देश में पहली बार डिजिटल जनगणना

इस बार जनगणना में पूछे जाएंगे 34 सवाल

भोपाल/मंगल भारत। देश में जनगणना की तैयारी शुरू हो गई है। पहली बार यह जनगणना पूरी तरह से डिजिटल होगी। प्रगणक (जनगणना करने वाले) घर-घर जाकर जानकारी एकत्र करेंगे। इसके लिए मोबाइल एप तैयार कर लिया गया है। प्रति प्रगणक 25,000 रुपए का भुगतान किया जाएगा। जनवरी 2025 से जनगणना का काम शुरू हो सकता है। 31 दिसंबर 2024 तक सभी जिलों और गांवों की सीमाएं फ्रीज कर दी जाएंगी। ताकि जनगणना के समय कोई बदलाव न हो। मकान की गिनती के बाद लोगों की जानकारी दूसरे चरण में ऑनलाइन फॉर्म में दर्ज की जाएगी। इसमें 34 प्रकार के सवाल पूछे जाएंगे, जिनमें प्रमुख रूप से घर का मुख्य अनाज, खाना पकाने के लिए ईंधन, पीने के पानी का स्रोत, शौचालय की सुविधा, वाहन की उपलब्धता, आदि शामिल होंगे। हर व्यक्ति को एक आईडी नंबर प्रदान किया जाएगा। इस बार बैंक खातों की जानकारी नहीं मांगी जाएगी। इसके बजाय, मोबाइल नंबर की जानकारी ली जाएगी और इसे डिजिटल फॉर्म में भरा जाएगा। इसके पहले जनगणना दो चरणों में होती थी इसमें हाथ से एंट्री होती थी, इसके बाद इसके ऑनलाइन फीड किया जाता था फिर सत्यापन होता था। इसमें डेढ़ से दो वर्ष का समय लगता था। परिणाम भी दो वर्ष बाद जारी होते थे। दरअसल भारत रजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय वर्ष 2025 में प्रदेश सहित देशभर में एक साथ जनगणना करा सकता है। इस बार जनगणना डिजिटल और मोबाइल ऐप आधारित होगी, जिससे एक ही चरण में जनगणना पूरी हो जाएगी। परिणाम 6 माह में आ जाएंगे। इसमें लोगों से बैंक खाते, इंटरनेट उपयोग और आहार के संबंध में सवाल किए जा सकते हैं। इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब तय समय पर (10 वर्ष में) 2021 में जनगणना नहीं हो सकी। इसकी मुख्य वजह कोरोना संक्रमण था। इसके बाद लोकसभा और विधानसभा चुनाव आ गए।
जनगणना के बाद बदलेंगी स्थितियां
जनगणना के बाद देश में कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं। केन्द्र सरकार जनसंख्या के आधार पर राज्यों के लिए विभिन्न योजनाओं के हिसाब से राशि जारी करती है। इसके अलावा खाद्यान्न सुरक्षा में कोटा, स्वास्थ्य के लिए अस्पताल, शिक्षा के लिए स्कूल, सडक़, पानी, बिजली सहित अन्य योजनाओं का लाभ जनसंख्या के आधार पर राज्यों को दिया जाता है। वर्तमान में जो भी योजनाएं सरकार से लॉन्च की जा रही हैं,वह वर्ष 20211 की जनगणना के मान से की जाती है। जनगणना के बाद सरकार के सामने ये आंकड़े आ जाएंगे कि राज्यों में जनसंख्या कितनी है। कितने लोगों के पास कच्चे-पक्के आवास, वाहन, भूखंड, रोजगार, उद्योग-धंधे और कितने बेरोजगार हैं। कितने लोग गरीबी से जकड़े हुए हैं। किसानों की स्थिति क्या, खेती किसानी में कितने किसान तकनीक का उपयोग करते हैं। आंगनवाड़ी, स्कूल, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे अन्य सुविधाओं की तस्वीर भी सामने आ जाएगी। मप्र जनगणना कार्यालय की रजिस्ट्रार भावना बालिंबे का कहना है कि जनगणना की तैयारी हमारे यहां से पूरी है। भारत रजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय के माध्यम से जो दिशा निर्देश आएंगे, उसके आधार पर काम शुरू किया जाएगा। अभी तक जनगणना और उसके सवालों के संबंध में कोई जानकारी नहीं आई है।
सवाल आपको चौकाएंगे
इस बार जनगणना के दौरान ऐसे-ऐसे सवाल पूछे जाएंगे जो आपको चौकाएंगे। जन जागरुकता अभियान चलेंगे जिससे लोग सवालों का सही जवाब दे सकें। इस बार मोबाइल ऐप से जनगणना होगी। हालांकि अभी सवालों का निर्धारण नहीं हो पाया है। जनगणना के संभावित सवाल ऐसे हो सकते हैं- घर में मुख्य रूप से कौन सा अनाज खाते हैं? खाना पकाने के लिए किस प्रकार के ईंधन का उपयोग किया जाता है? पीने के पानी का मुख्य स्रोत क्या है? बिजली की सुविधा का स्रोत क्या है? शौचालय की स्थिति क्या है? गंदे पानी का निकास कहां होता है? घर में नहाने की सुविधा उपलब्ध है या नहीं? क्या आपके पास साइकिल, स्कूटर, या मोटरसाइकिल है? सरकार के विभिन्न विभागों ने अपनी जरूरत और योजनाओं से जुड़े सवालों के जवाब भारत रजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय को भेज दिए हैं। कार्यालय इसकी स्क्रूटनी भी कर चुका है। भारत रजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय द्वारा जनगणना की पहले तारीख जारी होगी। बाद में राज्य कार्यालयों को सवालों के चार्ट भेजे जाएंगे।