राज्य सरकार द्वारा चुनावी साल में प्रदेश के कुछ बाबाओं को दिए गए राज्यमंत्री के दर्जा से अब कई अन्य साधु संतों में भी सत्ता का लालसा दिखने लगी है। हाल ही में ऐसे करीब एक दर्जन बाबाओं के नाम सामने आए हैं जो चुनावी समर में उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार बताए जा रहे हैं। इनमें से कुछ तो पूरी तरह से चुनावी मोड में दिखने लगे हैं। कुछ बाबाओं ने तो अभी से बाकायदा जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं कुछ ने वहीं, कुछ धार्मिक आयोजनों के जरिए मतदाताओं पर अपनी पकड़ बनाना शुरु कर दी है। चुनाव के दौरान टिकट की चाह सर्वाधिक भाजपा से पाल रखी है। इसकी वजह है भाजपा की प्रदेश सरकार द्वारा कंप्यूटर बाबा, योगेन्द्र गिरी, अखिलेश्वरानंद को दिया गया मंत्री का दर्जा। वहीं, साधवी उमा भारती और योगी आदित्यनाथ भी मठ-अखाड़ों से निकलकर सीएम हाउस तक भाजपा के जरिए ही पहुंचे हैं। हालांकि, चुनाव में उतरने की मंशा रखने वाले बाबा किसी भी दल से चुनावी मैदान मे उतरने को तैयार दिख रहे हैं। सिवनी की केवलारी से खड़ेश्वरी बाबा पूरी तरह से चुनाव में उतरने को तैयार हैं। कंप्यूटर बाबा उन्हें भाजपा से टिकट दिलाने के प्रयास कर रहे हैं। उज्जैन उत्तर से आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर आचार्य शेखर का नाम भी चुनाव के लिए चर्चा में है।
निर्दलीय लडऩे को भी तैयार
महंत प्रताप गिरी ने रायसेन जिले की सिलवानी विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। वे लगातार जनसंपर्क भी कर रहे हैं। गिरी का कहना है कि किसी दल से टिकट मांगने नहीं जाएंगे। भाजपा टिकट देगी तो वह यह उनकी प्राथमिकता होगी, लेकिन कांग्रेस से भी टिकट मिला तो चुनाव लड़ लेंगे। अगर किसी ने भी टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। गिरी किसी भी उत्पाद के पैकेट पर भगवान के चित्र छापने के खिलाफ भी अभियान रहे हैं।
किसी भी दल से उतरने को तैयार
डॉ. अवधेशपुरी ने उज्जैन दक्षिण में ताल ठोंकी है। उनकी पहली पसंद भाजपा है, लेकिन टिकट नहीं मिला तो किसी दूसरे दल से भी चुनाव लडऩे की तैयारी है। अवधेशपुरी सिंहस्थ समन्वय समिति के अध्यक्ष और अखाड़ा परिषद उज्जैन के महामंत्री रहे हैं। वे रामचरित मानस पर पीएचडी कर चुके हैं। वहीं, उज्जैन दक्षिण से वर्तमान में भाजपा के मोहन यादव विधायक है।
चुनाव का फैसला सीएम पर छोड़ा
नर्मदा संरक्षण समिति के सदस्य बनकर राज्यमंत्री का दर्जा हासिल करने वाले कंप्यूटर बाबा फिलहाल चुनाव नहीं लडऩा चाहते, लेकिन उनका कहना है कि अगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदेश करेंगे तो फिर वे लडऩे का विचार कर सकते हैं। कंप्यूटर बाबा ने 2014 में आम आदमी पार्टी से टिकट मांगा था। उस समय बाबा भाजपा के खिलाफ थे।
मैं निर्दलीय उतरूंगा
नाथ संप्रदाय के अनुयायी योगी रविनाथ महिवाले रायसेन जिले के उदयपुरा सीट के लिए तपस्या कर रहे हैं। वे निर्दलीय चुनाव लडऩा चाहते हैं। योगी आदित्यनाथ को उत्तरप्रदेश की कमान मिलने के बाद उनकी उम्मीदें ज्यादा बलवती हुई है। योगी रविनाथ ने इस क्षेत्र में नर्मदा में अवैध खनन के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है। उदयपुरा से अभी भाजपा के रामकिशन पटेल विधायक हैं।