प्रदेश में भले ही सरकार ने तबादलों पर से प्रतिबंध नहीं हटाया है, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में जारी किए गए निर्देश के बाद तबादलों का दौर शुरु हो गया है। माना जा रहा है कि करीब सात सौ अफसरों को इसी हफ्ते नई पदस्थापना दी जाएगी। यह वे अफसर होंगे जो बीते विधानसभा चुनाव के दौरान मैदानी पदस्थापना में रहे हैं। यही वजह है कि बीते दो दिनों मे करीब सवा दौ सौ अफसरों के तबादले आदेश जारी किए गए हैं । इनमें पुलिस के करीब 102 सूबेदार और रक्षित निरीक्षकों के अलावा 106 राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों के तबादला आदेश जारी किए जा चुके हैं। इनमें अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर स्तर के अफसर शामिल हैं। इनके अलावा निरीक्षक से लेकर एएसपी स्तर के ऐसे ही अन्य अधिकारियों के तबादलों को लेकर पुलिस मुख्यालय में कवायद तेज हो गई है। इसी तरह मंत्रालय में भी राजस्व और सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी ऐसे अफसरों की सूची तैयार करने में लगे हुए हैं। चुनावी तैयारियों का जायजा लेने भोपाल के दौरे पर आए आयोग के उपचुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार और संदीप सक्सेना ने सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों को एक सप्ताह में तबादला और पदस्थापना करने के निर्देश दिए थे। पुलिस मुख्यालय से सूबेदार से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों तक के तबादले की सूची मांगी गई है। सूत्र बताते हैं कि पीएचक्यू को 25 जुलाई की समय सीमा दी गई है। राज्य शासन को चुनाव आयोग को 10 अगस्त को रिपोर्ट सौंपना है।
इसके बाद भी कुछ अधिकारी और ऐसे बचे हैं, जो चुनाव आयोग के पैमाने पर मौजूदा जगह पर पदस्थ नहीं रह सकते हैं। ऐसे सभी राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों के तबादले अगले एक सप्ताह में किए जाएंगे। इसी तरह राजस्व विभाग को तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के बड़े पैमाने पर तबादले करने होंगे। पिछले दो दिन से तबादला सूची तैयार हो रही है।
इधर, पुलिस मुख्यालय में भी इस संबंध में मशक्कत चल रही है। पुलिस मुख्यालय तीन साल और गृह नगर में पदस्थ अधिकारियों के तबादला आदेश पहले जारी कर चुका है। अब नए फरमान के तहत पीएचक्यू मैदानी पदस्थापना में रहे एएसपी स्तर तक के अधिकारियों की सूची बना रहा है। सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग के नए निर्देशों की परिधि में करीब 200 निरीक्षक, 100 डीएसपी और 50 एएसपी आ सकते हैं।