह विधायक मेड़ा रोज की तरह दत्ताश्रम जलकोटी में पूजा के पहले नर्मदा स्नान के लिए पहुंचे थे , तभी उन्हें एक युवक के डूबने का पता चला था। इसके बाद विधायक तत्काल साथियों के साथ नर्मदा में कूद गए और शव को बाहर निकाल लाए।
पंचायती राज की उड़ रहीं धज्जियां
प्रदेश में भले ही सरकार पंचायती राज और महिलाओं के सशक्तिकरण के कितने ही दावे करे, लेकिन वे हवाहवाई ही साबित हो रहे हैं। महिलाओं के जनप्रतिनिधि बनने के बाद उनके पति और अन्य परिजन उनका पूरा कामकाज देखते हैं और अफसर भी ऐसे मामलों में चुप्पी साधे रहते हैं। ऐसा ही एक मामला पार्षदों के प्रशिक्षण शिविर में सामने आया। मामला सतना जिले का है। इस प्रशिक्षिण कार्यक्रम में एक महिला पार्षद की जगह उसके सुसर शामिल हो गए। इस मामले का खुलासा होते ही वहां पर हंगामा खड़ा हो गया। दरअसल रामनगर की वार्ड 9 का है। वहां पर सोनू साकेत पार्षद हैं, लेकिन उनकी जगह उनके ससुर अमृत लाल प्रशिक्षण में शामिल हो गए। हंगामा होने पर उन्हें वहां से बाहर किया गया।