समितियों के सहारे चुनावी समीकरण साधेगी भाजपा

मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मप्र में होने वाले विधानसभा चुनाव


को लेकर भाजपा अब फुल इलेक्शन मोड में हैं। चुनाव को लेकर 2 दिन के चुनावी मंथन में भाजपा ने कई अहम फैसले लिए हैं। चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, चुनाव प्रभारी भूपेंद्र सिंह, सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा की मैराथन बैठक में चुनावी रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में तय किया गया है कि तथ्यों और तर्कों के आधार पर कांग्रेस पर हमला किया जाएगा। साथ ही चुनावी समीकरणों को साधने के लिए समितियां बनाई जाएंगी। इन समितियों में नेताओं को जिम्मेदारी देकर मोर्चे पर तैनात किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, चुनाव प्रबंधन के लिए दर्जन भर से ज्यादा कमेटियां बनाई गई हैं, जो अमित शाह की अंतिम मुहर लगने के बाद जारी होंगी। कार्यकताओं को मनाने के लिए हर नेता उनके लिए समय निकलेगा और उनसे हाथ जोडक़र मिलेगा। हर संभाग में मीडिया मैनेजमेंट पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। यहां पर मीडिया से जुड़े दिल्ली के नेताओं की तैनाती होगी। कांग्रेस पर तथ्यों और तर्कों के आधार पर हमला किया जाएगा। दिग्विजय सिंह को बंटाधार और कमलनाथ को कमीशन नाथ के रूप में प्रचारित किया जाएगा। इन नेताओं मोर्चा, प्रकोष्ठों के साथ ही आकांक्षी सीटों के प्रभारियों से भी बात की गई। मीडिया से जुड़े नेताओं की विशेष बैठक की गई। इस मौके पर चुनाव कार्यालय की शुरुआत भी की गई।
आधा दर्जन समितियों में नेताओं के नाम फाइनल
सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जो समितियां बनाई जाना हैं, उनमें से करीब आधा दर्जन समितियों के लिए नेताओं के नाम फाइनल कर दिए हैं। इनका ऐलान अमित शाह के निर्देश पर 19 जुलाई को हो रही पार्टी के आला नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों की मंत्रणा के बाद कर दिए जाने की उम्मीद है। 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा ने जिन समितियों का गठन किया था ,उनमें चुनाव दृष्टि पत्र समिति, जन आर्शीवाद यात्रा समिति, प्रचार-प्रसार साहित्य निर्माण समिति, चुनाव कार्यक्रम समिति, मुख्यमंत्री प्रवास समिति एवं अर्थ संग्रह समिति का गठन किया गया था। इसके अलावा भाजपा विधानसभा चुनाव महाकुंभ, चुनाव आयोग संबंधित विषयक, चुनाव प्रचार रणनीति,राजनैतिक समन्वय, विधानसभा सम्मेलन केंद्रीय एवं प्रादेशिक नेताओं के प्रवास की जिम्मेदारी टीम का गठन कर अलग-अलग नेताओं को सौंपी गई थी। चुनाव प्रबंधन समिति की कमान पार्टी ने पिछले बार भी नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपी थी और सह संयोजक डॉ. नरोत्तम मिश्रा को बनाया था। इस बार भी तोमर पर ही पार्टी ने भरोसा जताया है।
चुनाव को लेकर माइक्रो मैनेजमेंट प्लानिंग
इस चुनाव में भाजपा द्वारा बूथ तक का चुनावी माइक्रो मैनेजमेंट किया जा रहा है। खासतौर पर बूथ कमेटी, पन्ना प्रमुख और अर्धपन्ना प्रमुखों की व्यवस्था में कसावट लाई जा रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि चुनाव को लेकर किस रणनीति के तहत काम किया जाए इसे लेकर बैठक हो रही है। चुनाव को लेकर माइक्रो मैनेजमेंट प्लानिंग की जा रही है। भाजपा पहले से ही चुनावी मैदान में हैं, हम और ज्यादा गहराई के साथ आगे बढ़ रहे हैं। चुनाव से संबंधित जितनी चीजें और बातें हैं, उसे केंद्रीय नेतृत्व के साथ तय किया जा रहा है। वीडी शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के अंदर कांग्रेस गारंटी की बात कर रही है, पर जो गारंटी है वह है 20 लाख करोड़ के घोटाले की गारंटी है। छिंदवाड़ा में या तो कमलनाथ रहते हैं या उनका बेटा नकुल नाथ और अब तो कमलनाथ अपनी बहू भी लांच कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह लगे हैं कि मेरा बेटा कैसे स्थापित हो सके। कांग्रेस भले ही है दिखावा करें कि सब एकजुट हैं, पर उनके ही पूर्व मंत्री और विधायक सज्जन सिंह वर्मा उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं। इंदौर में एक 8 साल के बच्चे का धर्मांतरण का मामला सामने आया है, मध्य प्रदेश के अंदर ना तो लव जिहाद चलेगा, ना लैंड जिहाद और ना ही धर्मांतरण । कांग्रेस आदिवासी यात्रा निकाल रही है लेकिन आदिवासी भाई बहनों को भी पता है 55 साल किसने राज किया था । आदिवासियों के लिए उन्होंने क्या किया…. झूठ बोलकर वोट बैंक के पॉलिटिक्स करते रहे। यह यात्रा झूठ और कपट की यात्रा है।
इनको मिलेगी जिम्मेदारी
गौरतलब है कि चुनाव प्रबंध समिति के सदस्यों के नामों का ऐलान अभी नहीं किया गया है पर जिन नेताओं का समिति में होना तय माना जा रहा है, उनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, हितांनद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा, मुरलीधर राव शामिल हैं। इसके अलावा सीनियर नेता प्रभात झा, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, राजेंद्र शुक्ल, भूपेंद्र सिंह, अरविंद भदौरिया, रामपाल सिंह, लाल सिंह आर्य, जयभान सिंह पवैया, कविता पाटीदार, अर्चना चिटनीस जैसे नेताओं को भी चुनाव से जुड़ी जिम्मेदारी देना तय माना जा रहा है। पिछले चुनाव में भाजपा ने अपने चुनाव दृष्टि पत्र समिति की जिम्मेदारी विक्रम वर्मा को सौंपते हुए उन्हें संयोजक तथा रघुनंदन शर्मा एवं प्रहलाद पटेल को सह संयोजक बनाया था। समन्वयक की जिम्मेदारी डॉ. दीपक विजयवर्गीय को सौंपी गई थी। समिति में सदस्य के तौर पर 27 लोगों को शामिल किया गया था। इसी प्रकार जन आशीर्वाद यात्रा समिति का प्रभारी प्रभात झा को बनाया गया था। जबकि अजय प्रताप सिंह को संयोजक एवं विश्वास सारंग तथा पंकज जोशी को सह संयोजक का दायित्व दिया गया था। स्वर्गीय विजेश लुनावत को समन्वयक बनाया गया था। इसके साथ ही समिति में 17 सदस्य थे। प्रचार-प्रसार साहित्य निर्माण समिति का संयोजक विजेश लुनावत को बनाया गया था। जिसमें पांच सदस्य भी शामिल थे। चुनाव कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति की बागडोर बतौर संयोजक विजेंद्र सिंह सिसोदिया को दी गई थी। जबकि सहसंयोजक आलोक संजर को बनाया गया था। मुख्यमंत्री प्रवास समिति की कमान अरविंद भदौरिया को संयोजक के रूप में और रवींद्र यति को सह संयोजक के तौर पर सौंपी गई थी पार्टी ने अर्थसंग्रह समिति की जवाबदारी वरिष्ठ नेता कृष्ण मुरारी मोघे को संयोजक बनाकर दी थी जिसमे तीन नेताओं राजेंद्र शुक्ल, जयंत मलैया एवं हेमंत खंडेलवाल को सदस्य बनाया गया था। इसके साथ ही पार्टी ने विधानसभा चुनाव महाकुंभ की जिम्मेदारी उमाशंकर गुप्ता को संयोजक बनाकर दी थी। सह संयोजक के तौर पर रामेश्वर शर्मा को शामिल किया गया था। साथ ही 6 नेताओं को सदस्य बनाया गया था। चुनाव आयोग संबधित विषयक के लिए बतौर संयोजक शांतिलाल लोढ़ा को कमान सौंपी गई थी। सह संयोजक के लिए बाबू सिंह रघवंशी को जिम्मेदारी मिली थी। साथ में दो सदस्य भी शामिल किए गए थे। पार्टी ने पिछले चुनाव में चुनाव प्रचार रणनीति की जिम्मेदारी भूपेंद्र सिंह को सौंपी थी। राजनैतिक समन्वय का काम डॉ. नरोत्तम मिश्रा को संयोजक बनाकर सौंपा गया था। उनके साथ सदस्य के तौर पर रामपाल सिंह एवं नारायण त्रिपाठी को शामिल किया गया था। त्रिपाठी अब बागी तेवर अपनाए हुए हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में सम्मेलन की जिम्मेदारी विष्णुदत्त शर्मा को संयोजक बनाकर एवं नरेंद्र पटेल को सहसंयोजक बनाकर सौंपी गई थी। केंद्रीय एवं प्रादेशिक नेताओं के प्रवास की जिम्मेदारी संयोजक के तौर पर विनोद गोटिया एवं सह संयोजक के रूप में राजेश सोलंकी को दी गई थी। इस बार भी इनमें से कई नेताओं का रिपीट होना तय माना जा रहा है।