प्रदेश के दो अंचल बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए
बेहद मुफीद रहे थे। यह अंचल हैं विंध्य और बुंदेलखंड। इन दोनों अंचलों मेंं करीब पांच दर्जन विधानसभा की सीटें आती हैं, लेकिन इस बार यह दोनों ही अंचल भाजपा के लिए बेहद कठिन माने जा रहे हैं। यही वजह है कि इन अंचलों पर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के दौरे हो रहे हैं, जिससे की मोदी व शाह के इफेक्ट का फायदा पार्टी को मिल सके। दरअसल भाजपा में यही वो दो बड़े चेहरे हैं, जिनका मतदाताओं पर बड़ा प्रभाव माना जाता है। अब तक प्रदेश संगठन को इन दोनों ही अंचलों को लेकर जो फीडबैक मिला है, उसने चिंताएं बढ़ा रखी हैं। इसकी वजह से ही पार्टी के रणनीतिकारों को नई रणनीति बनानी पड़ रही है। यही वजह है कि अब मोदी व शाह के दौरे इन अंचलों में हो रहे हैं। इसी के तहत आज विंध्य अंचल के रीवा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं। इसके पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी इसी अंचल के सतना जिले का दौरा कर चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश भाजपा प्रभारी मुरलीधर राव भी इस अंचल में लगातार प्रवास कर रहे हैं। उनके पहले क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल भी इन दोनों अंचलों के जिलों में मैदानी कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्र की मैदानी हकीकत का पता लगा चुके हैं। दरअसल भाजपा के लिए विंध्य और बुंदेलखंड अंचल की सीटों को लेकर सत्ता-संगठन व संघ से जो मैदानी फीडबैक मिला है, उसके बाद से पार्टी द्वारा अपनी माइक्रो स्तर पर चुनावी रणनीति को क्रियान्वित करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। दो महीने पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सियासी समीकरण साधने के लिए शबरी जयंती कार्यक्रम और कोल समाज के सम्मेलन को संबोधित कर इस इलाके के दो बड़े वर्ग के मतदाताओं को पार्टी के पक्ष में लाने का प्रयाय किया जा चुका है।
निकाय चुनाव में लग चुका है झटका
दरअसल, विंध्य अंचल बीते कई चुनावों से भाजपा के गढ़ के रूप में बदल चुका था। यही नहीं बीते विधानसभा के आम चुनाव में भी भाजपा इस अंचल से सर्वाधिक सीटें भी मिलीं थीं, लेकिन निकाय चुनाव के दौरान पूरे अंचल में सत्ताधारी दल के प्रति नाराजगी दिखाई दी थी। अंचल के तहत आने वाले सिंगरौली नगर निगम में जहां आम आदमी पार्टी तो वहीं रीवा नगर निगम में कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी को लोगों ने जिता कर अपना आक्रोश जाहिर कर दिया था। इसी तरह से अंचल के सीधी और चुरहट के नतीजों ने भी पार्टी की चिंता बढ़ा रखी है। यही वजह है कि सत्ता-संगठन के बड़े नेता इस अंचल का लगातार दौरा कर लोगों को यह अहसास कराने में जुटे हैं कि क्षेत्र की अनदेखी नहीं की जा रही । दरअसल अंचल के लोगों में सबसे बड़ी नाराजगी की वजह है सर्वाधिक विधायक देने के बाद भी मंत्रिमंडल में की गई उपेक्षा।
दिग्गज लगातार कर रहे हैं प्रवास
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा विंध्य अंचल के लगातार दौरे कर रहे हैं। हाल ही में राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री जामवाल भी इस अंचल में प्रवास कर चुके हैं। अभी प्रभारी पी. मुरलीधर राव रीवा के बाद बुंदेलखंड अंचल के पन्ना और दमोह जिले के प्रवास पर बने हुए हैं। इन जिलों के सभी पदाधिकारियों से क्षेत्र में संगठन के कामकाज और बूथ विस्तार की रिपोर्ट तलब की गई है। नाराज नेताओं को मनाने की कवायद भी चल रही है।
बुंदेलखंड में भी अच्छा नहीं है फीडबैक
बुंदेलखंड अंचल में उपचुनाव के बाद की स्थिति में 26 में से भाजपा के पास 17 सीटें ही हैं। 7 पर कांग्रेस और एक- एक सीट बसपा-सपा के खाते में हैं। इस क्षेत्र की मैदानी रिपोर्ट भी अच्छी नहीं आ रही है। यही वजह है कि इस अंचल में संगठन के लोग लगातार सक्रिय बने हुए हैं। सागर संभाग के सभी पांचों सागर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना और निवाड़ी जिलों में भाजपा हाईकमान की ओर से क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल जमीनी कार्यकर्ताओं की बैठक ले चुके हैं। उनके बाद अब मुरलीधर राव मैदानी फीडबैक से पार्टी हाईकमान को अवगत कराएंगे। इस अंचल में मतदाताओं के साथ ही कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी की बात कही जा रही है। इन अंचल में एंटी इंकबेंसी का भी प्रभाव बहुतायत में माना जा रहा है।
आप व त्रिपाठी भी बन रहे मुसीबत
विंध्य अंचल में कांग्रेस के अलावा आप और भाजपा के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी भी भाजपा के लिए मुसीबत बन रहे हैं। आप की सक्रियता और पृथक विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर त्रिपाठी द्वारा लगातार जलाई जा रही अलख के बाद अब उनके द्वारा अंचल की सभी सीटों पर अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने की योजना है। उनके आंदोलन के प्रभाव के चलते ही भाजपा को इस अंचल में बीते साल हुए उपचुनाव में अपनी मजबूत सीट रैगांव पर हार का सामना करना पड़ गया था। यह परिणाम ऐसे समय आए थे , तब सत्ता व संगठन ने इस उपचुनाव में जीत के लिए पूरी ताकत लगा दी थी।