किसान की डिमांड, कलेक्टर परेशान.
2012 बैच के एक प्रमोटी आईएएस अधिकारी इन दिनों असमंजस से गुजर रहे हैं। वर्तमान में साहब निमाड़ क्षेत्र के एक जिले के कलेक्टर हैं। साहब विगत दिनों जनसुनवाई कर रहे थे, तो इसी दौरान एक किसान ने जनसुनवाई में पहुंचकर उनसे अनोखी मांग कर डाली। उसने कलेक्टर से केदारनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर का टिकट मांगा है। साहब ने इस किसान को फिलहाल आश्वासन दिया है कि वह केदारनाथ क्षेत्र के कलेक्टर से बात कर समस्या का निराकरण कराएंगे। लेकिन साहब को समझ में नहीं आ रहा है कि वे करें तो क्या करें। दरअसल, उक्त किसान पिछले वर्ष बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का लाभ लेना चाहता था। इसके लिए उसने अपना और अपनी पत्नी का आने जाने का टिकट ऑनलाइन बुक किया था। इसके लिए उसने 9000 रुपए चुकाए, लेकिन इसके बाद उसके साथ फ्रॉड हो गया और टिकट नहीं मिल पाए। हालांकि शिकायत के बाद पुलिस ने फ्रॉड करने वाले का खाता फ्रीज करा दिया, लेकिन यह राशि आज तक किसान को वापस नहीं मिली।
साहब की इंजीनियरिंग
प्रदेश की प्रशासनिक वीथिका में इन दिनों आईएएस अधिकारी सुखबीर सिंह चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल, 1997 बैच के यह आईएएस अधिकारी जबसे निर्माण करने वाले विभाग के प्रमुख सचिव बने हैं, विभाग का चरित्र ही बदल गया है। आलम यह है कि साहब निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की खुद जांच पड़ताल करने लगे हैं। कभी सडक़ खुदवाकर तो कभी किसी बिल्डिंग के कॉलम को फोड़वाकर उसकी गुणवत्ता जांचते हैं। साहब के इस रूप ने विभाग के इंजीनियरों के साथ ही ठेकेदारों को पसोपेश में डाल दिया है। गौरतलब है कि साहब जिस विभाग में पदस्थ हैं, उस विभाग में ठेकेदारों और इंजीनियरों की मिलीभगत से बड़े स्तर पर खेल होता है। बताया जाता है कि साहब जबसे विभाग में पदस्थ हुए हैं, उनके डर के मारे इंजीनियर घबराए हुए हैं, वहीं ठेकेदार भी परेशान हैं। हम यहां बता देना चाहते हैं कि साहब ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और निर्माण कार्यों की सारी बारीकियों और तकनीक को बखूबी जानते हैं।
खाली हाथ आए, मकान मालिक बनकर लौटे
रोटी, कपड़ा और मकान किसी भी व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकता होती है। व्यक्ति रोटी, कपड़ा का जुगाड़ तो जैसे-तैसे कर ही लेता है, लेकिन मकान सबके लिए संभव नहीं है। लेकिन 2009 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी ने ऐसा कर दिखाया है। दरअसल, साहब जबसे मालवा क्षेत्र के सबसे बड़े जिले के कलेक्टर बने हैं, तबसे उनकी कोशिश यही रहती है कि कोई भी उनके दर से खाली न जाए। गत दिनों साहब की जनसुनवाई में दो दृष्टिहीन दंपत्ति पहुंचे और उन्हें अपनी परेशानियां बताई। इस पर साहब ने दोनों ही परिवारों को तुरंत मकान दिलवाए और अधिकारियों को आदेश दिया की इनके जीवन के लिए जरूरी सामान भी मुहैया करवाया जाए। जनसुनवाई में वे आए तो खाली हाथ थे, गए तो मकान मालिक बनकर। कलेक्टर ने उन्हें हाथों हाथ आवंटन पत्र भी सौंपा और निर्देश दिए कि नए मकान में किराना, बर्तन, कुर्सी आदि जरूरत के सामान भी तुरंत पहुंचा दिया जाए।
अपने जाल में उलझे आईपीएस
1997 बैच के एक आईपीएस अधिकारी इन दिनों शक्ति केंद्र के रूप में पहचान बना रहे हैं। वर्तमान में साहब महाकौशल क्षेत्र में आईजी के पद पर पदस्थ हैं। साहब जिस राज्य के हैं, उसी राज्य के एक संघी नेता से उनकी खूब पटरी बैठ रही है। मप्र की राजनीति में उक्त नेताजी का दबदबा है। ऐसे में साहब की खूब चल रही है। आलम यह है कि प्रदेशभर के अधिकारी खासकर आईपीएस अधिकारी साहब से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। दावा किया जा रहा है कि साहब जिस पर खुश हो जाते हैं, उसे उसकी मनपसंद जगह पर पदस्थापना करवा देते हैं। लेकिन वर्तमान में साहब खुद ही अपने बनाए जाल में फंस गए हैं। बताया जाता है कि एक सट्टा किंग से लक्ष्मी की कृपा अर्जित करने के बाद साहब की शिकायत ऊपर तक पहुंच गई है। अभी तक दूसरों को परेशानी से मुक्ति दिलाने वाले साहब अब अपने को बचाने के लिए माध्यम ढूंढ रहे हैं। देखना यह है कि साहब को उनके संघी साथी संकट से निकाल पाते हैं या नहीं।
चर्चा में एसपी का ऑडियो
अक्सर सोशल मीडिया पर जब भी किसी नौकरशाह का कोई ऑडियो या वीडियो वायरल होता है तो लोग उसे खूब चटखारे लेकर सुनते और सुनाते हैं। लेकिन इन दिनों निमाड़ क्षेत्र के नीमच एसपी अमित तोलानी का ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसे लोग खूब सराह रहे हैं। दरअसल, शहर व गांवों में इन दिनों नए तरीके से ठगी हो रही है जिसमें बाइक सवार कुछ लडक़े लेपटॉप लेकर घूम रहे हैं। वे लोगों के पास जाकर केवाईसी अपडेट कराने, वृद्धावस्था पेंशन, पीएम आवास आदि के बहाने खाता नंबर व निजी जानकारी निकाल कर ठगी कर रहे हैं। इससे बचने के लिए 1986 बैच के उक्त आईपीएस अधिकारी ने अपने जिले के लोगों को जागरूक करने के लिए यह ऑडियो जारी किया है। बताया जाता है कि यह ऑडियो जिले के अधिकांश लोगों के पास पहुंच गया है। इसका असर यह हो रहा है कि लोग ऐसे अनजान लोगों को अपने पास फटकने नहीं दे रहे हैं। वहीं साहब को भी खूब धन्यवाद दे रहे हैं। यही नहीं कुछ समय पहले तक गांव-गांव घूमने वाले ठगोरे लगभग गायब हो चुके हैं।