कलेक्टर की पत्नी के एनजीओ की ब्रांडिंग का माध्यम बना सीएम डैशबोर्ड

प्रदेश में सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की जानकारी के लिए शुरु किए गए सीएम डैशबोर्ड को एक सरकार के चहेते आईएएस अफसर व इंदौर के कलेक्टर निशांत वरवड़े ने अपनी पत्नी के एनजीओ की ब्रांडिंग का माध्यम बना लिया है। खास बात यह है कि इस पर मुख्यमंत्री व सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना लाड़ली लक्ष्मी तक के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। इसके बाद भी इस पर श्री वरवड़े की पत्नी अमिता चांद के एनजीओ ‘रन भोपाल रन’ की ब्राडिंग की जा रही है। डैशबोर्ड पर इस एनजीओ को वरवड़े के भोपाल कलेक्टर रहते हुए जगह दी गई थी। डैशबोर्ड पर वरवड़े दंपत्ती के नाम के साथ एनजीओ की स्थापना, उद्देश्य, वार्ड इवेंट और पार्टनर की पूरी जानकारी दी गई है। खास बात यह है कि इस डैशबोर्ड में जितनी मेहरबानी एनजीओ पर की गई है, उतनी ही सरकारी योजनाओं की उपेक्षा की गई है। इस पर लाड़ली लक्ष्मी योजना का सिर्फ नाम है, लेकिन इसकी जानकारी गायब है। डैशबोर्ड की शुरुआत महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में एक प्लेटफार्म पर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए की गई थी। स्टेेट एजेंसी फॉर पब्लिक सर्विसेस के संचालक सीएम मिश्रा ने बताया कि यह डैशबोर्ड अभी आम लोगों के लिए शुरू नहीं किया गया है। इसमें सिर्फ संबंधित विभाग, कलेक्टर कमिश्नर ही अपनी आईडी से जानकारी देते हैं।
यह है सीएम डैशबोर्ड
डैशबोर्ड जनता कल्याणकारी योजनाएं जैसे- मध्यान्ह भोजन, लाड़ली लक्ष्मी , जननी सुरक्षा, इंदिरा आवास आदि की जानकारी और आंकड़े व्यवस्थित रखने के लिए बनाया गया है। इस पर प्रदेश की पूरी तस्वीर पेश की जाना है, ताकि प्रशासनिक निर्णय लेने में इसका उपयोग किया जा सके। अब अफसरों का तर्क है कि अभी सीएम डैशबोर्ड पर उपलब्ध डाटा विभाग के ही लोग देख सकते हैं। जबकि, रन भोपाल रन की विस्तृत जानकारी इस पर कोई भी देख सकता है।
इनका कहना है
सीएम डैशबोर्ड पब्लिक डीमेन नहीं है। इस पर विश्लेषणात्मक आंकड़े उपलब्ध है। अन्य कल्याणकारी योजनाओं और अन्य जानकारी के बारे में मुझे देखना पड़ेगा।
बी चंद्रशेखर, सचिव, मुख्यमंत्री एवं लोकसेवा