भाजपा नेता की पत्नी की उत्तर पुस्तिका में भी निकली कांट छांट.
विक्रम विश्वविद्यालय में हुए पीएचडी कांड में अब एक और खुलासा हुआ है। मामले में पूर्व में बनी जांच कमेटी ने जिन 12 अभ्यर्थियों की आंसरशीट में काट-छांट पाई थी, उनमें भाजपा नगर अध्यक्ष विवेक जोशी की पत्नी शिल्पा का नाम भी शामिल है। मार्च 2022 में हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा के अंतर्गत इंजीनियरिंग विषय की प्रवेश परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां हुई थी। इसमें फेल हुए अभ्यर्थियों की आंसरशीट में काट-छांट कर उन्हें पास कर दिया गया था। इस खुलासे के बाद एक जांच कमेटी बनाई थी। जांच कमेटी ने भी जांच में यह पाया था कि इंजीनियरिंग विषय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में 12 आंसर शीट में काट-छांट की गई है। इस मामले में लोकायुक्त द्वारा तीन अभ्यर्थियों सहित 8 लोगों के खिलाफ प्रकरण पहले ही दर्ज किया जा चुका है।
अब विधायक दे सकेंगे 25 हजार रुपए तक स्वेच्छानुदान
प्रदेश में विधानसभा चुनाव से चंद माह पहले शिवराज सरकार ने विधायकों के अधिकार में वृद्धि की है। अब एक बार में वे एक व्यक्ति को 25 हजार रुपये तक का दे सकेंगे। इसी प्रकार संस्थाओं के मामले में यह राशि तीस हजार रुपए तक होगी। इस वर्ष से विधायकों का स्वेच्छानुदान 25 लाख रुपए बढ़ाकर 75 लाख रुपए कर दिया है। इसकी राशि भी एक बार में ही जारी कर दी गई है, ताकि स्थानीय जरूरतों के अनुसार इसका उपयोग किया जा सके। मध्य प्रदेश में अभी विधायक किसी मामले में व्यक्ति की अधिकतम 10 हजार रुपए की सहायता कर सकते थे। संस्था के मामले में यह राशि बीस हजार रुपए थी।
सरपंच पति ने अर्धनग्न कर पीटा, मुंह से उठवाए जूते
प्रदेश के रीवा जिले में एक युवक के साथ अमानवीयता का मामला सामने आया है। युवक को अर्धनग्न कर डंडे और घूसों से पीटा गया। मुंह से जूते उठवाए। मारपीट करने वाला सरपंच पति स्कूल शिक्षा विभाग में क्लर्क है। पिटाई के दौरान आरोपी ने पीड़ित का वीडियो भी बनवाया। वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार जेल भेज दिया है। मामला हनुमना थाना क्षेत्र के पिपराही ग्राम पंचायत का है। आरोपी जवाहर सिंह की पत्नी सरपंच है। दो साल पहले तक 35 साल का युवक सरपंच का पिकअप वाहन चलाता था। इसी दौरान उसने सरपंच के घर के पड़ोस में जमीन खरीद ली थी। जमीन पर सरपंच के परिवार का कब्जा था। इस कारण जवाहर सिंह उससे खुन्नस रखने लगा था।
अब छाता नहीं, खाते में आएंगे पैसे
तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरणपादुका योजना के तहत इस बार बारिश में छाता बांटने की राज्य सरकार की मंशा पर पानी फिर गया है। छातों के टेंडर जारी करने में इतनी देरी हो गई कि छाता बनाने वाली कंपनियों ने 15 लाख छाते सप्लाई से ही हाथ खड़े कर दिए हैं। कोई भी कंपनी तय कीमत में अगले माह तक छाता सप्लाई के लिए तैयार नहीं है। इसकी वजह से अब लघु वनोपज संघ छाते की बजाए हितग्राहियों के खाते में 200 रुपए सीधे डालने की तैयारी कर रहा है। गौरतलब है कि 26 जुलाई को सिंगरौली से सीएम शिवराज सिंह चौहान तेंदूपत्ता संग्राहकों को साड़ी, जूते, चप्पल और पानी की बॉटल बांटने जा रहे हैं। प्रदेश भर में 15 लाख परिवारों को यह सामग्री बांटी जाएगी। इस पर सरकार 260 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।