शाम छह बजे से सुबह 11 बजे तक नहीं होगा पीसीसी में कोई काम

शाम छह बजे से सुबह 11 बजे तक नहीं होगा पीसीसी में कोई काम.

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के मुख्य द्वार पर लगा एक बोर्ड चर्चा का विषय बन गया है। इस बोर्ड पर पीसीसी कार्यालय का कार्यलीन समय सुबह 11 बजे से शाम छह बजे तक। रविवार अवकाश लिखा हुआ था। जैसे ही यह बोर्ड लोगों की नजरों में आया, वैसे ही इसकी चर्चा शुरू हो गई। जब यह मामला बढऩे लगा तो कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने खुद ही बोर्ड तोड़ दिया। इधर, भाजपा ने पीसीसी का समय निर्धारित करने पर तंज कसा है। बोर्ड को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरू होने के बाद प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी और अमित शर्मा ने उसे हटा दिया। इधर, सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि अभी पीसीसी में रेनोवेशन का काम चल रहा है। असल में जो कारीगर, कारपेंटर काम कर रहे हैं, उनको सही टाइम नहीं मिल पा रहा है। 11 से 6 बजे तक और संडे ऑफ करके एक दो वीक में काम कम्पलीट हो जाएगा। इसलिए अभी यह निर्णय लिया गया है।

मांग: बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए भारत हर संभव कदम उठाए
बांग्लादेश में हुई हिंसा के बीच वहां रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा की मांग विश्व हिन्दू परिषद ने केंद्र सरकार से की हैं। विहिप के प्रातीय मंत्री राजेश जैन ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता के दौरान यह मांग की। जैन ने कहा कि बांग्लादेश हिंसा और अराजकता से ग्रसित है। वहां हिन्दू अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और घरों एवं हिंदुओं की आस्था व विश्वास के केंद्र मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में पीडि़त अल्पसंख्यक हिंदुओं की हालत बद से बदतर होती जा रही हैं। जैन ने कहा कि विश्व समुदाय की यह जवाबदारी है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व उनके मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई करें।

गृह जिले से बाहर रहने वाले युवाओं को मिले ऑनलाइन मतदान करने का अधिकार
सतना सांसद गणेश सिंह ने गृह जिले से बाहर रह रहे युवाओं को बैलेट पेपर या ऑनलाइन वोटिंग करने का अधिकार दिए जाने की बात लोकसभा में कही है। बीजेपी सांसद ने लोकसभा में कहा कि वोटिंग प्रतिशत गिरने के कारणों में एक वजह यह भी है कि अधिकांश युवा पढऩे अथवा जॉब करने के सिलसिले में बाहर रहते हैं। वे वोटिंग नहीं कर पाते हैं। अगर ये अधिकार दिए जाते हैं, तो निश्चित वोट प्रतिशत बढ़ेगा और युवा चुनाव में रुचि लेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे युवाओं को चुनाव के समय वापस घर आने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे कि तत्काल टिकट न मिल पाना, पढ़ाई के कारण समय का अभाव, छुट्टी न मिल पाना और आवागमन में आर्थिक व्यय की क्षति होती है। इसलिए वे अपने मताधिकार का उपयोग नहीं कर पाते हैं।

इमरती देवी पर दिए विवादित बयान के मामले में जीतू पटवारी को झटका
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को जबलपुर हाईकोर्ट से झटका लगा है। भाजपा नेत्री इमरती देवी पर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में डबरा जिले में दर्ज अपराधिक केस की सुनवाई एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट द्वारा ही की जाएगी। हाईकोर्ट जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की याचिका खारिज करते हुए यह आदेश जारी किए हैं। पटवारी की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि, जब उन्होंने कथित अपराध किया वह विधायक नहीं थे और वर्तमान में भी विधायक नहीं है। इसलिए उनके खिलाफ एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट में मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए। एकलपीठ ने ने कहा कि विशेष विचार की आवश्यकता देश की राजनीति में अपराधीकरण की बढ़ती लहर के कारण और निर्वाचित प्रतिनिधियों वर्तमान या पूर्व के पास प्रभावी अभियोजन को प्रभावित करने या बाधित करने की शक्ति के कारण है। जन प्रतिनिधि अपने मतदाताओं के विश्वास और भरोसे के भंडार होते हैं, इसलिए निर्वाचित व्यक्ति के पूर्ववृत्त के बारे में जागरूक होना आवश्यक है।

preload imagepreload image
17:11